भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी प्रकृति में संरचनात्मक है। भारत में बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति का परीक्षण कीजिए और सुधार के सुझाव दीजिए। (250 words) [UPSC 2023]
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार योग्यता की चुनौतियाँ: 1. चूक और समस्याएँ: रोजगार योग्यता में कमी: भारत का बड़ा युवा जनसंख्या को जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, परंतु यह रोजगार योग्यता में कमी को नज़रअंदाज़ करता है। NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इंजीनियरिंग ग्रेजुRead more
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और रोजगार योग्यता की चुनौतियाँ:
1. चूक और समस्याएँ:
- रोजगार योग्यता में कमी: भारत का बड़ा युवा जनसंख्या को जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, परंतु यह रोजगार योग्यता में कमी को नज़रअंदाज़ करता है। NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की रोजगार योग्यताएँ लगभग 64% रही हैं, जो उच्च शिक्षा और व्यावसायिक जरूरतों के बीच की खाई को दर्शाती है।
- कौशल का असंगति: FICCI की रिपोर्ट बताती है कि केवल 10% भारतीय ग्रेजुएट्स ही नौकरी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके कारण, शिक्षा और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच की खाई है, जिससे नौकरी की उपलब्धता पर असर पड़ता है।
- अस्थायी रोजगार: बहुत से युवा लोग अस्थायी और कम वेतन वाले नौकरियों में लगे हुए हैं, जो उनके कौशल का पूरा उपयोग नहीं करती हैं।
2. जॉब्स के स्रोत:
- औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र: Make in India जैसे प्रयासों से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सकता है। Maruti Suzuki जैसे कंपनियों ने उत्पादन बढ़ाकर रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं।
- सेवा क्षेत्र का विस्तार: IT, स्वास्थ्य देखभाल, और खुदरा जैसे क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र का विस्तार रोजगार के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। Amazon के विस्तार ने लॉजिस्टिक्स और तकनीकी क्षेत्रों में हजारों नौकरियों का सृजन किया है।
- उद्यमिता और स्टार्टअप्स: Startup India और Atal Innovation Mission जैसी योजनाओं से उद्यमिता को बढ़ावा मिल सकता है। Tech startups और e-commerce कंपनियाँ नए रोजगार सृजन के उदाहरण हैं।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश जैसे स्मार्ट सिटीज और ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना निर्माण और संबंधित उद्योगों में कई नौकरियाँ उत्पन्न करने की संभावना है।
हालिया उदाहरण:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): इस योजना का उद्देश्य युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल और प्रमाणपत्र प्रदान करना है, जिससे रोजगार योग्यताएँ और नौकरी की संभावनाएँ बढ़ाई जा सकें।
निष्कर्ष: भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को लेकर गर्व करते समय, रोजगार योग्यता की कमी को नजरअंदाज़ करना एक महत्वपूर्ण चूक है। सभी स्तरों पर कौशल सुधार, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में निवेश, उद्यमिता को प्रोत्साहन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं।
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भारत में संरचनात्मक बेरोजगारी: संरचनात्मक बेरोजगारी भारत में एक महत्वपूर्ण समस्या है, जिसका मुख्य कारण श्रमिकों की क्षमताओं और नौकरी बाजार की आवश्यकताओं के बीच असंगति है। यह बेरोजगारी अक्सर लंबे समय तक बनी रहती है और आर्थिक, तकनीकी, और शैक्षिक परिवर्तन के कारण होती है। बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाईRead more
भारत में संरचनात्मक बेरोजगारी:
बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति:
सुधार के सुझाव:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: भारत में बेरोजगारी की गणना के लिए अपनाई गई पद्धति विभिन्न सर्वेक्षणों और डेटा संग्रहण पर निर्भर करती है, लेकिन वास्तविक समय डेटा सटीकता, कौशल संरेखण, क्षेत्रीय विश्लेषण, और संस्थागत समर्थन में सुधार की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों को संबोधित करके संरचनात्मक बेरोजगारी को कम किया जा सकता है और श्रमिकों को बाजार की मांग के साथ बेहतर ढंग से संरेखित किया जा सकता है।
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