गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थी ? समकालीन दुनिया में उनकी प्रासंगिकता की व्याख्या कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
सत्यनिष्ठा और सशक्तिकरण परिचय सत्यनिष्ठा, जो ईमानदारी और नैतिकता पर आधारित है, मनुष्य को सशक्त बनाती है और समाज में विश्वास पैदा करती है। सशक्तिकरण के माध्यम 1. विश्वास और विश्वसनीयता: सत्यनिष्ठा से विश्वास पैदा होता है। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का उदाहरण लें। गांधीजी की सत्यनिष्ठा और अहिंसRead more
सत्यनिष्ठा और सशक्तिकरण
परिचय
सत्यनिष्ठा, जो ईमानदारी और नैतिकता पर आधारित है, मनुष्य को सशक्त बनाती है और समाज में विश्वास पैदा करती है।
सशक्तिकरण के माध्यम
1. विश्वास और विश्वसनीयता: सत्यनिष्ठा से विश्वास पैदा होता है। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का उदाहरण लें। गांधीजी की सत्यनिष्ठा और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और लोगों को एकजुट किया, जिससे वे एक सशक्त और स्वतंत्र भारत की ओर बढ़े।
2. नैतिक नेतृत्व: ऐसे नेता जो सत्यनिष्ठ होते हैं, वे अधिक प्रभावशाली होते हैं। अरुण जेटली, पूर्व केंद्रीय मंत्री, ने अपने करियर में सच्चाई और नैतिकता को प्राथमिकता दी, जिसने उनके नेतृत्व को और अधिक प्रभावशाली और विश्वासनीय बना दिया।
3. समाज में आदर्श स्थापित करना: डॉ. ए. पी. जे. Abdul Kalam ने अपनी सच्चाई और ईमानदारी से युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया, जिससे समाज में नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन मिला।
निष्कर्ष
सत्यनिष्ठा न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में विश्वास और नैतिकता को भी बढ़ावा देती है, जिससे एक सशक्त और समृद्ध समाज की नींव रखी जाती है।
गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ ईश्वर की एकता: गुरु नानक ने एक निराकार और सर्वव्यापी ईश्वर की उपासना की बात की, जो सभी का सृजनहार और पालनहार है। समानता और सामाजिक न्याय: उन्होंने जाति, धर्म, और लिंग भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और सभी मानवों की समानता का समर्थन किया। निःस्वार्थ सेवा (सेवा): गुरु नानक ने नRead more
गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ
समकालीन प्रासंगिकता
गुरु नानक की शिक्षाएँ आज भी समाज में समानता, सेवा, और ईमानदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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