Roadmap for Answer Writing 1. Introduction (30-40 Words) Start by briefly introducing the role of Panchayati Raj Institutions (PRIs) in disaster management. Highlight the significance of local bodies in disaster response, emphasizing their proximity to the community. Mention that despite their critical role, PRIs ...
मॉडल उत्तर भारत दुनिया के सबसे आपदा-प्रवण देशों में से एक है, और इसके राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बार-बार प्राकृतिक खतरों का सामना करना पड़ता है (UNICEF)। ऐसे में पंचायती राज संस्थानों (PRIs) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि ये स्थानीय स्तर पर होते हैं और स्थानीय समस्याओं से अच्Read more
मॉडल उत्तर
भारत दुनिया के सबसे आपदा-प्रवण देशों में से एक है, और इसके राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बार-बार प्राकृतिक खतरों का सामना करना पड़ता है (UNICEF)। ऐसे में पंचायती राज संस्थानों (PRIs) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि ये स्थानीय स्तर पर होते हैं और स्थानीय समस्याओं से अच्छी तरह परिचित होते हैं। हालांकि, PRIs को आपदा प्रबंधन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
- भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का अभाव: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत पंचायतों की शक्तियाँ स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं और इन्हें राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है।
- संसाधनों का अभाव: राज्य सरकारों द्वारा पर्याप्त अधिकारों और संसाधनों का हस्तांतरण नहीं किया गया है, जिससे पंचायतों को स्वतंत्र रूप से काम करने में कठिनाई होती है।
- प्रशिक्षण की कमी: पंचायतों के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन के कार्यों और रणनीतियों के लिए प्रभावी प्रशिक्षण नहीं मिलता।
- अपर्याप्त धनराशि: पंचायतों को अक्सर पर्याप्त बजट नहीं मिलता और राज्य-नियंत्रित विभागों द्वारा उनकी उपेक्षा की जाती है।
पंचायती राज मंत्रालय की आपदा प्रबंधन योजना का समाधान
पंचायती राज मंत्रालय ने इन समस्याओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन योजना (DMP) तैयार की है। यह योजना PRIs की मदद करती है और निम्नलिखित तरीकों से इन चुनौतियों का समाधान करती है:
- संस्थागत व्यवस्था: योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में आपदा प्रबंधन के लिए एक कार्य समूह और प्रत्येक गांव में एक आपदा प्रबंधन समिति गठित की जाएगी (Source: Ministry of Panchayati Raj).
- समुदाय आधारित योजना का मुख्यधारा में समावेश: हर गांव में ग्राम आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाएगी, जो ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) का हिस्सा बनेगी (Source: Ministry of Panchayati Raj)।
- जोखिम और सुभेद्यता का विश्लेषण: हर पंचायत के लिए सुभेद्यता मानचित्रण तैयार किया जाएगा, जिससे विभिन्न आपदाओं के लिए ज़ोनिंग की जा सके (Source: Ministry of Panchayati Raj)।
- सामाजिक समावेशन: योजना में विशेष रूप से सुभेद्य समूहों जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, यौन अल्पसंख्यक, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा (Source: Ministry of Panchayati Raj)।
- क्षमता निर्माण: आपदा प्रबंधन के लिए ग्राम समितियों और पंचायत कार्य समूहों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे बेहतर तरीके से आपदाओं से निपट सकें (Source: Ministry of Panchayati Raj)।
- समन्वय और सहयोग: यह योजना आपदा प्रबंधन के विभिन्न एजेंसियों और विभागों के साथ समन्वय बढ़ाने का समर्थन करती है (Source: Ministry of Panchayati Raj)।
यह योजना पंचायती राज संस्थानों को आपदाओं के प्रति अधिक तैयार और सक्षम बनाने के लिए एक ठोस ढांचा तैयार करती है, जिससे स्थानीय स्तर पर आपदाओं से निपटने में सुधार होगा।
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Model Answer Panchayati Raj Institutions (PRIs) are crucial in managing disasters at the grassroots level due to their proximity to the local population. However, they face several challenges in performing effective disaster management: Lack of Clarity in Roles and Responsibilities: According to theRead more
Model Answer
Panchayati Raj Institutions (PRIs) are crucial in managing disasters at the grassroots level due to their proximity to the local population. However, they face several challenges in performing effective disaster management:
How the Ministry of Panchayati Raj’s Disaster Management Plan Can Help
The Ministry of Panchayati Raj’s Disaster Management Plan aims to address these challenges by strengthening the role of PRIs in disaster management:
By addressing these issues, the Ministry’s Disaster Management Plan empowers PRIs, enabling them to play a more proactive and efficient role in disaster management at the grassroots level.
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