Home/upsc: deshaj praudyogiki ka vikas
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
सौर ऊर्जा की उपकरण लागतों और टैरिफ में हाल के नाटकीय पतन के क्या कारक बताए जा सकते हैं ? इस प्रवृत्ति के तापीय विद्युत् उत्पादों और सम्बन्धित उद्योग के लिए क्या निहितार्थ हैं? (200 words) [UPSC 2015]
सौर ऊर्जा की उपकरण लागतों और टैरिफ में पतन के कारक तकनीकी उन्नति: सौर प्रौद्योगिकी में नवाचार ने उपकरण लागतों में कमी की है। जैसे कि फोटोवोल्टिक (PV) कोशिकाओं की दक्षता में वृद्धि और सौर पैनल निर्माण में सुधार ने उत्पादन लागत कम की है। थिन-फिल्म तकनीक और उच्च दक्षता वाले मॉड्यूल इस कमी में योगदान करRead more
सौर ऊर्जा की उपकरण लागतों और टैरिफ में पतन के कारक
तापीय विद्युत् उत्पादकों और संबंधित उद्योग पर निहितार्थ
इस प्रकार, सौर ऊर्जा की उपकरण लागतों और टैरिफ में हाल के नाटकीय पतन के कई कारक हैं, और यह प्रवृत्ति तापीय विद्युत् उत्पादकों, निवेश धाराओं, नीति समायोजनों और पर्यावरणीय प्रभावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही है।
See lessजी.पी.एस. युग में, 'मानक स्थिति-निर्धारण प्रणालियों' और 'परिशुद्ध स्थिति-निर्धारण प्रणालियों' से आप क्या समझते हैं ? केवल सात उपग्रहों का इस्तेमाल करते हुए अपने महत्त्वाकांक्षी आई.आर.एन.एस.एस. कार्यक्रम से भारत किन लाभों को देखता है, इस पर चर्चा कीजिए । (200 words) [UPSC 2015]
Understanding Standard Positioning Systems and Precision Positioning Systems In the GPS era, Standard Positioning Systems (SPS) and Precision Positioning Systems (PPS) are key concepts in satellite-based navigation: Standard Positioning Systems (SPS): Definition: SPS provides position data with limiRead more
Understanding Standard Positioning Systems and Precision Positioning Systems
In the GPS era, Standard Positioning Systems (SPS) and Precision Positioning Systems (PPS) are key concepts in satellite-based navigation:
Benefits of India’s IRNSS Program with Seven Satellites
India’s ambitious Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS), now known as NavIC, aims to provide enhanced positioning services. Using a constellation of seven satellites, NavIC offers several benefits:
In summary, IRNSS (NavIC) leverages a seven-satellite constellation to deliver high-accuracy, region-specific positioning services, enhancing national security, and operational reliability in India.
See lessभारत में नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की संवृद्धि और विकास का विवरण प्रस्तुत कीजिए। भारत में तीव्र प्रजनक रियेक्टर कार्यक्रम का क्या लाभ है ? (250 words) [UPSC 2017]
भारत में नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की संवृद्धि और विकास 1. प्रारंभिक विकास और प्रमुख मील के पत्थर: **1. स्थापना और प्रारंभिक कदम: 1948: भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) की स्थापना के साथ नाभिकीय विज्ञान में भारत की यात्रा शुरू हुई। 1962: अप्सरा, भारत का पहला स्वदेशी परमाणु रियेक्टर, बंबई परमाणुRead more
भारत में नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की संवृद्धि और विकास
1. प्रारंभिक विकास और प्रमुख मील के पत्थर:
**1. स्थापना और प्रारंभिक कदम:
**2. नाभिकीय प्रौद्योगिकी में उन्नति:
**3. हालिया विकास:
भारत में तीव्र प्रजनक रियेक्टर कार्यक्रम के लाभ
**1. ईंधन दक्षता में सुधार:
**2. थोरियम का उपयोग:
**3. रेडियोधर्मी कचरे में कमी:
**4. ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष:
भारत के स्टार्ट-अप परिवेश की उत्कृष्ट प्रगति के बावजूद, देश में डीप टेक स्टार्ट-अप्स विकसित करने की तत्काल आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा जा सकता है। स्पष्ट कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में स्टार्ट-अप परिवेश की उत्कृष्ट प्रगति के बावजूद, डीप टेक स्टार्ट-अप्स की विकास की तत्काल आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा सकता। डीप टेक स्टार्ट-अप्स, जो अत्याधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, और क्वांटम कंप्यूटिंग पर आधारित होते हैं, देश की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक नेतRead more
भारत में स्टार्ट-अप परिवेश की उत्कृष्ट प्रगति के बावजूद, डीप टेक स्टार्ट-अप्स की विकास की तत्काल आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा सकता। डीप टेक स्टार्ट-अप्स, जो अत्याधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, और क्वांटम कंप्यूटिंग पर आधारित होते हैं, देश की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इन स्टार्ट-अप्स के अभाव में, भारत उन्नत तकनीक के क्षेत्र में पिछड़ सकता है और अपनी वैश्विक टेक्नोलॉजी सृजन की क्षमता खो सकता है। डीप टेक स्टार्ट-अप्स उच्च रिसर्च और विकास निवेश की मांग करते हैं, जिससे नई तकनीकों के आविष्कार और उनका व्यावसायिक उपयोग संभव हो सकता है।
इसके अलावा, इन स्टार्ट-अप्स से उभरने वाली नवाचारशील तकनीकें देश की सुरक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, इनकी वृद्धि को बढ़ावा देना और उनके विकास में निवेश करना अत्यंत आवश्यक है।
See less