शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, यह व्यक्ति के समग्र विकास और सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है।” उपरोक्त कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.इ.पी., 2020) का परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2020]
मूल्य क्या हैं? केंद्रीय तत्त्वों पर प्रकाश डालिये परिचय: मूल्य वे मौलिक मान्यताएँ और मानक होते हैं जो व्यक्तियों और समाजों के व्यवहार और निर्णय-निर्माण को मार्गदर्शित करते हैं। ये व्यक्तित्व और सामाजिक पहचान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1. परिभाषा और महत्व: मूल्य वे गहरे विश्वास होतRead more
मूल्य क्या हैं? केंद्रीय तत्त्वों पर प्रकाश डालिये
परिचय: मूल्य वे मौलिक मान्यताएँ और मानक होते हैं जो व्यक्तियों और समाजों के व्यवहार और निर्णय-निर्माण को मार्गदर्शित करते हैं। ये व्यक्तित्व और सामाजिक पहचान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1. परिभाषा और महत्व: मूल्य वे गहरे विश्वास होते हैं जो दृष्टिकोण, क्रियाएँ, और निर्णयों को प्रभावित करते हैं। ये व्यक्तिगत और सामूहिक नैतिकता को आकार देते हैं।
2. केंद्रीय तत्त्व:
- नैतिकता और आदर्श: मूल्य नैतिक व्यवहार और निर्णय-निर्माण को आधार प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, ईमानदारी से पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा मिलता है।
- सामाजिक समरसता: आदर और न्याय जैसे मूल्य सामाजिक सामंजस्य और आपसी समझ को प्रोत्साहित करते हैं, जैसे महिला सुरक्षा के लिए हालिया प्रयास।
- व्यक्तिगत संतोष: ईमानदारी और परिश्रम जैसे मूल्य व्यक्तिगत विकास और सफलता की दिशा में प्रेरित करते हैं, जैसे स्वच्छता अभियान में भागीदारी।
निष्कर्ष: मूल्य व्यक्तियों और समाजों की क्रियावली को दिशा देते हैं और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं।
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शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन परिचय "शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है" - यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास कRead more
शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन
परिचय
“शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है” – यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करती है।
समग्र विकास
एन.ई.पी. 2020 विविधतापूर्ण शिक्षा पर जोर देती है, जैसे कि मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच और वैकल्पिक पाठ्यक्रम। इससे छात्रों को व्यापक ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है। अनौपचारिक शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग को भी प्राथमिकता दी गई है, जिससे छात्रों की समग्र क्षमता निखरती है।
सामाजिक बदलाव
नीति के तहत समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है, जैसे कि नीति और योजनाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों के लिए विशेष प्रावधान। अक्षमता और अल्पसंख्यक समूहों को ध्यान में रखते हुए कई पहल की गई हैं, जिससे सामाजिक समानता और उन्नति को बल मिलता है।
उदाहरण
हाल ही में ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ और ‘नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम’ की स्थापना ने शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास करती हैं, जिससे शिक्षा एक सशक्त बदलाव का माध्यम बनती है।
निष्कर्ष
एन.ई.पी. 2020 शिक्षा को न केवल एक निषेधाज्ञा के रूप में बल्कि एक प्रभावी और व्यापक साधन के रूप में प्रस्तुत करती है, जो व्यक्ति और समाज के समग्र विकास और बदलाव में सहायक है।
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