“मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि किसी राष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त और सुंदर मनों वाला बनाना है, तो उसमें समाज के तीन प्रमुख लोग अंतर ला सकते हैं। वे हैं पिता, माता एवं शिक्षक ।” – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम । ...
गुरु नानक देव की शिक्षाएं आज के युवाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं: समानता और भाईचारा: गुरु नानक ने जाति, धर्म, और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने समानता और मानवता के सिद्धांत को बढ़ावा दिया, जो आज के समाज में भी विविधता और सामंजस्य को प्रोत्साहित करता है। ईमानदारी और मेहनत: गुरु नानक नेRead more
गुरु नानक देव की शिक्षाएं आज के युवाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं:
समानता और भाईचारा: गुरु नानक ने जाति, धर्म, और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने समानता और मानवता के सिद्धांत को बढ़ावा दिया, जो आज के समाज में भी विविधता और सामंजस्य को प्रोत्साहित करता है।
ईमानदारी और मेहनत: गुरु नानक ने सच्चे प्रयास और ईमानदारी की महत्ता को रेखांकित किया। उनका संदेश युवाओं को प्रेरित करता है कि मेहनत और ईमानदारी से ही सफलता प्राप्त होती है।
सर्वधर्म समभाव: उन्होंने सभी धर्मों और पंथों के प्रति सम्मान की बात की। यह सिखाता है कि विविधता को अपनाना और एकता बनाए रखना आवश्यक है।
सेवा और दया: गुरु नानक ने मानवता की सेवा और दया की प्रेरणा दी। युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारी और दूसरों की मदद करने का संदेश मिलता है।
ये शिक्षाएं आज के युवाओं को एक नैतिक और सशक्त जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं।
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भ्रष्टाचार-मुक्त समाज और प्रमुख समाजिक सदस्य ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने स्पष्ट किया कि एक भ्रष्टाचार-मुक्त और नैतिक समाज का निर्माण करने में पिता, माता, और शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन तीनों का प्रभाव बच्चों के मानसिक विकास और नैतिकता पर गहरा असर डालता है। पिता और माता: पारिवारिक मूल्यों औRead more
भ्रष्टाचार-मुक्त समाज और प्रमुख समाजिक सदस्य
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने स्पष्ट किया कि एक भ्रष्टाचार-मुक्त और नैतिक समाज का निर्माण करने में पिता, माता, और शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन तीनों का प्रभाव बच्चों के मानसिक विकास और नैतिकता पर गहरा असर डालता है।
पिता और माता:
पारिवारिक मूल्यों और नैतिकता की नींव घर से ही पड़ती है। मुकुल रोहतगी, भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल, ने अपने परिवार के सिद्धांतों को लेकर पारदर्शिता और ईमानदारी को अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी में लागू किया। परिवार के आचार-व्यवहार से बच्चे समाज में नैतिकता और जिम्मेदारी सीखते हैं।
शिक्षक:
शिक्षक बच्चों को ज्ञान और मूल्य सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अशोक शर्मा, एक प्रमुख शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता, ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सामाजिक समावेशिता के सिद्धांतों पर जोर दिया, जिससे विद्यार्थियों में समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव पैदा हुआ।
इन प्रमुख समाजिक सदस्यों की भूमिका से बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलता है, जो भविष्य में एक ईमानदार और नैतिक समाज की नींव रखता है।
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