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उत्तर प्रदेश के क्रान्तिकारियों का भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में योगदानों का मूल्यांकन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
main-surface-primary text-token-text-primary h-8 w-8"> उत्तर प्रदेश के क्रान्तिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रमुख क्रान्तिकारियों में: राम प्रसाद बिस्मिल - काकोरी ट्रेन डकैती के नेता, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह को बढ़ावा दिया। चंद्रशेखर आज़Read more
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उत्तर प्रदेश के क्रान्तिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रमुख क्रान्तिकारियों में:
इन क्रान्तिकारियों ने सशस्त्र संघर्ष, जन जागरूकता और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपार साहस दिखाया, जिससे स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा मिली और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा मिली।
See less1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश के योद्धाओं के योगदान पर प्रकाश डालिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश के योद्धाओं के योगदान परिचय 1857 का स्वतंत्रता संग्राम भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है। उत्तर प्रदेश, जो उस समय संयुक्त प्रांत कहलाता था, इस संग्राम का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहां के योद्धाओं और आम जनता ने इस संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निRead more
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश के योद्धाओं के योगदान
परिचय
1857 का स्वतंत्रता संग्राम भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है। उत्तर प्रदेश, जो उस समय संयुक्त प्रांत कहलाता था, इस संग्राम का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहां के योद्धाओं और आम जनता ने इस संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख योद्धाओं का योगदान
जन सामान्य की भागीदारी
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश के योद्धाओं और आम जनता ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके साहस और बलिदान ने संग्राम को एक विशाल और ऐतिहासिक घटना में परिवर्तित कर दिया, जिससे स्वतंत्रता की लड़ाई को नई दिशा मिली।
See lessअसहयोग आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के भूमिका की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
असहयोग आन्दोलन (1920-1922) के दौरान उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी ने इस आन्दोलन के लिए प्रदेश के व्यापक जनसमर्थन का लाभ उठाया। उत्तर प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक माने जाने वाले इस आन्दोलन ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ व्यापक जनसंगठनों की स्थापना की। मुख्य रूप से, चंद्रशेखरRead more
असहयोग आन्दोलन (1920-1922) के दौरान उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी ने इस आन्दोलन के लिए प्रदेश के व्यापक जनसमर्थन का लाभ उठाया। उत्तर प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक माने जाने वाले इस आन्दोलन ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ व्यापक जनसंगठनों की स्थापना की।
मुख्य रूप से, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे नेता सक्रिय थे, जिन्होंने जन जागरूकता और असहयोग के सिद्धांत को फैलाया। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा और खादी आंदोलन को भी बल मिला। इस दौरान, शिक्षण संस्थानों का बहिष्कार और सरकारी नौकरियों से इस्तीफे की गतिविधियाँ जोर पकड़ीं।
हालांकि, चौरी-चौरा कांड (1922) के बाद आन्दोलन में हिंसा की घटनाएँ हुईं, जिससे गांधीजी ने आन्दोलन को समाप्त कर दिया। बावजूद इसके, उत्तर प्रदेश की भूमिका असहयोग आन्दोलन में केंद्रीय और प्रेरणादायक रही।
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