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राष्ट्रीय नगरीय परिवहन नीति 'वाहनों की आवाजाही' के बजाय 'लोगों की आवाजाही पर बल देती है। इस सम्बन्ध में सरकार की विविध रणनीतियों की सफलता की आलोचनात्मक चर्चा कीजिए। (200 words) [UPSC 2014]
परिचय: राष्ट्रीय नगरीय परिवहन नीति (NUTP) 'वाहनों की आवाजाही' के बजाय 'लोगों की आवाजाही' पर बल देती है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन, गैर-मोटर चालित परिवहन और सतत शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देना है। इस नीति का लक्ष्य ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, और निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करना है। सरकारी रणनीतियों कीRead more
परिचय: राष्ट्रीय नगरीय परिवहन नीति (NUTP) ‘वाहनों की आवाजाही’ के बजाय ‘लोगों की आवाजाही’ पर बल देती है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन, गैर-मोटर चालित परिवहन और सतत शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देना है। इस नीति का लक्ष्य ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, और निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करना है।
सरकारी रणनीतियों की सफलता:
निष्कर्ष: हालांकि सरकार ने ‘वाहनों की आवाजाही’ के बजाय ‘लोगों की आवाजाही’ पर ध्यान केंद्रित करने में प्रगति की है, लेकिन सफलता मिश्रित रही है। व्यापक योजना, बेहतर क्रियान्वयन, और बुनियादी ढांचे की खामियों को दूर करना राष्ट्रीय नगरीय परिवहन नीति के उद्देश्यों को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
See lessक्या आप सहमत हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल ही में V-आकार के पुनरुत्थान का अनुभव किया है ? कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
भारतीय अर्थव्यवस्था और V-आकार के पुनरुत्थान V-आकार का पुनरुत्थान: V-आकार का पुनरुत्थान वह स्थिति है जिसमें आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट के बाद तीव्र और मजबूत सुधार होता है, जो पूर्व-संकट स्तरों पर लौटता है। यह आकलन करने के लिए कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल ही में ऐसा पुनरुत्थान अनुभव किया हRead more
भारतीय अर्थव्यवस्था और V-आकार के पुनरुत्थान
V-आकार का पुनरुत्थान: V-आकार का पुनरुत्थान वह स्थिति है जिसमें आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट के बाद तीव्र और मजबूत सुधार होता है, जो पूर्व-संकट स्तरों पर लौटता है। यह आकलन करने के लिए कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल ही में ऐसा पुनरुत्थान अनुभव किया है, हाल की आर्थिक प्रवृत्तियों और डेटा का विश्लेषण करना आवश्यक है।
V-आकार के पुनरुत्थान के प्रमाण:
V-आकार के पुनरुत्थान की चुनौती:
निष्कर्ष: जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था ने प्रमुख आर्थिक संकेतकों और वृद्धि दरों में V-आकार के पुनरुत्थान का संकेत दिया है, असमान पुनरुत्थान और बाहरी आर्थिक दबावों ने यह सुझाव दिया कि जबकि सुधार तेज था, यह चुनौतियों के बिना नहीं है। इसलिए, भारतीय अर्थव्यवस्था ने प्रभावशाली सुधार दिखाया है, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता और वृद्धि को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक और बाहरी चुनौतियाँ मौजूद हैं।
See lessभारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटिकरण की स्थिति क्या है? इस संबंध में आने वाली समस्याओं का परीक्षण कीजिए और सुधार के लिए सुझाव दीजिए। (150 words)[UPSC 2023]
भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटिकरण की स्थिति 1. डिजिटिकरण में प्रगति: भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटिकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। डिजिटल भुगतान प्रणालियों का व्यापक उपयोग हुआ है, जैसे UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस), जिसका लेन-देन मूल्य FY 2023-24 में ₹84.18 ट्रिलियन था। सरकारी पहलों जैसे डिजिटलीRead more
भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटिकरण की स्थिति
1. डिजिटिकरण में प्रगति: भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटिकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। डिजिटल भुगतान प्रणालियों का व्यापक उपयोग हुआ है, जैसे UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस), जिसका लेन-देन मूल्य FY 2023-24 में ₹84.18 ट्रिलियन था। सरकारी पहलों जैसे डिजिटली इंडिया और आधार ने डिजिटल अवसंरचना को सशक्त किया है, जिससे वित्तीय समावेशन और सेवा वितरण में सुधार हुआ है। ई-गवर्नेंस प्लेटफार्म जैसे ई-कोर्ट्स और ई-ऑफिस ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है।
2. समस्याएँ:
3. सुधार के सुझाव:
इन समस्याओं का समाधान करने से भारत अपने डिजिटिकरण को तेज कर सकता है और व्यापक लाभ सुनिश्चित कर सकता है।
See lessनियोजित विकास स्वातंत्र्योत्तर भारत में किए गए प्रमुख आर्थिक सुधारों में से एक था। इस संदर्भ में, चर्चा कीजिए कि द्वितीय पंचवर्षीय योजना को मील का पत्थर क्यों माना जाता है।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
नियोजित विकास स्वतंत्र भारत के आर्थिक सुधारों में एक महत्वपूर्ण पहलू था, और द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) इसे उत्कृष्टता की ओर ले जाने वाले कदम के रूप में मील का पत्थर साबित हुई। द्वितीय पंचवर्षीय योजना को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत कई प्रमुख आर्थिक सुधार और विकासाRead more
नियोजित विकास स्वतंत्र भारत के आर्थिक सुधारों में एक महत्वपूर्ण पहलू था, और द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) इसे उत्कृष्टता की ओर ले जाने वाले कदम के रूप में मील का पत्थर साबित हुई।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत कई प्रमुख आर्थिक सुधार और विकासात्मक पहलुओं को लागू किया गया:
इन पहलों ने भारत के औद्योगिक विकास को गति दी और देश की आर्थिक आधारशिला को सशक्त किया, जिससे द्वितीय पंचवर्षीय योजना को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया।
See less1991 के आर्थिक सुधार, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक व्यापक संरचनात्मक सुधार थे। चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
1991 के आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थे। ये सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट और मंदी से उबारने के लिए लागू किए गए थे और इसका उद्देश्य आर्थिक संरचना को स्थिर और प्रतिस्पर्धी बनाना था। मुख्य सुधारों में शामिल हैं: वित्तीय क्षेत्र की सुधार: सरकारी बैंकों और वित्तीRead more
1991 के आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थे। ये सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट और मंदी से उबारने के लिए लागू किए गए थे और इसका उद्देश्य आर्थिक संरचना को स्थिर और प्रतिस्पर्धी बनाना था।
मुख्य सुधारों में शामिल हैं:
ये सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता, वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में सहायक साबित हुए। इनके परिणामस्वरूप भारत की आर्थिक विकास दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और विदेशी निवेश में भी वृद्धि दर्ज की गई।
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