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उन दस आधारभूत मूल्यों की पहचान कीजिए, जो एक प्रभावी लोक सेवक होने के लिए आवश्यक है। लोक सेवकों में गैर-नैतिक व्यवहार के निवारण के तरीकों और साधनों का वर्णन कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
एक प्रभावी लोक सेवक बनने के लिए निम्न दस आधारभूत मूल्य महत्वपूर्ण हैं: ईमानदारी – सत्यता और नैतिकता से कार्य करना। उत्तरदायित्व – कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदारी लेना। सच्चाई – सूचना और विवरणों में पारदर्शिता बनाए रखना। न्याय – सभी के साथ समान और निष्पक्ष व्यवहार करना। सहनशीलता – विविधता और भिRead more
एक प्रभावी लोक सेवक बनने के लिए निम्न दस आधारभूत मूल्य महत्वपूर्ण हैं:
गैर-नैतिक व्यवहार के निवारण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
इन उपायों से लोक सेवकों में नैतिकता को बढ़ावा दिया जा सकता है और सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
See lessक्या सफल लोक सेवक बनने के लिए निष्पक्ष और गैर-पक्षपाती होना अनिवार्य गुण माना जाना चाहिए? दृष्टांत सहित चर्चा कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
निष्पक्षता और गैर-पक्षपाती होने की आवश्यकता 1. निष्पक्षता का महत्व निष्पक्षता से निर्णय लेने में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होती है, जो सार्वजनिक विश्वास बनाए रखती है। उदाहरण के लिए, IAS अधिकारी श्रीमती K. नंदिनी, जिन्होंने अपनी निष्पक्षता से भ्रष्टाचार के मामलों को निष्पक्षता से संभाला, इस गुणRead more
निष्पक्षता और गैर-पक्षपाती होने की आवश्यकता
1. निष्पक्षता का महत्व
निष्पक्षता से निर्णय लेने में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होती है, जो सार्वजनिक विश्वास बनाए रखती है। उदाहरण के लिए, IAS अधिकारी श्रीमती K. नंदिनी, जिन्होंने अपनी निष्पक्षता से भ्रष्टाचार के मामलों को निष्पक्षता से संभाला, इस गुण की महत्ता को उजागर करती हैं।
2. गैर-पक्षपाती होने की अनिवार्यता
गैर-पक्षपाती होना सुनिश्चित करता है कि प्रशासनिक निर्णय राजनीतिक प्रभाव से मुक्त हों। आईएएस अधिकारी एस.के. शर्मा ने अपने कार्यकाल में किसी भी पार्टी के प्रति पक्षपाती हुए बिना विकास कार्यों को निष्पादित किया, जो उनके गैर-पक्षपाती दृष्टिकोण का प्रमाण है।
3. प्रभावी शासन में योगदान
इन गुणों के साथ, लोक सेवक प्रभावी शासन सुनिश्चित कर सकते हैं क्योंकि निर्णय merit-based होते हैं न कि राजनीतिक प्रेरित। मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में निष्पक्षता और गैर-पक्षपाती दृष्टिकोण ने इसे सफलतापूर्वक लागू किया।
निष्कर्ष
See lessसफल लोक सेवक बनने के लिए निष्पक्षता और गैर-पक्षपाती होना अनिवार्य गुण हैं, जो न्याय, पारदर्शिता और प्रभावी शासन सुनिश्चित करते हैं।
“भ्रष्टाचार समाज में बुनियादी मूल्यों की असफलता की अभिव्यक्ति है।" आपके विचार में समाज में बुनियादी मूल्यों के उत्थान के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं ? (150 words)[UPSC 2023]
समाज में बुनियादी मूल्यों के उत्थान के उपाय 1. शिक्षा को सशक्त बनाना: बुनियादी मूल्यों जैसे ईमानदारी और उत्तरदायित्व को प्राथमिक शिक्षा से ही सिखाना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम सुधार और शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर दिया है। 2. पारदर्शRead more
समाज में बुनियादी मूल्यों के उत्थान के उपाय
1. शिक्षा को सशक्त बनाना: बुनियादी मूल्यों जैसे ईमानदारी और उत्तरदायित्व को प्राथमिक शिक्षा से ही सिखाना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम सुधार और शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर दिया है।
2. पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना: सरकारी और अन्य संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम को सशक्त बनाया जाना चाहिए, जो नागरिकों को सरकारी प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
3. नैतिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करना: नेताओं को नैतिक व्यवहार के उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए ताकि वे दूसरों को प्रेरित कर सकें। ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए जागरूकता अभियान जैसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ कहें नहीं” इस दिशा में सहायक हैं।
4. जन जागरूकता अभियान: भ्रष्टाचार के प्रभाव और मूल्यों के महत्व पर जन जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए। ये अभियान समाज में मूल्यों को समझाने और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इन उपायों को अपनाने से समाज में बुनियादी मूल्यों का उत्थान किया जा सकता है और भ्रष्टाचार की जड़ें कमजोर की जा सकती हैं।
See lessयह बहस चल रही है कि सहानुभूति को परिभाषित करने के लिए आवश्यक मुख्य घटक कौन-से हैं। हालांकि, मनोवैज्ञानिकों की परिभाषाओं में सर्वाधिक सामान्य रूप से शामिल तीन घटक प्रभावशाली समझ, भावनात्मक लगाव और संज्ञानात्मक दृष्टिकोण रखना हैं। उपयुक्त उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समझाइए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
सहानुभूति को समझने के लिए मुख्य घटक हैं प्रभावशाली समझ, भावनात्मक लगाव, और संज्ञानात्मक दृष्टिकोण। उदाहरण के माध्यम से इसे स्पष्ट किया जा सकता है: प्रभावशाली समझ: यह घटक किसी के भावनात्मक अनुभव को समझने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका मित्र निराश है, तो आप उसकी स्थिति को समझते हैं कि वह क्योंRead more
सहानुभूति को समझने के लिए मुख्य घटक हैं प्रभावशाली समझ, भावनात्मक लगाव, और संज्ञानात्मक दृष्टिकोण। उदाहरण के माध्यम से इसे स्पष्ट किया जा सकता है:
इन तीन घटकों के संयोजन से सहानुभूति उत्पन्न होती है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों को सुदृढ़ करती है।
See lessबूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसी प्रकार, बुद्धिमान व्यक्ति अच्छाई को थोड़ा-थोड़ा आत्मसात करके, स्वयं को इससे परिपूर्ण कर लेता है।" विवेचना कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
वाक्य "बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसी प्रकार, बुद्धिमान व्यक्ति अच्छाई को थोड़ा-थोड़ा आत्मसात करके, स्वयं को इससे परिपूर्ण कर लेता है।" एक महत्वपूर्ण जीवन-दर्शन को व्यक्त करता है। यह कहता है कि जैसे घड़ा धीरे-धीरे बूंद-बूंद पानी से भरता है, वैसे ही व्यक्ति की अच्छाई भी धीरे-धीरे समेटी जाती है। इस विRead more
वाक्य “बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसी प्रकार, बुद्धिमान व्यक्ति अच्छाई को थोड़ा-थोड़ा आत्मसात करके, स्वयं को इससे परिपूर्ण कर लेता है।” एक महत्वपूर्ण जीवन-दर्शन को व्यक्त करता है। यह कहता है कि जैसे घड़ा धीरे-धीरे बूंद-बूंद पानी से भरता है, वैसे ही व्यक्ति की अच्छाई भी धीरे-धीरे समेटी जाती है। इस विचार में एक गहरी सिख है कि बदलाव और सुधार एक बार में बड़े कदमों से नहीं, बल्कि निरंतर छोटे-छोटे प्रयासों से आता है। बुद्धिमान व्यक्ति निरंतर अच्छाई के छोटे-छोटे हिस्से को अपनाता है और उसे अपने जीवन में लागू करता है। यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। छोटे-छोटे प्रयास और आदतें मिलकर व्यक्ति को एक परिपूर्ण और नैतिक जीवन की ओर ले जाती हैं। इस प्रकार, आत्म-विकास और नैतिकता की प्राप्ति में स्थिरता और नियमितता महत्वपूर्ण हैं।
See lessकरुणा और सहिष्णुता अनिवार्यताएं हैं, विलासिता नहीं क्योंकि इनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती। करुणा और सहिष्णुता के मूल्य किसी लोक सेवक के दैनिक काम-काज में कैसे सहायता करते हैं? उपयुक्त उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
करुणा और सहिष्णुता लोक सेवक के दैनिक काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मूल्य उनके कार्यों को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बनाते हैं। 1. करुणा: करुणा लोक सेवकों को समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, एक सामाजिक कार्यकर्ता जोRead more
करुणा और सहिष्णुता लोक सेवक के दैनिक काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मूल्य उनके कार्यों को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बनाते हैं।
1. करुणा: करुणा लोक सेवकों को समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, एक सामाजिक कार्यकर्ता जो गरीबों की सहायता करता है, करुणा के माध्यम से उनकी वास्तविक ज़रूरतों को पहचानता है और उपयुक्त सहायता प्रदान करता है, जिससे उनके जीवन में सुधार होता है।
2. सहिष्णुता: सहिष्णुता लोक सेवकों को विभिन्न दृष्टिकोणों और समस्याओं को समझने और स्वीकारने की क्षमता देती है। एक सरकारी अधिकारी जो विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक समूहों के साथ काम करता है, सहिष्णुता से भरे दृष्टिकोण को अपनाकर समन्वय और संवाद को आसान बनाता है, जिससे सामाजिक सामंजस्य बनाए रखा जा सकता है।
इन मूल्यों के माध्यम से लोक सेवक अधिक प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान कर सकते हैं, समाज में समरसता और सहानुभूति को बढ़ावा दे सकते हैं।
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