जीवन में नैतिक आचरण के सन्दर्भ में आपको किस विख्यात व्यक्तित्व ने सर्वाधिक प्रेरणा दी है? उसकी शिक्षाओं का सार प्रस्तुत कीजिए। विशिष्ट उदाहरण देते हुए वर्णन कीजिए कि आप अपने नैतिक विकास के लिए उन शिक्षाओं को किस प्रकार ...
मूल्य क्या हैं? केंद्रीय तत्त्वों पर प्रकाश डालिये परिचय: मूल्य वे मौलिक मान्यताएँ और मानक होते हैं जो व्यक्तियों और समाजों के व्यवहार और निर्णय-निर्माण को मार्गदर्शित करते हैं। ये व्यक्तित्व और सामाजिक पहचान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1. परिभाषा और महत्व: मूल्य वे गहरे विश्वास होतRead more
मूल्य क्या हैं? केंद्रीय तत्त्वों पर प्रकाश डालिये
परिचय: मूल्य वे मौलिक मान्यताएँ और मानक होते हैं जो व्यक्तियों और समाजों के व्यवहार और निर्णय-निर्माण को मार्गदर्शित करते हैं। ये व्यक्तित्व और सामाजिक पहचान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1. परिभाषा और महत्व: मूल्य वे गहरे विश्वास होते हैं जो दृष्टिकोण, क्रियाएँ, और निर्णयों को प्रभावित करते हैं। ये व्यक्तिगत और सामूहिक नैतिकता को आकार देते हैं।
2. केंद्रीय तत्त्व:
- नैतिकता और आदर्श: मूल्य नैतिक व्यवहार और निर्णय-निर्माण को आधार प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, ईमानदारी से पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा मिलता है।
- सामाजिक समरसता: आदर और न्याय जैसे मूल्य सामाजिक सामंजस्य और आपसी समझ को प्रोत्साहित करते हैं, जैसे महिला सुरक्षा के लिए हालिया प्रयास।
- व्यक्तिगत संतोष: ईमानदारी और परिश्रम जैसे मूल्य व्यक्तिगत विकास और सफलता की दिशा में प्रेरित करते हैं, जैसे स्वच्छता अभियान में भागीदारी।
निष्कर्ष: मूल्य व्यक्तियों और समाजों की क्रियावली को दिशा देते हैं और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं।
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सामाजिक मूल्य बनाम आर्थिक मूल्य सामाजिक मूल्य और आर्थिक मूल्य दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सामाजिक मूल्य अक्सर अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये समावेशी संवृद्धि को सुनिश्चित करते हैं। सामाजिक मूल्य की महत्ता: उदाहरण: भारत की स्वच्छ भारत मिशन (2014) ने सामाजिक मूल्य जैसे स्वच्छता और स्वास्थ्य कोRead more
सामाजिक मूल्य बनाम आर्थिक मूल्य
सामाजिक मूल्य और आर्थिक मूल्य दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सामाजिक मूल्य अक्सर अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये समावेशी संवृद्धि को सुनिश्चित करते हैं।
सामाजिक मूल्य की महत्ता: उदाहरण: भारत की स्वच्छ भारत मिशन (2014) ने सामाजिक मूल्य जैसे स्वच्छता और स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया। इससे केवल पर्यावरण की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, बल्कि समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी, जिससे आर्थिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से समावेशी विकास को बल मिला।
आर्थिक मूल्य की सीमा: उदाहरण: एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड नीति के तहत, 2023 में भारत ने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया, लेकिन इसके साथ ही गरीब और आदिवासी क्षेत्रों की अनदेखी की। इसने विकास के लाभ को पूरी तरह से समाज के सभी वर्गों तक नहीं पहुँचाया।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि सामाजिक मूल्य, जैसे समानता और समावेशिता, आर्थिक विकास के साथ मिलकर समावेशी और स्थायी विकास को सुनिश्चित करते हैं।
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