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लोक-सेवा के सन्दर्भ में 'जवाबदेही' का क्या अर्थ है? लोक-सेवकों की व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?(150 words) [UPSC 2014]
लोक-सेवा के संदर्भ में 'जवाबदेही' का अर्थ लोक-सेवा के संदर्भ में 'जवाबदेही' का अर्थ है कि लोक-सेवक अपनी कार्रवाईयों, निर्णयों, और संसाधनों के उपयोग के लिए जवाबदेह होते हैं। इसका तात्पर्य है कि वे पारदर्शिता, नैतिकता, और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर कार्य करें और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके सेRead more
लोक-सेवा के संदर्भ में ‘जवाबदेही’ का अर्थ
लोक-सेवा के संदर्भ में ‘जवाबदेही’ का अर्थ है कि लोक-सेवक अपनी कार्रवाईयों, निर्णयों, और संसाधनों के उपयोग के लिए जवाबदेह होते हैं। इसका तात्पर्य है कि वे पारदर्शिता, नैतिकता, और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर कार्य करें और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन करें।
व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपाय
इन उपायों को अपनाकर व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही को सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे लोक-सेवा की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बढ़ाई जा सके।
See less"अच्छा कार्य करने में, वह सब कुछ अनुमत होता है जिसको अभिव्यक्ति के द्वारा या स्पष्ट निहितार्थ के द्वारा निषिद्ध न किया गया हो।" एक लोक सेवक द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के संदर्भ में, इस कथन का उपयुक्त उदाहरणों सहित परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
कथन का परीक्षण लोक सेवक के संदर्भ में कथन का अर्थ: यह कथन दर्शाता है कि जब किसी अच्छे या लाभकारी कार्य को पूरा करने का लक्ष्य हो, तो ऐसे कार्य जो कानूनी या स्पष्ट नियमों द्वारा निषिद्ध नहीं हैं, उन्हें किया जा सकता है। इसका तात्पर्य है कि लोक सेवकों को सीमित नियमों के बावजूद सकारात्मक कार्य करने कीRead more
कथन का परीक्षण लोक सेवक के संदर्भ में
कथन का अर्थ: यह कथन दर्शाता है कि जब किसी अच्छे या लाभकारी कार्य को पूरा करने का लक्ष्य हो, तो ऐसे कार्य जो कानूनी या स्पष्ट नियमों द्वारा निषिद्ध नहीं हैं, उन्हें किया जा सकता है। इसका तात्पर्य है कि लोक सेवकों को सीमित नियमों के बावजूद सकारात्मक कार्य करने की छूट हो सकती है, बशर्ते वे कानूनी और नैतिक सीमाओं का पालन करें।
लोक सेवक के संदर्भ में उदाहरण
1. अनियंत्रित स्थितियों में कार्य: COVID-19 महामारी के दौरान, अधिकारियों ने आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना और लॉकडाउन लागू करने के निर्णय लिए। इन निर्णयों के लिए स्पष्ट नियम नहीं थे, लेकिन सार्वजनिक भलाई के लिए यह कार्रवाई की गई।
2. कानूनी और नैतिक सीमाएं: बिहार शराब घोटाला (2016) में, अधिकारियों ने अवैध शराब को नियंत्रित करने के प्रयास में कड़े कदम उठाए, लेकिन कुछ कार्य विधियों ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। यह दर्शाता है कि अच्छे उद्देश्यों के बावजूद, कानूनी और नैतिक सीमाओं का पालन अनिवार्य है।
निष्कर्ष: लोक सेवक को सकारात्मक उद्देश्यों के लिए काम करते समय कानूनी और नैतिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए। अभिव्यक्तिपरक या स्पष्ट रूप से निषिद्ध नहीं किए गए कार्यों की अनुमति है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ये कार्य कानून और नैतिकता का उल्लंघन न करें।
See less"लोक सेवक द्वारा अपने कर्तव्य का अनिष्पादन भ्रष्टाचार का एक रूप है।" क्या आप इस विचार से सहमत हैं ? अपने उत्तर की तर्कसंगत व्याख्या करें। (150 words) [UPSC 2019]
लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन और भ्रष्टाचार सहमति का आधार: **1. भ्रष्टाचार की परिभाषा और प्रभाव a. भ्रष्टाचार की परिभाषा: भ्रष्टाचार को सामान्यतः शक्ति का दुरुपयोग माना जाता है। यदि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का अनिष्पादन करता है, तो यह भ्रष्टाचार का एक रूप हो सकता है, यदि यह व्यक्तिगत या राजनीतRead more
लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन और भ्रष्टाचार
सहमति का आधार:
**1. भ्रष्टाचार की परिभाषा और प्रभाव
a. भ्रष्टाचार की परिभाषा:
भ्रष्टाचार को सामान्यतः शक्ति का दुरुपयोग माना जाता है। यदि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का अनिष्पादन करता है, तो यह भ्रष्टाचार का एक रूप हो सकता है, यदि यह व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है या जनता की जरूरतों की अनदेखी करता है।
b. शासन पर प्रभाव:
लोक सेवक का कर्तव्य का अनिष्पादन शासन और जनता के विश्वास को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, Bihar में 2019 के बाढ़ राहत कार्य में अधिकारियों की विफलता ने प्रभावित लोगों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न की, जिससे यह कर्तव्य की अनदेखी का उदाहरण बन गया।
**2. जवाबदेही और परिणाम
a. जवाबदेही की कमी:
कर्तव्य का अनिष्पादन जवाबदेही की कमी को दर्शाता है, जो भ्रष्टाचार के समान है। COVID-19 टीकाकरण अभियान में कुछ राज्यों में प्रबंधन की कमी ने टीकाकरण की प्रभावशीलता को प्रभावित किया।
b. सार्वजनिक कल्याण पर प्रभाव:
इससे सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति प्रभावित होती है और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन होता है, जिसे भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है। यह सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी और सेवा प्रणाली की अखंडता को नुकसान पहुंचाता है।
निष्कर्ष:
See lessहां, लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि यह सौंपी गई शक्ति का दुरुपयोग करता है और जनता के कल्याण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
'सुशासन' से आप क्या समझते हैं? राज्य द्वारा ई-शासन के मामले में उठाई गई हालिया पहलों ने लाभार्थियों को कहाँ तक सहायता पहुँचाई है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ विवेचन कीजिए। (150 words) [UPSC 2022]
'सुशासन' की अवधारणा सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना। ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ पारदर्Read more
‘सुशासन’ की अवधारणा
सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना।
ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ
निष्कर्ष
सुशासन में पारदर्शिता, दक्षता, और जवाबदेही की प्रमुख भूमिका होती है। ई-शासन की पहलें जैसे ई-संजीवनी, PMJDY, और MyGov ने लाभार्थियों को बेहतर सेवाएँ, वित्तीय समावेशन, और नागरिक भागीदारी के माध्यम से महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
See lessन्यायपालिका सहित सार्वजनिक सेवा के हर क्षेत्र में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र परम आवश्यक है। सविस्तार समझाइए। (150 words) [UPSC 2021]
स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता 1. निष्पादन और जवाबदेही स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ। 2. नRead more
स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता
1. निष्पादन और जवाबदेही
स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ।
2. नैतिक आचरण
सामाजिक अंकेक्षण नैतिक मानदंडों के पालन को सुनिश्चित करता है। RTI (सूचना का अधिकार) कानून ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई, जिससे अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी बढ़ी।
3. न्यायपालिका में पारदर्शिता
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) का उद्देश्य न्यायालयों के प्रदर्शन की निगरानी और रिपोर्टिंग है, जिससे न्यायपालिका की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
निष्कर्ष
See lessस्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र सार्वजनिक सेवाओं में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण को बढ़ावा देता है। यह पारदर्शिता को बढ़ाता है, अक्षमताओं की पहचान करता है, और जनता का विश्वास निर्माण करता है।
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक चुनौती है और भ्रष्टाचार के बारे में नागरिकों के अनुमान इसकी व्यापकता और नुकसानदेहता के मुख्य मानदंडों में से एक है। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है। नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्Read more
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है।
नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्यापकता और उसके दुष्प्रभावों का महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। जब लोग सरकारी अधिकारियों और संस्थाओं के प्रति अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का स्तर अत्यधिक है और इसका प्रभाव गंभीर है। इसके परिणामस्वरूप, समाज का विश्वास कमजोर होता है और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास प्रभावित होता है।
सार्वजनिक जागरूकता और संविधानिक उपायों जैसे कि सख्त कानूनी प्रावधान और निगरानी तंत्र भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, जिससे लोकतंत्र की मजबूती और समाज की भलाई सुनिश्चित की जा सकती है।
See less'सामाजिक जवाबदेही पद से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की व्याख्या कीजिए और किसी भी सामाजिक जवाबदेहिता संबंधी पहल की सफलता हेतु उत्तरदायी प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
सामाजिक जवाबदेही का तात्पर्य किसी व्यक्ति, संगठन, या संस्था की सामाजिक, नैतिक, और कानूनी दायित्वों के प्रति जवाबदेही से है। यह जिम्मेदारी न केवल नैतिक मानदंडों को मानने की होती है बल्कि समाज के हित में कार्य करने की भी होती है। महत्व की बात करें तो सामाजिक जवाबदेही सार्वजनिक विश्वास और सामाजिक स्थिरRead more
सामाजिक जवाबदेही का तात्पर्य किसी व्यक्ति, संगठन, या संस्था की सामाजिक, नैतिक, और कानूनी दायित्वों के प्रति जवाबदेही से है। यह जिम्मेदारी न केवल नैतिक मानदंडों को मानने की होती है बल्कि समाज के हित में कार्य करने की भी होती है।
महत्व की बात करें तो सामाजिक जवाबदेही सार्वजनिक विश्वास और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देती है। यह सुनिश्चित करती है कि संस्थाएं और व्यक्तियाँ अपने कार्यों और निर्णयों में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखें, जिससे समाज की भलाई और विकास में योगदान होता है।
सफलता के प्रमुख कारक में पारदर्शिता, ईमानदारी, और संगठनात्मक संलग्नता शामिल हैं। एक ठोस नीति और कार्यान्वयन रणनीति, सक्रिय निगरानी और समाज के साथ निरंतर संवाद सफलता को सुनिश्चित करते हैं। उदाहरण के लिए, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) पहल, जब सही तरीके से लागू की जाती है, तो यह संस्थाओं के समाज में सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होती है।
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