भारत में तटीय अपरदन के कारणों एवं प्रभावों को समझाइए । ख़तरे का मुकाबला करने के लिए उपलब्ध तटीय प्रबंधन तकनीकें क्या हैं? (250 words) [UPSC 2022]
प्राकृतिक आपदाएँ: संक्षिप्त वर्णन 1. परिभाषा और प्रकार प्राकृतिक आपदाएँ वे अचानक और चरम घटनाएँ हैं जो पर्यावरणीय कारकों के कारण होती हैं और जिनसे जीवन, संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर नुकसान होता है। इन आपदाओं को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: मौसमी आपदाएँ: ये मौसमीय स्थितियोंRead more
प्राकृतिक आपदाएँ: संक्षिप्त वर्णन
1. परिभाषा और प्रकार
प्राकृतिक आपदाएँ वे अचानक और चरम घटनाएँ हैं जो पर्यावरणीय कारकों के कारण होती हैं और जिनसे जीवन, संपत्ति और प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर नुकसान होता है। इन आपदाओं को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- मौसमी आपदाएँ: ये मौसमीय स्थितियों से उत्पन्न होती हैं, जैसे चक्रवात, तूफान और बवंडर।
- जलविज्ञान आपदाएँ: ये पानी से संबंधित घटनाएँ होती हैं, जैसे बाढ़ और सुनामी।
- भौगोलिक आपदाएँ: ये पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं से संबंधित होती हैं, जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और भूस्खलन।
- जलवायु आपदाएँ: ये दीर्घकालिक मौसम पैटर्न से उत्पन्न होती हैं, जैसे सूखा और लू।
- जीवविज्ञान आपदाएँ: ये रोगों और कीटों के प्रकोप से संबंधित होती हैं जो बड़े पैमाने पर फैलते हैं।
2. हालिया उदाहरण
a. मौसमी आपदाएँ
- चक्रवात बिपरजॉय (2023): जून 2023 में चक्रवात बिपरजॉय ने भारत के पश्चिमी तट, खासकर गुजरात और महाराष्ट्र में दस्तक दी। इस चक्रवात ने ढेर सारी संपत्ति और फसलें तबाह कीं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
b. जलविज्ञान आपदाएँ
- उत्तराखंड बाढ़ (2022): अक्टूबर 2022 में उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन हुए। इस आपदा ने कई जिलों में व्यापक नुकसान किया और जल प्रबंधन की आवश्यकता को उजागर किया।
- लिबिया बाढ़ (2023): सितंबर 2023 में लिबिया में भारी बारिश और दो बांधों के ढहने के कारण भयंकर बाढ़ आई। इससे बहुत सारा जनहानि हुआ और व्यापक संपत्ति नुकसान हुआ।
c. भौगोलिक आपदाएँ
- मोरक्को भूकंप (2023): 8 सितंबर 2023 को मोरक्को के हाई एटलस क्षेत्र में शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप ने कई ऐतिहासिक भवनों को नुकसान पहुँचाया और कई जानमाल की हानि हुई।
- माउंट मेरापी विस्फोट (2022): मार्च 2022 में इंडोनेशिया का माउंट मेरापी ज्वालामुखी फटा। विस्फोट ने राख और लावा उगला, जिससे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
d. जलवायु आपदाएँ
- यूरोपीय गर्मी की लहर (2023): 2023 की गर्मियों में यूरोप ने रिकॉर्ड गर्मी का अनुभव किया, जिसमें कई देशों में तापमान 40°C से ऊपर चला गया। इस गर्मी की लहर ने स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला और बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया।
- भारतीय सूखा (2022): 2022 में भारत के विभिन्न हिस्सों में गंभीर सूखा पड़ा, जिससे जल आपूर्ति, कृषि और जीवन यापन प्रभावित हुआ। इसने जल प्रबंधन की जरूरत को दर्शाया।
e. जीवविज्ञान आपदाएँ
- COVID-19 महामारी (2020-2024): COVID-19 महामारी, जो 2019 के अंत में शुरू हुई और 2024 तक जारी रही, एक प्रमुख जीवविज्ञान आपदा थी। इस महामारी ने विश्व भर में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न किया, जिससे बहुत से लोगों की जानें गईं और अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा।
3. प्रभाव और प्रतिक्रिया
प्राकृतिक आपदाएँ जीवन, संपत्ति और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव डालती हैं। प्रतिक्रिया सामान्यतः निम्नलिखित होती है:
- आपातकालीन राहत: प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक मानवीय सहायता, जैसे भोजन, चिकित्सा आपूर्ति और आश्रय प्रदान किया जाता है।
- पुनर्निर्माण और पुनर्वास: बुनियादी ढांचे की मरम्मत, सेवाओं की बहाली और आर्थिक पुनरुद्धार के प्रयास किए जाते हैं।
- निवारण और तैयारियाँ: दीर्घकालिक योजनाएँ तैयार की जाती हैं, जैसे आपदा प्रबंधन, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ, और सतत विकास के उपाय।
4. निष्कर्ष
प्राकृतिक आपदाएँ, चाहे वे मौसमी, जलविज्ञान, भौगोलिक, जलवायु या जीवविज्ञान से संबंधित हों, समाजों पर गंभीर खतरे उत्पन्न करती हैं। हालिया उदाहरण दिखाते हैं कि इन आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है, अक्सर जलवायु परिवर्तन और अन्य कारकों के कारण। प्रभावी आपदा प्रबंधन और तैयारी की रणनीतियाँ इन आपदाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
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भारत में तटीय अपरदन: कारण, प्रभाव और प्रबंधन तकनीकें
**1. तटीय अपरदन के कारण:
**2. तटीय अपरदन के प्रभाव:
**3. तटीय प्रबंधन तकनीकें:
निष्कर्ष: भारत में तटीय अपरदन एक गंभीर समस्या है, जिसका प्रभाव भौतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्तर पर महसूस किया जाता है। प्रभावी तटीय प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं और तटीय क्षेत्रों की स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।
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