सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है, जब निम्नलिखित की एक-दूसरे के ऊपर प्राथमिकता रखते हैं : (a) पदीय कर्तव्य (b) सार्वजनिक हित (c) व्यक्तिगत हित प्रशासन में इस संघर्ष को कैसे सुलझाया जा सकता है ? उदाहरण सहित ...
लोक प्रशासन में नैतिक दुविधाओं का समाधान 1. दुविधा की पहचान पहले कदम में नैतिक दुविधा की स्पष्ट पहचान करनी होती है। यह वह स्थिति होती है जहाँ पर विभिन्न नैतिक मूल्यों या सिद्धांतों के बीच संघर्ष होता है। उदाहरण के लिए, एक सार्वजनिक अधिकारी को यह निर्णय लेना होता है कि क्या उसे एक ऐसे परियोजना को मंजRead more
लोक प्रशासन में नैतिक दुविधाओं का समाधान
1. दुविधा की पहचान
पहले कदम में नैतिक दुविधा की स्पष्ट पहचान करनी होती है। यह वह स्थिति होती है जहाँ पर विभिन्न नैतिक मूल्यों या सिद्धांतों के बीच संघर्ष होता है। उदाहरण के लिए, एक सार्वजनिक अधिकारी को यह निर्णय लेना होता है कि क्या उसे एक ऐसे परियोजना को मंजूरी देना चाहिए जो जनता के लाभ में है लेकिन भ्रष्टाचार से प्रभावित है।
2. विकल्पों का मूल्यांकन
इसके बाद, उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन करें, नैतिक सिद्धांतों जैसे कि निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए। उदाहरण के लिए, भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग करना पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों के साथ मेल खाता है।
3. परामर्श और कानूनी ढाँचा
सहकर्मियों या नैतिक समितियों से परामर्श करें और स्थापित कानूनी ढाँचों और दिशानिर्देशों का पालन करें। जैसे कि सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम जो पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और नैतिक दुविधाओं का समाधान करने में मदद करता है।
4. निर्णय और कार्यान्वयन
अंत में, नैतिक मानकों को बनाए रखते हुए निर्णय लें और उसे कार्यान्वित करें। निर्णय लेने की प्रक्रिया को दस्तावेजित करना आवश्यक है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। उदाहरण के लिए, भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में सख्त कार्रवाई और उचित दस्तावेजीकरण से सार्वजनिक विश्वास बनाए रखा जा सकता है।
इन चरणों का पालन करके, सार्वजनिक प्रशासक नैतिक दुविधाओं का समाधान कर सकते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रख सकते हैं।
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सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष का समाधान हित-संघर्ष: सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्तिगत हित, पदीय कर्तव्य और सार्वजनिक हित के बीच टकराव होता है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास प्रभावित हो सकता है। समाधान के उपाय: पारदर्शिता और खुलासा: उदाहRead more
सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष का समाधान
हित-संघर्ष: सार्वजनिक क्षेत्र में हित-संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्तिगत हित, पदीय कर्तव्य और सार्वजनिक हित के बीच टकराव होता है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास प्रभावित हो सकता है।
समाधान के उपाय:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष: हित-संघर्ष को सुलझाने के लिए पारदर्शिता, नैतिकता का पालन, और उचित प्रक्रिया का पालन आवश्यक है, जिससे पदीय कर्तव्यों और सार्वजनिक हित की प्राथमिकता सुनिश्चित की जा सके।
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