न्यायपालिका सहित सार्वजनिक सेवा के हर क्षेत्र में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र परम आवश्यक है। सविस्तार समझाइए। (150 words) [UPSC 2021]
'सुशासन' की अवधारणा सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना। ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ पारदर्Read more
‘सुशासन’ की अवधारणा
सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना।
ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ
- पारदर्शिता और दक्षता: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-संजीवनी जैसी पहलें, जैसे ऑनलाइन टेलीमेडिसिन सेवाएँ, ने दूरदराज और अध-अविकसित क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल की पहुँच को सुधारा। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान, यह प्लेटफॉर्म लाखों लोगों को स्वास्थ्य सलाह और नियंत्रण प्रदान करने में सफल रहा।
- फाइनेंशियल इन्क्लूजन: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के एकीकरण ने सहायता और सब्सिडी के वितरण को सीधे बैंक खातों में भेजकर लाभार्थियों को समय पर और सटीक लाभ पहुँचाया। इससे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी में कमी आई है।
- नागरिक भागीदारी: MyGov प्लेटफॉर्म ने सार्वजनिक प्रतिक्रिया और सुझावों को एकत्रित करके नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया। इससे नीतियों और योजनाओं में सार्वजनिक राय को शामिल करने में मदद मिली।
निष्कर्ष
सुशासन में पारदर्शिता, दक्षता, और जवाबदेही की प्रमुख भूमिका होती है। ई-शासन की पहलें जैसे ई-संजीवनी, PMJDY, और MyGov ने लाभार्थियों को बेहतर सेवाएँ, वित्तीय समावेशन, और नागरिक भागीदारी के माध्यम से महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
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स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता 1. निष्पादन और जवाबदेही स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ। 2. नRead more
स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता
1. निष्पादन और जवाबदेही
स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ।
2. नैतिक आचरण
सामाजिक अंकेक्षण नैतिक मानदंडों के पालन को सुनिश्चित करता है। RTI (सूचना का अधिकार) कानून ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई, जिससे अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी बढ़ी।
3. न्यायपालिका में पारदर्शिता
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) का उद्देश्य न्यायालयों के प्रदर्शन की निगरानी और रिपोर्टिंग है, जिससे न्यायपालिका की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
निष्कर्ष
See lessस्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र सार्वजनिक सेवाओं में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण को बढ़ावा देता है। यह पारदर्शिता को बढ़ाता है, अक्षमताओं की पहचान करता है, और जनता का विश्वास निर्माण करता है।