करुणा और सहिष्णुता अनिवार्यताएं हैं, विलासिता नहीं क्योंकि इनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती। करुणा और सहिष्णुता के मूल्य किसी लोक सेवक के दैनिक काम-काज में कैसे सहायता करते हैं? उपयुक्त उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर ...
वाक्य "बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसी प्रकार, बुद्धिमान व्यक्ति अच्छाई को थोड़ा-थोड़ा आत्मसात करके, स्वयं को इससे परिपूर्ण कर लेता है।" एक महत्वपूर्ण जीवन-दर्शन को व्यक्त करता है। यह कहता है कि जैसे घड़ा धीरे-धीरे बूंद-बूंद पानी से भरता है, वैसे ही व्यक्ति की अच्छाई भी धीरे-धीरे समेटी जाती है। इस विRead more
वाक्य “बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। इसी प्रकार, बुद्धिमान व्यक्ति अच्छाई को थोड़ा-थोड़ा आत्मसात करके, स्वयं को इससे परिपूर्ण कर लेता है।” एक महत्वपूर्ण जीवन-दर्शन को व्यक्त करता है। यह कहता है कि जैसे घड़ा धीरे-धीरे बूंद-बूंद पानी से भरता है, वैसे ही व्यक्ति की अच्छाई भी धीरे-धीरे समेटी जाती है। इस विचार में एक गहरी सिख है कि बदलाव और सुधार एक बार में बड़े कदमों से नहीं, बल्कि निरंतर छोटे-छोटे प्रयासों से आता है। बुद्धिमान व्यक्ति निरंतर अच्छाई के छोटे-छोटे हिस्से को अपनाता है और उसे अपने जीवन में लागू करता है। यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। छोटे-छोटे प्रयास और आदतें मिलकर व्यक्ति को एक परिपूर्ण और नैतिक जीवन की ओर ले जाती हैं। इस प्रकार, आत्म-विकास और नैतिकता की प्राप्ति में स्थिरता और नियमितता महत्वपूर्ण हैं।
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करुणा और सहिष्णुता लोक सेवक के दैनिक काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मूल्य उनके कार्यों को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बनाते हैं। 1. करुणा: करुणा लोक सेवकों को समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, एक सामाजिक कार्यकर्ता जोRead more
करुणा और सहिष्णुता लोक सेवक के दैनिक काम-काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मूल्य उनके कार्यों को अधिक प्रभावी और संवेदनशील बनाते हैं।
1. करुणा: करुणा लोक सेवकों को समाज के कमजोर वर्गों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, एक सामाजिक कार्यकर्ता जो गरीबों की सहायता करता है, करुणा के माध्यम से उनकी वास्तविक ज़रूरतों को पहचानता है और उपयुक्त सहायता प्रदान करता है, जिससे उनके जीवन में सुधार होता है।
2. सहिष्णुता: सहिष्णुता लोक सेवकों को विभिन्न दृष्टिकोणों और समस्याओं को समझने और स्वीकारने की क्षमता देती है। एक सरकारी अधिकारी जो विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक समूहों के साथ काम करता है, सहिष्णुता से भरे दृष्टिकोण को अपनाकर समन्वय और संवाद को आसान बनाता है, जिससे सामाजिक सामंजस्य बनाए रखा जा सकता है।
इन मूल्यों के माध्यम से लोक सेवक अधिक प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान कर सकते हैं, समाज में समरसता और सहानुभूति को बढ़ावा दे सकते हैं।
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