मुख्यधारा के ज्ञान और सांस्कृतिक प्रणालियों की तुलना में आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता की जाँच कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
सल्तनत काल (1206-1526) के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव हुए, जो भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डालते थे: शहरीकरण और वास्तुकला: सल्तनत काल में नई प्रकार की वास्तुकला की शुरुआत हुई, जैसे कि कुतुब मीनार, कुतुब मस्जिद, और आदिल शाह किला। इन संरचनाओं में नए स्थापत्य शैली और तकनीकों काRead more
सल्तनत काल (1206-1526) के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव हुए, जो भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डालते थे:
- शहरीकरण और वास्तुकला: सल्तनत काल में नई प्रकार की वास्तुकला की शुरुआत हुई, जैसे कि कुतुब मीनार, कुतुब मस्जिद, और आदिल शाह किला। इन संरचनाओं में नए स्थापत्य शैली और तकनीकों का उपयोग किया गया, जैसे कि पत्थर की कटाई और सजावट में सुधार। इसने शहरीकरण को बढ़ावा दिया और साम्राज्य के सशक्तिकरण को दर्शाया।
- जल प्रबंधन: सल्तनत काल में जल प्रबंधन में सुधार हुआ, जिसमें जलाशयों और बावलियों का निर्माण शामिल था। हौज-ए-शरीफ और हौज-ए-सुलतान जैसे जलाशयों ने न केवल पानी की समस्या को हल किया बल्कि कृषि और शहरी जीवन को भी सशक्त किया।
- लौह और धातु विज्ञान: लोहे के स्तंभों और अन्य धातु वस्तुओं के निर्माण में नई तकनीकों का विकास हुआ। कुतुब मीनार का लौह स्तंभ इस समय की धातु विज्ञान की उन्नति का प्रतीक है, जो लंबे समय तक जंग रहित रहा।
- सैनिक तकनीक: सल्तनत काल में सैन्य तकनीक में भी सुधार हुआ। घुड़सवार सेना और युद्धकला में नवाचार किए गए, जैसे कि हथियारों और तोपों का उपयोग, जिसने सामरिक श्रेष्ठता को बढ़ाया।
समाजिक प्रभाव:
- शहरीकरण और सामाजिक संरचना: नई वास्तुकला और शहरीकरण ने सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित किया। नगरों का विकास और बड़े महल और मस्जिदों का निर्माण नई सामाजिक परतों का संकेत था।
- विकसित जल प्रबंधन: जलाशयों और बावलियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाया और सूखा के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की, जिससे ग्रामीण जीवन में सुधार हुआ।
- धातु विज्ञान और निर्माण: उन्नत धातु विज्ञान ने निर्माण में नई संभावनाएँ खोलीं और भारतीय धातु विज्ञान को विश्व मानचित्र पर लाया।
इन तकनीकी बदलावों ने न केवल तत्कालीन समाज को प्रभावित किया, बल्कि भारतीय समाज और संस्कृति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
See less
मुख्यधारा के ज्ञान और आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता की जाँच मुख्यधारा के ज्ञान प्रणाली: वैज्ञानिक और विधिवादी दृष्टिकोण: मुख्यधारा की ज्ञान प्रणाली में वैज्ञानिक पद्धतियाँ, विश्लेषणात्मक और तर्कसंगत विधियाँ प्रमुख होती हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी शिक्षा प्रणाली में प्रयोगात्मक अनुसंधान और पद्धतRead more
मुख्यधारा के ज्ञान और आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता की जाँच
मुख्यधारा के ज्ञान प्रणाली:
आदिवासी ज्ञान प्रणाली:
विशिष्टता:
इन भिन्नताओं के माध्यम से, आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता और महत्व को समझा जा सकता है, जो पारंपरिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध है।
See less