शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, यह व्यक्ति के समग्र विकास और सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है।” उपरोक्त कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.इ.पी., 2020) का परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2020]
सहिष्णुता और सहानुभूति में विभेद 1. सहिष्णुता: सहिष्णुता का मतलब है दूसरों की भिन्नता को स्वीकार करना और सम्मान देना, भले ही व्यक्ति की अपनी राय अलग हो। उदाहरण के लिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों की स्वीकृति दर्शाती है कि समाज की विविधता को स्वीकारने में सहिष्णुता की भूमिका है। 2. सहRead more
सहिष्णुता और सहानुभूति में विभेद
1. सहिष्णुता: सहिष्णुता का मतलब है दूसरों की भिन्नता को स्वीकार करना और सम्मान देना, भले ही व्यक्ति की अपनी राय अलग हो। उदाहरण के लिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों की स्वीकृति दर्शाती है कि समाज की विविधता को स्वीकारने में सहिष्णुता की भूमिका है।
2. सहानुभूति: सहानुभूति का मतलब है दूसरों के दुःख और समस्याओं को समझना और उनकी मदद करने की इच्छा रखना। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान स्वयंसेवी संगठनों और सरकारी अधिकारियों ने संक्रमित लोगों के इलाज और राहत कार्य में सहानुभूति दिखाई।
अभिवृत्ति और अभिक्षमता में विभेद
1. अभिवृत्ति: अभिवृत्ति एक व्यक्ति की मानसिकता या रवैया है। एक सकारात्मक अभिवृत्ति का उदाहरण आईएएस अधिकारियों की चुनौतियों के प्रति उत्साही दृष्टिकोण है।
2. अभिक्षमता: अभिक्षमता किसी विशेष क्षेत्र में प्राकृतिक क्षमता या कौशल है। उदाहरण के लिए, गणितीय अभिक्षमता वित्तीय योजना और डेटा विश्लेषण में महत्वपूर्ण होती है, जैसे कि यूपीएससी परीक्षा के अंक गणना में उम्मीदवारों की सफलता।
इन भेदों को समझना व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में मदद करता है।
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शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन परिचय "शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है" - यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास कRead more
शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन
परिचय
“शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है” – यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करती है।
समग्र विकास
एन.ई.पी. 2020 विविधतापूर्ण शिक्षा पर जोर देती है, जैसे कि मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच और वैकल्पिक पाठ्यक्रम। इससे छात्रों को व्यापक ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है। अनौपचारिक शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग को भी प्राथमिकता दी गई है, जिससे छात्रों की समग्र क्षमता निखरती है।
सामाजिक बदलाव
नीति के तहत समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है, जैसे कि नीति और योजनाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों के लिए विशेष प्रावधान। अक्षमता और अल्पसंख्यक समूहों को ध्यान में रखते हुए कई पहल की गई हैं, जिससे सामाजिक समानता और उन्नति को बल मिलता है।
उदाहरण
हाल ही में ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ और ‘नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम’ की स्थापना ने शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास करती हैं, जिससे शिक्षा एक सशक्त बदलाव का माध्यम बनती है।
निष्कर्ष
एन.ई.पी. 2020 शिक्षा को न केवल एक निषेधाज्ञा के रूप में बल्कि एक प्रभावी और व्यापक साधन के रूप में प्रस्तुत करती है, जो व्यक्ति और समाज के समग्र विकास और बदलाव में सहायक है।
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