भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है ? विस्तृत उत्तर दीजिए । ( 250 words ) [UPSC 2020]
मुख्यधारा के ज्ञान और आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता की जाँच मुख्यधारा के ज्ञान प्रणाली: वैज्ञानिक और विधिवादी दृष्टिकोण: मुख्यधारा की ज्ञान प्रणाली में वैज्ञानिक पद्धतियाँ, विश्लेषणात्मक और तर्कसंगत विधियाँ प्रमुख होती हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी शिक्षा प्रणाली में प्रयोगात्मक अनुसंधान और पद्धतRead more
मुख्यधारा के ज्ञान और आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता की जाँच
मुख्यधारा के ज्ञान प्रणाली:
- वैज्ञानिक और विधिवादी दृष्टिकोण: मुख्यधारा की ज्ञान प्रणाली में वैज्ञानिक पद्धतियाँ, विश्लेषणात्मक और तर्कसंगत विधियाँ प्रमुख होती हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी शिक्षा प्रणाली में प्रयोगात्मक अनुसंधान और पद्धतिगत शिक्षा पर जोर दिया जाता है।
- औपचारिक शिक्षा और प्रमाणपत्र: ज्ञान मुख्यधारा की प्रणाली में औपचारिक शिक्षा संस्थानों जैसे स्कूल और विश्वविद्यालयों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। यह प्रणाली प्रमाणपत्र और डिग्रियों पर आधारित होती है।
आदिवासी ज्ञान प्रणाली:
- प्राकृतिक और समेकित दृष्टिकोण: आदिवासी ज्ञान प्रणाली प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक पर्यावरणीय प्रथाओं पर आधारित होती है। उदाहरण के लिए, भारतीय आदिवासी समुदायों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक चिकित्सा और फसलों की उगाने की विधियाँ प्राकृतिक पारिस्थितिकी को समझती हैं।
- सांस्कृतिक और मौखिक परंपराएँ: आदिवासी ज्ञान प्रणाली मौखिक परंपराओं और सांस्कृतिक कहानियों के माध्यम से संप्रेषित की जाती है। संताली और गोंडी समुदायों की मौखिक कहानियाँ और गीत सांस्कृतिक ज्ञान का अहम हिस्सा हैं।
विशिष्टता:
- स्थानीय अनुभव: आदिवासी ज्ञान स्थानीय अनुभव और पर्यावरणीय संदर्भों पर आधारित होता है, जबकि मुख्यधारा की प्रणाली अधिक वैश्विक और मानकीकृत होती है।
- सततता और संरक्षण: आदिवासी ज्ञान प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान की सततता और संरक्षण को प्राथमिकता देता है, जो मुख्यधारा की प्रणाली की औद्योगिक दृष्टिकोण से भिन्न है।
इन भिन्नताओं के माध्यम से, आदिवासी ज्ञान प्रणाली की विशिष्टता और महत्व को समझा जा सकता है, जो पारंपरिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध है।
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भारत में डिजिटल पहल और शिक्षा व्यवस्था में उनका योगदान परिचय भारत में डिजिटल पहल ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने और उसे सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल विशेष रूप से शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच, और नवाचार को बढ़ाने में सहायक रही हैं। मुख्य डिजिटल पहल ई-लर्निंग प्लेटफार्म DIKSHA (DRead more
भारत में डिजिटल पहल और शिक्षा व्यवस्था में उनका योगदान
परिचय
भारत में डिजिटल पहल ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने और उसे सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल विशेष रूप से शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच, और नवाचार को बढ़ाने में सहायक रही हैं।
मुख्य डिजिटल पहल
DIKSHA (Digital Infrastructure for Knowledge Sharing) और SWAYAM जैसी प्लेटफार्मों ने व्यापक शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई है। DIKSHA शिक्षकों और छात्रों को पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री प्रदान करती है, जबकि SWAYAM MOOCs के माध्यम से विभिन्न विषयों पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराती है। COVID-19 महामारी के दौरान, SWAYAM ने स्कूल बंद होने के बावजूद शिक्षा को जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
NPTEL (National Programme on Technology Enhanced Learning) और ePathshala उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री प्रदान करते हैं। NPTEL विशेष रूप से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर और ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराता है, जबकि ePathshala स्कूल के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें और सहायक सामग्री प्रदान करता है।
NETF का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और डेटा-संचालित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। यह शैक्षिक योजना, कार्यान्वयन, और मूल्यांकन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देता है।
BharatNet और National Knowledge Network (NKN) ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाया है, जिससे डिजिटल कक्षाओं, ऑनलाइन संसाधनों, और वर्चुअल सहयोग को समर्थन मिला है।
हाल के उदाहरण
शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
निष्कर्ष
See lessभारत में डिजिटल पहल ने शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें पहुंच में सुधार, शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि, और नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है। ये प्रयास एक मजबूत और समावेशी शैक्षिक ढांचे की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।