रोडमैप: प्रश्न उत्तर लेखन 1. प्रस्तावना भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरणीय संकट को देखते हुए गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता। गैर-पारंपरिक ऊर्जा के लाभों का संक्षिप्त परिचय। 2. गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की सूची सौर ऊर्जा सौर पैनल और सौर तापीय प्रणाली। पवन ऊर्जा पवन टरबाइन ...
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संक्षिप्त परिचय गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का गठन शीत युद्ध के समय हुआ था। इसका उद्देश्य उन देशों को एक मंच प्रदान करना था जो किसी भी महाशक्ति (अमेरिका या सोवियत संघ) के गुट में शामिल नहीं होना चाहते थे। भारत, यूगोस्लाविया और मिस्र जैसे देशों के नेताओं ने इसे नेतृत्व दिया, ताकि सRead more
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संक्षिप्त परिचय
गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का गठन शीत युद्ध के समय हुआ था। इसका उद्देश्य उन देशों को एक मंच प्रदान करना था जो किसी भी महाशक्ति (अमेरिका या सोवियत संघ) के गुट में शामिल नहीं होना चाहते थे। भारत, यूगोस्लाविया और मिस्र जैसे देशों के नेताओं ने इसे नेतृत्व दिया, ताकि स्वतंत्रता, शांति, और संप्रभुता का समर्थन किया जा सके।
मुख्य सिद्धांत
- गुटनिरपेक्षता: किसी भी महाशक्ति के साथ गठबंधन से बचना।
- औपनिवेशिक विरोध: सभी देशों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन।
- सहयोग और शांति: आर्थिक विकास और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना।
आज के संदर्भ में प्रासंगिकता
आज NAM 120 देशों का समूह है, और यह निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है:
- वैश्विक न्याय: यह वैश्विक मंचों में निष्पक्षता और सुधारों की मांग करता है।
- पर्यावरण और आर्थिक मुद्दे: NAM जलवायु परिवर्तन, व्यापार असमानता और सतत विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान देता है।
- संतुलन बनाए रखना: उभरती वैश्विक ताकतों के बीच NAM का गुटनिरपेक्ष रुख संतुलन बनाए रखता है।
निष्कर्ष
NAM आज भी विकासशील देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जो वैश्विक शांति और समानता के लिए कार्य करता है।
See less
भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ रहा है, क्योंकि ये पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम करने में मदद करते हैं और पर्यावरण की रक्षा करते हैं। भारत में उपलब्ध प्रमुख गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत निम्नलिखित हैं: सौर ऊर्जा: भारत में सूर्य की प्रचुरता के कारण सौरRead more
भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ रहा है, क्योंकि ये पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम करने में मदद करते हैं और पर्यावरण की रक्षा करते हैं। भारत में उपलब्ध प्रमुख गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत निम्नलिखित हैं:
इन सभी ऊर्जा स्रोतों का उपयोग पर्यावरण को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से बचाने में मदद करता है, क्योंकि इनका कार्बन उत्सर्जन कम होता है और यह स्थिर और लंबी अवधि के लिए उपलब्ध रहते हैं।
See less