पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के विपरीत सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभों का वर्णन कीजिए। इस प्रयोजनार्थ हमारी सरकार द्वारा प्रस्तुत पहल क्या है? (250 words) [UPSC 2020]
भारत में नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार: तथ्यों और भयों की विवेचना 1. नाभिकीय ऊर्जा का महत्व: ऊर्जा की बढ़ती मांग: भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के चलते, ऊर्जा की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। नाभिकीय ऊर्जा एक स्थिर और उच्च उत्पादन क्षमता वाली ऊर्जा स्रोत है, जो ऊर्जा की कमीRead more
भारत में नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार: तथ्यों और भयों की विवेचना
1. नाभिकीय ऊर्जा का महत्व:
- ऊर्जा की बढ़ती मांग: भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के चलते, ऊर्जा की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। नाभिकीय ऊर्जा एक स्थिर और उच्च उत्पादन क्षमता वाली ऊर्जा स्रोत है, जो ऊर्जा की कमी को पूरा कर सकती है।
- वातावरणीय लाभ: नाभिकीय ऊर्जा कम कार्बन उत्सर्जन के साथ काम करती है, जिससे यह जलवायु परिवर्तन की चुनौती को कम करने में सहायक है। इससे ग्रहणीयता को बढ़ावा मिलता है और वातावरणीय प्रभाव कम होता है।
2. नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित तथ्यों:
- ऊर्जा उत्पादन: भारत में नाभिकीय ऊर्जा की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, भारत के पास 22 नाभिकीय रिएक्टर हैं, जो कुल ऊर्जा उत्पादन का लगभग 3% योगदान करते हैं।
- अनुसंधान और विकास: भारत ने थोरियम आधारित रिएक्टर जैसे आधुनिक नाभिकीय प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान और विकास किया है। भारत की नाभिकीय नीति का एक हिस्सा स्थानीय स्रोतों का उपयोग करना है, जैसे कि थोरियम, जो भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
3. नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित भयों:
- सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: नाभिकीय दुर्घटनाएँ, जैसे फुकुशिमा और चेरनोबिल, ने नाभिकीय ऊर्जा की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। रिएक्टरों में दुर्घटनाएँ और रेडियेशन रिसाव के खतरे को लेकर लोगों में चिंता बनी रहती है।
- न्यूक्लियर वेस्ट: नाभिकीय अपशिष्ट (वेस्ट) की संग्रहण और प्रबंधन की समस्याएँ एक बड़ी चुनौती हैं। लंबे समय तक रेडियोधर्मी अपशिष्ट का सुरक्षित तरीके से निपटान करना आवश्यक है।
- भौगोलिक और राजनीतिक जोखिम: नाभिकीय सामग्री और प्रौद्योगिकी की सुरक्षा को लेकर भौगोलिक और राजनीतिक तनाव भी एक चिंता का विषय है।
4. निष्कर्ष: भारत को अपनी नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा सुरक्षा और वातावरणीय स्थिरता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि, सुरक्षा संबंधी चिंताओं और न्यूक्लियर वेस्ट के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए, सतर्कता और सुरक्षित नीतियों को अपनाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना होगा कि नाभिकीय ऊर्जा का विकास सतत और सुरक्षित तरीके से हो, ताकि इसके लाभ को जोखिम से बचाया जा सके।
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सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभ पर्यावरणीय लाभ: सौर ऊर्जा स्वच्छ और नवीकरणीय है, जो वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है। इसके उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट घटता है। उदाहरण के लिए, भारत का सोलर पार्क (खंभा 1,000 मेगावाट) प्रदूषण में कमी लाने में मदद करता है। अवRead more
सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभ
सरकारी पहल
निष्कर्ष
सौर ऊर्जा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के मुकाबले स्वच्छ, नवीकरणीय और कम लागत वाली है। भारत सरकार की पहल जैसे कि राष्ट्रीय सौर मिशन और ISA सौर ऊर्जा के प्रसार और इसके लाभों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन पहलों के माध्यम से, भारत स्थायी और पर्यावरण मित्रवत ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है।
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