अभिवृत्ति एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जो मानव के विकास में निवेश (इन्पुट) का काम करता है। ऐसी उपयुक्त अभिवृत्ति का विकास कैसे करें, जो एक लोक सेवक के लिए आवश्यक है? (150 words) [UPSC 2021]
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर 1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सRead more
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर
1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम का कार्यान्वयन, जो नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
2. अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति: अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक सत्ता और नियंत्रण पर जोर देते हैं, और रूल बुक और प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं। यह अभिवृत्ति कभी-कभी लोक सेवक और नागरिक के बीच दूरी पैदा कर सकती है। उदाहरण के लिए, बंगाल के निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान प्रक्रिया के दौरान अनावश्यक बाधाएँ उत्पन्न करना, जिससे नागरिकों को कठिनाइयाँ हुईं।
मूल अंतर: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में सेवा और पारदर्शिता की प्राथमिकता होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अधिकार और नियमों के प्रति कड़ाई होती है। दोनों अभिवृत्तियाँ लोक सेवकों की भूमिका में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लोकतंत्रीय अभिवृत्ति को अधिक प्राथमिकता देने से जनता के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व बढ़ता है।
See less
उपयुक्त अभिवृत्ति का विकास 1. सेवा की भावना लोक सेवक के रूप में, सेवा की भावना सबसे महत्वपूर्ण है। यह समझना आवश्यक है कि जन सेवा का उद्देश्य समाज के प्रति योगदान करना है, न कि व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करना। इसे विकसित करने के लिए, नियमित रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संपर्क और संवाद करना चाहिए,Read more
उपयुक्त अभिवृत्ति का विकास
1. सेवा की भावना
लोक सेवक के रूप में, सेवा की भावना सबसे महत्वपूर्ण है। यह समझना आवश्यक है कि जन सेवा का उद्देश्य समाज के प्रति योगदान करना है, न कि व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करना। इसे विकसित करने के लिए, नियमित रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संपर्क और संवाद करना चाहिए, उनकी समस्याओं को समझने और समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए।
2. नैतिकता और ईमानदारी
नैतिकता और ईमानदारी लोक सेवक के कर्तव्यों का मूल है। ईमानदारी से कार्य करना और नैतिक निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। हाल ही में, आईएएस अधिकारी डॉ. शाह फैसल ने समाज के प्रति अपनी ईमानदारी और निष्ठा के लिए प्रशंसा प्राप्त की है, जो इस दिशा में एक आदर्श उदाहरण है।
3. स्थिरता और सहनशीलता
स्थिरता और सहनशीलता को बढ़ावा देना आवश्यक है। कार्य के दबाव और चुनौतियों के बावजूद, धैर्य और समर्पण बनाए रखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट ने कोविड-19 महामारी के दौरान लगातार काम किया, जिसने स्थिरता और धैर्य का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
4. संचार कौशल
संचार कौशल का विकास भी आवश्यक है। प्रभावी संवाद और सक्रिय सुनवाई के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
इन अभिवृत्तियों को अपनाकर और निरंतर अभ्यास करके लोक सेवक अपने कर्तव्यों का सर्वोत्तम ढंग से निर्वहन कर सकते हैं।
See less