“लोक सेवा की पहचान समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सहिष्णुता एवं करुणा पर आधारित होती है।” इस संदर्भ में सहिष्णुता एवं करुणा के मूल्यों की व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]मानवीय मूल्य
परिचय: एरिक एरिक्सन का यह कथन जीवन में परस्पर निर्भरता के महत्व को दर्शाता है। मानव समाज और विश्व की संरचना ऐसी है कि हम सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। यदि हम इस सच्चाई को शीघ्र समझ लें, तो हम अधिक समृद्ध, शांतिपूर्ण और संगठित समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। परस्पर निर्भरता का महत्व: वैश्विक सहयोगRead more
परिचय:
एरिक एरिक्सन का यह कथन जीवन में परस्पर निर्भरता के महत्व को दर्शाता है। मानव समाज और विश्व की संरचना ऐसी है कि हम सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। यदि हम इस सच्चाई को शीघ्र समझ लें, तो हम अधिक समृद्ध, शांतिपूर्ण और संगठित समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।
परस्पर निर्भरता का महत्व:
- वैश्विक सहयोग के बिना आज के जटिल मुद्दों का समाधान असंभव है। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान देशों ने वैक्सीन और चिकित्सा आपूर्ति साझा की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वैश्विक संकटों का समाधान परस्पर निर्भरता के माध्यम से ही संभव है।
- आर्थिक परस्पर निर्भरता भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। 2023 में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आई समस्याओं, जैसे चिप की कमी, ने उद्योगों को प्रभावित किया, जो यह दर्शाता है कि हमारी अर्थव्यवस्थाएँ कितनी जुड़ी हुई हैं।
- सांस्कृतिक और सामाजिक परस्पर निर्भरता भी समाजों को समृद्ध बनाती है। भारत की सॉफ्ट पावर, जैसे योग और आयुर्वेद का प्रसार, अन्य देशों में सांस्कृतिक समृद्धि का उदाहरण है।
निष्कर्ष:
परस्पर निर्भरता को जितनी जल्दी हम स्वीकार करेंगे, उतनी ही जल्दी हम एक सशक्त और समृद्ध वैश्विक समुदाय का निर्माण कर सकते हैं।
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सहिष्णुता और करुणा के मूल्य लोक सेवा में 1. सहिष्णुता: सहिष्णुता लोक सेवा में विविध दृष्टिकोणों और सांस्कृतिक भिन्नताओं का सम्मान करने की क्षमता है। यह सुनिश्चित करता है कि नीतियाँ और सेवाएँ समावेशी और समान हों। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने विभिन्न भाषाओं और सीखने की आवश्यकताओंRead more
सहिष्णुता और करुणा के मूल्य लोक सेवा में
1. सहिष्णुता: सहिष्णुता लोक सेवा में विविध दृष्टिकोणों और सांस्कृतिक भिन्नताओं का सम्मान करने की क्षमता है। यह सुनिश्चित करता है कि नीतियाँ और सेवाएँ समावेशी और समान हों। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने विभिन्न भाषाओं और सीखने की आवश्यकताओं के अनुसार समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया, जो समाज में सहिष्णुता की दिशा में एक कदम है।
2. करुणा: करुणा का तात्पर्य है समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति। यह सार्वजनिक सेवकों को ऐसे नीतियाँ और योजनाएँ तैयार करने के लिए प्रेरित करती है जो कमजोर वर्गों के जीवन को सुधार सकें। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सस्ते आवास की सुविधा प्रदान की, जो करुणा का एक उदाहरण है।
निष्कर्ष: लोक सेवा में सहिष्णुता और करुणा महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये समानता और समर्थन सुनिश्चित करती हैं, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
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