गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में बहुत कम प्रतिशत का योगदान देते हैं। विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
प्राथमिक चट्टानें, जिन्हें आग्नेय या इग्नियस चट्टानें भी कहा जाता है, वे चट्टानें हैं जो मैग्मा या लावा के ठोस होने से बनती हैं। इनकी विशेषताएँ और प्रकार निम्नलिखित हैं: विशेषताएँ: रूप: ये चट्टानें अक्सर कणों की संरचना में होते हैं और इनके ठोस होने का समय आग्नेय प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। संघटन:Read more
प्राथमिक चट्टानें, जिन्हें आग्नेय या इग्नियस चट्टानें भी कहा जाता है, वे चट्टानें हैं जो मैग्मा या लावा के ठोस होने से बनती हैं। इनकी विशेषताएँ और प्रकार निम्नलिखित हैं:
विशेषताएँ:
- रूप: ये चट्टानें अक्सर कणों की संरचना में होते हैं और इनके ठोस होने का समय आग्नेय प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है।
- संघटन: इनका संगठन क्रिस्टलीय होता है, और इन्हें क्रिस्टल के आकार और प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
प्रकार:
- इंट्रूसिव (प्लुटोनिक) चट्टानें: ये चट्टानें मैग्मा के पृथ्वी की आंतरिक परतों में ठोस होने से बनती हैं। उदाहरण: ग्रेनाइट, डायराइट।
- एक्सट्रूसिव (वोल्केनिक) चट्टानें: ये चट्टानें लावा के सतह पर ठोस होने से बनती हैं। उदाहरण: बैसाल्ट, राइओलाइट।
प्राथमिक चट्टानें पृथ्वी की सतह के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इनकी संरचना से भूगर्भीय प्रक्रियाओं की जानकारी मिलती है।
See less
गोंडवानालैंड के देशों में भारत के खनन उद्योग का जी.डी.पी. में कम योगदान खनन संसाधनों की प्रचुरता: भौगोलिक विशेषता: भारत गोंडवानालैंड के प्राचीन भाग में स्थित है, जहाँ खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। इसके बावजूद, खनिज जैसे कोयला, लौह अयस्क, और बauxite का जी.डी.पी. में योगदान अपेक्षाकृत कम है। संघर्ष औरRead more
गोंडवानालैंड के देशों में भारत के खनन उद्योग का जी.डी.पी. में कम योगदान
खनन संसाधनों की प्रचुरता:
संघर्ष और अवसंरचना:
आर्थिक और पर्यावरणीय कारण:
इन कारणों से, भारत के खनन उद्योग का जी.डी.पी. में योगदान अपेक्षाकृत कम है, जबकि गोंडवानालैंड में खनिज संसाधनों की प्रचुरता मौजूद है।
See less