अनाज वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने हेतु सरकार द्वारा कौन-कौन से सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं? (250 words) [UPSC 2019]
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के डिजिटल रूपांतरण ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो चुनौतियों को संबोधित करने में मदद कर रहे हैं: पारदर्शिता: ई-पॉस और राशन कार्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को कम किया है। लक्षित वितरण: आधार लिंकिंग और डिजिटल राशन कार्डRead more
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के डिजिटल रूपांतरण ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो चुनौतियों को संबोधित करने में मदद कर रहे हैं:
- पारदर्शिता: ई-पॉस और राशन कार्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को कम किया है।
- लक्षित वितरण: आधार लिंकिंग और डिजिटल राशन कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों की सही पहचान की जाती है, जिससे काल्पनिक और डुप्लीकेट राशन कार्ड की समस्या हल हुई है।
- सटीकता और दक्षता: ऑनलाइन पंजीकरण और डेटा प्रबंधन ने आपूर्ति श्रृंखला में सटीकता बढ़ाई और वितरण की गति को सुधारने में मदद की है।
- समय पर वितरण: डिजिटल निगरानी से आपूर्ति की स्थिति और वितरण समय पर निगरानी रखी जाती है, जिससे देरी और आपूर्ति की समस्याओं को कम किया गया है।
इन उपायों से PDS की प्रभावशीलता और पहुंच में सुधार हुआ है, जिससे लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं।
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अनाज वितरण प्रणाली में सुधारात्मक कदम 1. डिजिटल लाइसेंसिंग और ई-गवर्नेंस: डिजिटल लाभार्थी रिकॉर्ड: सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया है। पीडीएस-एनओसी (Public Distribution System-National Online Certificate) ने लाभार्थियों की सूची को डिजिटल रूप सेRead more
अनाज वितरण प्रणाली में सुधारात्मक कदम
1. डिजिटल लाइसेंसिंग और ई-गवर्नेंस:
2. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
3. खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA):
4. वाणिज्यिक अनाज भंडारण में सुधार:
5. पुनरावलोकन और निगरानी:
इन सुधारात्मक कदमों से अनाज वितरण प्रणाली की सक्षमता और सटीकता में सुधार हुआ है, जिससे लाभार्थियों को समय पर और उचित मात्रा में अनाज मिल रहा है।
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