उत्तर लेखन के लिए रोडमैप 1. प्रस्तावना संसदीय लोकतंत्र की परिभाषा और भारत में इसकी संरचना पर संक्षिप्त प्रकाश डालें। विभागीय स्थायी समितियों की भूमिका के महत्व का उल्लेख करें। 2. मुख्य भाग विभागीय स्थायी समितियों की परिभाषा और गठन: स्थायी समितियों की संरचना, कार्य और ...
मॉडल उत्तर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए निम्नलिखित अनुकूल परिस्थितियां आवश्यक होती हैं: समुद्री सतह का उच्च तापमान: उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27°C से अधिक होना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। आद्र वायु: समुद्र की सतह से आद्र वायु आपूर्ति होती है,Read more
मॉडल उत्तर
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए निम्नलिखित अनुकूल परिस्थितियां आवश्यक होती हैं:
- समुद्री सतह का उच्च तापमान: उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27°C से अधिक होना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है।
- आद्र वायु: समुद्र की सतह से आद्र वायु आपूर्ति होती है, जो बादलों के निर्माण में सहायक होती है।
- कोरिओलिस बल: केंद्र में पवनों के गोलाकार प्रवाह को बनाए रखने के लिए कोरिओलिस बल की उपस्थिति जरूरी होती है।
- निम्न दाब क्षेत्र: केंद्र में पहले से कमजोर या निम्न दाब क्षेत्र होना चाहिए, ताकि पवन वायु प्रवाह को आकर्षित कर सके।
- ऊध्र्वाधर पवनों का संतुलन: ऊध्र्वाधर पवनों की गति में अंतर कम होना चाहिए ताकि वायु प्रवाह निरंतर बना रहे।
उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण चक्रवातों के बीच अंतर
आधार | उष्णकटिबंधीय चक्रवात | शीतोष्ण चक्रवात |
---|---|---|
मूल | उष्णीय ऊर्जा, संघनन प्रक्रिया से प्राप्त | गत्यात्मक ऊर्जा, कोरिओलिस बल से प्रभावित |
अक्षांश | 10°-30° उत्तर और दक्षिण | 35°-65° उत्तर और दक्षिण |
उत्पत्ति | 27°C से ऊपर तापमान वाली समुद्री सतह पर | स्थल और जल दोनों पर उत्पन्न होते हैं |
आकार | 100-500 किमी व्यास | 300-2000 किमी व्यास |
पवन की गति | 100-250 किमी/घंटा | 30-150 किमी/घंटा |
गति की दिशा | पूर्व से पश्चिम | पश्चिम से पूर्व |
वाताग्र प्रणाली | नहीं होती | स्पष्ट वाताग्र प्रणाली होती है |
जेट स्ट्रीम का प्रभाव | स्पष्ट संबंध नहीं होता | ऊपरी वायु परिसंचरण (जेट स्ट्रीम) से संबंध |
शांत क्षेत्र | चक्रवात के केंद्र में “आंख”, शांत व वर्षा रहित क्षेत्र | कोई भी शांत स्थान नहीं |
निष्कर्ष
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति में समुद्र के ऊष्ण तापमान और आद्र वायु का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जबकि शीतोष्ण चक्रवातों का आधार गत्यात्मक है, जिसमें वायुमंडलीय तापमान अंतराल प्रमुख भूमिका निभाता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से इन चक्रवातों की तीव्रता और आवृत्तियों में वृद्धि होने की संभावना है।
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मॉडल उत्तर भारत के संसदीय लोकतंत्र में विभागीय स्थायी समितियां (DSCs) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके माध्यम से संसद शासन की बढ़ती जटिलताओं से सामंजस्य स्थापित करती है। वर्तमान में, भारत में 24 विभागीय स्थायी समितियां हैं (16 लोकसभा के अधीन और 8 राज्यसभा के अधीन)। विधेयकों की गहन जांच-पड़ताल सRead more
मॉडल उत्तर
भारत के संसदीय लोकतंत्र में विभागीय स्थायी समितियां (DSCs) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके माध्यम से संसद शासन की बढ़ती जटिलताओं से सामंजस्य स्थापित करती है। वर्तमान में, भारत में 24 विभागीय स्थायी समितियां हैं (16 लोकसभा के अधीन और 8 राज्यसभा के अधीन)।
विधेयकों की गहन जांच-पड़ताल
तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करना
राजनीतिक दलों में आम सहमति
वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करना
नीतिगत मुद्दों की जांच
सुधार की आवश्यकता
हालांकि समितियों ने संसद की कार्यक्षमता बढ़ाई है, उनकी भूमिका को और सशक्त करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
विभागीय स्थायी समितियां संसद के समय की कमी और विशेषज्ञता की आवश्यकता को पूरा करने का एक प्रभावी मंच हैं। इनकी भूमिका संसदीय लोकतंत्र को पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावशीलता प्रदान करती है।
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