कई सारे देशों के संविधानों से उधार ली गई विशेषताओं के बावजूद, भारत का संविधान अद्वितीय बना हुआ है। विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय संविधान की मूल संरचना का सिद्धांत एक महत्वपूर्ण न्यायिक नवाचार है, जो संविधान के मूलभूत और अविभाज्य अंगों की सुरक्षा करता है। यह सिद्धांत भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा विकसित किया गया है और इसका मूल उद्देश्य संविधान की मौलिक विशेषताओं और मूल्यों को बरकरार रखना है। इस सिद्धांत के अनुसार, संविधRead more
भारतीय संविधान की मूल संरचना का सिद्धांत एक महत्वपूर्ण न्यायिक नवाचार है, जो संविधान के मूलभूत और अविभाज्य अंगों की सुरक्षा करता है। यह सिद्धांत भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा विकसित किया गया है और इसका मूल उद्देश्य संविधान की मौलिक विशेषताओं और मूल्यों को बरकरार रखना है।
इस सिद्धांत के अनुसार, संविधान के कुछ अवयव जैसे लोकतंत्र, न्यायिक स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार और संघीय ढांचा संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं और इन्हें संशोधन द्वारा बदला या परिवर्तित नहीं किया जा सकता। यह सुनिश्चित करता है कि संविधान की मूल विशेषताएं सुरक्षित रहें और भविष्य में संविधान को कमजोर या धीमा न किया जा सके।
इस सिद्धांत ने भारतीय न्यायपालिका को संविधान के मूलभूत संरचना को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका दी है। यह न्यायिक समीक्षा की शक्ति का उपयोग करके संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और मूल्यों की रक्षा करता है।
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यह सच है कि भारतीय संविधान ने कई देशों के संविधानों से विशेषताएं उधार ली हैं, लेकिन उसके बावजूद यह अद्वितीय बना हुआ है। ये कुछ कारण हैं: भारतीय संविधान का व्यापक और विस्तृत स्वरूप: भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद हैं, जो किसी भी अन्य देश के संविधान से अधिक है। इससे इसकी व्यापकता और व्यवस्थित प्रकृतिRead more
यह सच है कि भारतीय संविधान ने कई देशों के संविधानों से विशेषताएं उधार ली हैं, लेकिन उसके बावजूद यह अद्वितीय बना हुआ है। ये कुछ कारण हैं:
भारतीय संविधान का व्यापक और विस्तृत स्वरूप: भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद हैं, जो किसी भी अन्य देश के संविधान से अधिक है। इससे इसकी व्यापकता और व्यवस्थित प्रकृति स्पष्ट होती है।
See lessसमावेशी और प्रतिनिधित्वपरक स्वरूप: भारतीय संविधान सभी वर्गों, समुदायों और क्षेत्रों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है, जो इसे अनूठा बनाता है।
संविधान संशोधन की प्रक्रिया: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया में स्पष्ट और उचित प्रावधान हैं, जो इसकी लचीलेपन को बढ़ाते हैं।
न्यायपालिका की स्वतंत्रता: भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता और शक्तियां इसे अद्वितीय बनाती हैं।
धर्मनिरपेक्षता का आग्रह: भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता को महत्व देता है, जो इसकी विशिष्टता है।
इन कारणों से भारतीय संविधान अद्वितीय और अनूठा बना हुआ है।