बच्चे को दुलारने की जगह अब मोबाइल फोन ने ले ली है। बच्चों के समाजीकरण पर इसके प्रभाव की चर्चा कीजिए। (150 Words) [UPSC 2023]
सल्तनत काल (1206-1526) के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव हुए, जो भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डालते थे: शहरीकरण और वास्तुकला: सल्तनत काल में नई प्रकार की वास्तुकला की शुरुआत हुई, जैसे कि कुतुब मीनार, कुतुब मस्जिद, और आदिल शाह किला। इन संरचनाओं में नए स्थापत्य शैली और तकनीकों काRead more
सल्तनत काल (1206-1526) के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव हुए, जो भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डालते थे:
- शहरीकरण और वास्तुकला: सल्तनत काल में नई प्रकार की वास्तुकला की शुरुआत हुई, जैसे कि कुतुब मीनार, कुतुब मस्जिद, और आदिल शाह किला। इन संरचनाओं में नए स्थापत्य शैली और तकनीकों का उपयोग किया गया, जैसे कि पत्थर की कटाई और सजावट में सुधार। इसने शहरीकरण को बढ़ावा दिया और साम्राज्य के सशक्तिकरण को दर्शाया।
- जल प्रबंधन: सल्तनत काल में जल प्रबंधन में सुधार हुआ, जिसमें जलाशयों और बावलियों का निर्माण शामिल था। हौज-ए-शरीफ और हौज-ए-सुलतान जैसे जलाशयों ने न केवल पानी की समस्या को हल किया बल्कि कृषि और शहरी जीवन को भी सशक्त किया।
- लौह और धातु विज्ञान: लोहे के स्तंभों और अन्य धातु वस्तुओं के निर्माण में नई तकनीकों का विकास हुआ। कुतुब मीनार का लौह स्तंभ इस समय की धातु विज्ञान की उन्नति का प्रतीक है, जो लंबे समय तक जंग रहित रहा।
- सैनिक तकनीक: सल्तनत काल में सैन्य तकनीक में भी सुधार हुआ। घुड़सवार सेना और युद्धकला में नवाचार किए गए, जैसे कि हथियारों और तोपों का उपयोग, जिसने सामरिक श्रेष्ठता को बढ़ाया।
समाजिक प्रभाव:
- शहरीकरण और सामाजिक संरचना: नई वास्तुकला और शहरीकरण ने सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित किया। नगरों का विकास और बड़े महल और मस्जिदों का निर्माण नई सामाजिक परतों का संकेत था।
- विकसित जल प्रबंधन: जलाशयों और बावलियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाया और सूखा के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की, जिससे ग्रामीण जीवन में सुधार हुआ।
- धातु विज्ञान और निर्माण: उन्नत धातु विज्ञान ने निर्माण में नई संभावनाएँ खोलीं और भारतीय धातु विज्ञान को विश्व मानचित्र पर लाया।
इन तकनीकी बदलावों ने न केवल तत्कालीन समाज को प्रभावित किया, बल्कि भारतीय समाज और संस्कृति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग ने बच्चों के समाजीकरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाले हैं: भावनात्मक कनेक्शन में कमी: जब माता-पिता या देखभालकर्ता मोबाइल फोन पर व्यस्त रहते हैं, तो बच्चों को पर्याप्त भावनात्मक ध्यान और दुलार नहीं मिल पाता। यह बच्चों के आत्म-संवेदन और सामाजिक भावनाओं को प्रभावित करता है। सामाजिकRead more
मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग ने बच्चों के समाजीकरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाले हैं:
इन प्रभावों से निपटने के लिए, बच्चों को वास्तविक सामाजिक और भावनात्मक अनुभव देने के लिए परिवारों को सक्रिय रूप से प्रयास करना चाहिए।
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