गति-शक्ति योजना को संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय की आवश्यकता है। विवेचना कीजिए। (150 words)[UPSC 2022]
जर्मनी की जिम्मेदारी: दो विश्व युद्धों का कारण बनने में जर्मनी को दो विश्व युद्धों के कारणों में जिम्मेदार ठहराने का प्रश्न जटिल और बहु-आयामी है। **1. पहला विश्व युद्ध (1914-1918) पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण लेकिन एकमात्र नहीं थी। जर्मनी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी को गारंटी दी, जो आर्कडRead more
जर्मनी की जिम्मेदारी: दो विश्व युद्धों का कारण बनने में
जर्मनी को दो विश्व युद्धों के कारणों में जिम्मेदार ठहराने का प्रश्न जटिल और बहु-आयामी है।
**1. पहला विश्व युद्ध (1914-1918)
पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण लेकिन एकमात्र नहीं थी। जर्मनी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी को गारंटी दी, जो आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या के बाद युद्ध की ओर ले गई। जर्मनी का श्लीफेन योजना, जो फ्रांस पर त्वरित आक्रमण का प्रस्ताव था, युद्ध को बढ़ाने में एक प्रमुख कारण था। हालांकि, यह युद्ध कई देशों की गठबंधनों और जटिल कूटनीतिक संघर्षों का परिणाम था।
**2. दूसरा विश्व युद्ध (1939-1945)
दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका अधिक प्रत्यक्ष थी। एडॉल्फ हिटलर की नेतृत्व में, जर्मनी ने आक्रामक विस्तारवादी नीतियों को अपनाया, जिसमें पोलैंड पर आक्रमण प्रमुख था, जिसने युद्ध को शुरू किया। हिटलर की नाज़ी विचारधारा और अधिकारी शासन ने युद्ध के दौरान व्यापक उत्पीड़न और नरसंहार को जन्म दिया।
**3. वर्तमान संदर्भ और विश्लेषण
हाल के विश्लेषण और ऐतिहासिक पुनरावलोकन से पता चलता है कि जबकि जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण थी, युद्धों के कारण बहुपरकारी थे। वर्साय संधि की कठोर शर्तें और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलता ने जर्मनी में चरमपंथ और सैन्यवाद को बढ़ावा दिया।
अतः, जर्मनी को दोनों विश्व युद्धों के कारणों में प्रमुख माना जा सकता है, लेकिन इन युद्धों की जटिलता और अन्य वैश्विक शक्तियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
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गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है। निजीRead more
गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है।
निजी क्षेत्र निवेश, तकनीकी नवाचार और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इनके बीच सटीक समन्वय से परियोजनाओं का तेजी से निष्पादन होता है, लागत में कमी आती है, और संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
सतर्क समन्वय के माध्यम से सरकारी योजनाओं और निजी पहलों को बेहतर ढंग से समन्वित किया जा सकता है, जिससे अंततः सुगम और प्रभावी संपर्कता का निर्माण होगा। इस प्रकार, दोनों क्षेत्रों की भूमिका एक साथ काम करके ही गति-शक्ति योजना के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है।
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