भारतीय गणराज्य के संस्थापकों का प्राथमिक कार्य इसका आर्थिक विकास करना नहीं था, बल्कि भारत के लोगों का सामाजिक- सांस्कृतिक एकीकरण करना था। चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
स्वतंत्रता के बाद भारत को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनमें विभाजन के दौरान सीमा समझौता और संसाधनों का विभाजन प्रमुख थे। 1947 में भारत का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग देश बने। इस विभाजन ने न केवल एक राजनीतिक सीमा खींची, बल्कि सामाजिक और आर्थिकRead more
स्वतंत्रता के बाद भारत को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनमें विभाजन के दौरान सीमा समझौता और संसाधनों का विभाजन प्रमुख थे। 1947 में भारत का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग देश बने। इस विभाजन ने न केवल एक राजनीतिक सीमा खींची, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विभाजन भी किया।
सीमा समझौते के तहत, भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाओं का निर्धारण किया गया। इस विभाजन में पंजाब और बंगाल जैसे बड़े प्रांतों को बांटा गया, जिससे बड़े पैमाने पर जनसंख्या का विस्थापन हुआ। लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए नए बने देशों में पलायन करने लगे, जिससे सांप्रदायिक हिंसा, नरसंहार और अराजकता फैल गई। इस अवधि में लगभग 10-15 लाख लोग मारे गए, और लाखों लोग बेघर हो गए।
संसाधनों का विभाजन भी एक महत्वपूर्ण चुनौती थी। विभाजन के दौरान रेलवे, उद्योग, सिंचाई परियोजनाएं, सैन्य संपत्तियां, और अन्य संसाधनों का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे ने भारत की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचाया। विभाजन के कारण पूर्वी पंजाब और बंगाल में कृषि और उद्योग प्रभावित हुए, जिससे भारत की खाद्यान्न आपूर्ति और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई।
इसके अलावा, भारत को शरणार्थियों के पुनर्वास की भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। लाखों शरणार्थियों को रोजगार, आश्रय और खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को बड़े पैमाने पर प्रयास करने पड़े। इस संकट ने भारत के नवगठित प्रशासन पर भारी दबाव डाला और विकास की गति को धीमा कर दिया।
इन चुनौतियों के बावजूद, भारत ने धीरे-धीरे इन समस्याओं से उबरते हुए अपने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ढांचे को मजबूत किया। विभाजन के बाद की इन चुनौतियों ने भारत को एकजुट रहने और विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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भारतीय गणराज्य के संस्थापकों का प्राथमिक कार्य देश के सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण को सुदृढ़ करना था, जो कि उनके समकालीन ऐतिहासिक और सामाजिक संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण था। स्वतंत्रता के समय, भारत एक विविध और बहु-जातीय समाज था, जिसमें विभिन्न भाषाएं, धर्म, और सांस्कृतिक पहचान थी। संस्थापकों ने एक सRead more
भारतीय गणराज्य के संस्थापकों का प्राथमिक कार्य देश के सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण को सुदृढ़ करना था, जो कि उनके समकालीन ऐतिहासिक और सामाजिक संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण था। स्वतंत्रता के समय, भारत एक विविध और बहु-जातीय समाज था, जिसमें विभिन्न भाषाएं, धर्म, और सांस्कृतिक पहचान थी।
संस्थापकों ने एक समावेशी और एकता पर आधारित गणराज्य की नींव रखी, जिसमें सामाजिक समरसता, समानता और समान अवसरों को बढ़ावा दिया गया। भारतीय संविधान ने विभिन्न धार्मिक, जातीय और भाषाई समूहों के बीच समन्वय और समझ को प्रोत्साहित किया।
अर्थव्यवस्था का विकास भी महत्वपूर्ण था, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिले और सामाजिक विभाजन कम हो, पहले प्राथमिकता थी। इस सामाजिक- सांस्कृतिक एकीकरण ने दीर्घकालिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति की आधारशिला रखी।
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