भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (आई. आर. एन. एस. एस.) की आवश्यकता क्यों है ? यह नौपरिवहन में किस प्रकार सहायक है ? (150 words) [UPSC 2018]
भारत में 'महत्त्वाकांक्षी जिलों के कायाकल्प के लिए मूल रणनीतियाँ 1. लक्षित हस्तक्षेप: महत्त्वाकांक्षी जिलों की योजना (2018) स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में सुधार पर केंद्रित है। मिवात (हरियाणा) और दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) जैसे जिलों में शैक्षिक परिणाम और स्वास्थ्य सेवRead more
भारत में ‘महत्त्वाकांक्षी जिलों के कायाकल्प के लिए मूल रणनीतियाँ
1. लक्षित हस्तक्षेप: महत्त्वाकांक्षी जिलों की योजना (2018) स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में सुधार पर केंद्रित है। मिवात (हरियाणा) और दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) जैसे जिलों में शैक्षिक परिणाम और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम लागू किए गए हैं।
2. डेटा-संचालित शासन: वास्तविक समय के डेटा और प्रदर्शन मैट्रिक्स का उपयोग कार्यक्रमों की प्रगति को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। NITI Aayog द्वारा प्रस्तुत डेल्टा रैंकिंग प्रणाली जिलों के प्रदर्शन पर तिमाही अद्यतन प्रदान करती है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
3. स्थानीय आवश्यकताओं पर ध्यान: रणनीतियाँ स्थानीय चुनौतियों को संबोधित करने के लिए तैयार की जाती हैं। उदाहरण के लिए, कंधमाल (ओडिशा) में आदिवासी कल्याण और जीविका के अवसरों में सुधार के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
अभिसरण, सहयोग और प्रतिस्पर्धा की प्रकृति
1. अभिसरण: प्रभावी कायाकल्प के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का एकीकृत प्रयास आवश्यक है। केंद्रीय और राज्य योजनाओं का अभिसरण सुनिश्चित करता है कि संसाधन प्रभावी ढंग से उपयोग हों। उदाहरण के लिए, MNREGA और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का एकीकरण ग्रामीण आधारभूत संरचना में सुधार करता है।
2. सहयोग: सफल कार्यान्वयन में सरकारी एजेंसियों, स्थानीय निकायों, और नागरिक समाज संगठनों के बीच सहयोग शामिल है। NGOs और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझेदारी अतिरिक्त संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करती है। लाल पथ लैब्स ने ग्रामीण क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक सेवाओं में सुधार के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के साथ सहयोग किया है।
3. प्रतिस्पर्धा: जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने से प्रगति को बढ़ावा मिलता है। प्रदर्शन सूचकांक और पुरस्कार शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों के लिए प्रेरणा उत्पन्न करते हैं। धमतरी (छत्तीसगढ़) जैसे जिलों ने इस प्रतिस्पर्धात्मक भावना के कारण स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं।
इन रणनीतियों और सहयोगात्मक प्रयासों से महत्त्वाकांक्षी जिलों के कायाकल्प में सफलता सुनिश्चित होती है और वे अपनी पूरी क्षमता प्राप्त कर पाते हैं।
See less
भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (आई. आर. एन. एस. एस.) की आवश्यकता क्यों है? सामरिक स्वायत्तता: भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (IRNSS), जिसे नाविक (NavIC) भी कहा जाता है, भारत को एक स्वतंत्र नेविगेशन सिस्टम प्रदान करता है, जिससे विदेशी उपग्रह प्रणालियों जैसे GPS पर निर्भरता कम होतीRead more
भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (आई. आर. एन. एस. एस.) की आवश्यकता क्यों है?
सामरिक स्वायत्तता: भारतीय प्रादेशिक नौपरिवहन उपग्रह प्रणाली (IRNSS), जिसे नाविक (NavIC) भी कहा जाता है, भारत को एक स्वतंत्र नेविगेशन सिस्टम प्रदान करता है, जिससे विदेशी उपग्रह प्रणालियों जैसे GPS पर निर्भरता कम होती है। यह विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक स्वायत्तता के लिए महत्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय सटीकता: IRNSS भारत और उसके आसपास के क्षेत्र में बेहतर सटीकता प्रदान करता है, जो चुनौतीपूर्ण इलाकों और घनी शहरी क्षेत्रों में नेविगेशन के लिए उपयोगी है। हाल ही में 2023 में, IRNSS को उन्नत स्मार्टफोन में शामिल किया गया, जिससे स्थानीय जीपीएस सेवाएं सुदृढ़ हुईं।
ऑपरेशनल दक्षता: IRNSS आपदा प्रबंधन, विमानन और मरीन नेविगेशन में सुधार करता है, जिससे आपातकालीन सेवाओं और सैन्य संचालन की दक्षता में वृद्धि होती है।
See less