“केवल कानून का अनुपालन ही काफ़ी नहीं है, लोक सेवक में, अपने कर्तव्यों के प्रभावी पालन करने के लिए, नैतिक मुद्दों पर एक सुविकसित संवेदन-शक्ति का होना भी आवश्यक है।” क्या आप सहमत हैं? दो उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट ...
क्रोध को व्यवस्थित और नियंत्रित करने के उपाय 1. भावनात्मक नियंत्रण तकनीकें ध्यान और मेडिटेशन: ध्यान और मेडिटेशन करने से व्यक्ति अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। हाल ही में, कई कंपनियों ने कर्मचारियों के तनाव और क्रोध को कम करने के लिए ध्यान प्रथाओं को अपनाया है, जैसे Google और InteRead more
क्रोध को व्यवस्थित और नियंत्रित करने के उपाय
1. भावनात्मक नियंत्रण तकनीकें
ध्यान और मेडिटेशन: ध्यान और मेडिटेशन करने से व्यक्ति अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। हाल ही में, कई कंपनियों ने कर्मचारियों के तनाव और क्रोध को कम करने के लिए ध्यान प्रथाओं को अपनाया है, जैसे Google और Intel द्वारा की गई पहल।
2. संघर्ष समाधान कौशल
संघर्ष समाधान प्रशिक्षण: प्रभावी संचार और संघर्ष समाधान कौशल विकसित करने से क्रोध को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। “Crucial Conversations” जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यक्तियों को संवेदनशील मुद्दों पर बिना क्रोध के बातचीत करने की तकनीकें सिखाते हैं।
3. संज्ञानात्मक-व्यवहारिक रणनीतियाँ
विचारों का पुनर्निर्माण: संज्ञानात्मक-व्यवहारिक तकनीकों का उपयोग करके नकारात्मक विचारों और ट्रिगर्स को समझना और उन्हें चुनौती देना क्रोध को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। अध्ययन दर्शाते हैं कि CBT आधारित क्रोध प्रबंधन कार्यक्रम प्रभावी साबित होते हैं।
4. शारीरिक गतिविधि
नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधियाँ जैसे योग या जॉगिंग तनाव और क्रोध को कम करने में मदद करती हैं। हाल की रिपोर्टों ने दिखाया है कि व्यायाम भावनात्मक संतुलन और क्रोध नियंत्रण में सहायक होता है।
इन उपायों को अपनाकर क्रोध को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सुधार होता है।
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नैतिकता और कानून का अनुपालन सहमत हूँ, क्योंकि लोक सेवकों को केवल कानून का अनुपालन करने के अलावा, नैतिक संवेदनशीलता भी बनाए रखनी चाहिए। (i) कृत्य नैतिकतः सही परंतु वैध रूप से सही नहीं: उदाहरण: फरवरी 2023 में एक सरकारी अधिकारी ने एक गरीब व्यक्ति की सहायता करने के लिए सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर व्यक्तRead more
नैतिकता और कानून का अनुपालन
सहमत हूँ, क्योंकि लोक सेवकों को केवल कानून का अनुपालन करने के अलावा, नैतिक संवेदनशीलता भी बनाए रखनी चाहिए।
(i) कृत्य नैतिकतः सही परंतु वैध रूप से सही नहीं: उदाहरण: फरवरी 2023 में एक सरकारी अधिकारी ने एक गरीब व्यक्ति की सहायता करने के लिए सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर व्यक्तिगत रूप से आर्थिक सहायता प्रदान की। यह कृत्य नैतिक दृष्टि से सही था, क्योंकि इससे जरूरतमंद की मदद हुई, लेकिन यह कानून की दृष्टि से गलत था, क्योंकि सरकारी फंड का उपयोग नियमों के अनुसार नहीं किया गया।
(ii) कृत्य वैध रूप से सही परंतु नैतिकतः सही नहीं: उदाहरण: 2024 में एक कंपनी ने स्थानीय निवासियों की भलाई के लिए एक प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन इसके लिए उन्होंने आवश्यक पर्यावरणीय अनुमति नहीं ली। यहाँ कंपनी ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया, लेकिन इसने पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, जो नैतिक दृष्टि से गलत था।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि नैतिकता और कानून का अनुपालन दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
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