क्या समितियाँ संसदीय कार्यों के लिए उपयोगी मानी जाती है ? इस संदर्भ में प्राक्कलन समिति की भूमिका की विवेचना कीजिये । (200 Words) [UPPSC 2022]
भारतीय संसद की कार्यप्रणाली में संसदीय समितियों की भूमिका 1. विस्तृत समीक्षा: संसदीय समितियाँ विधेयकों और नीतियों की विस्तृत समीक्षा करती हैं। उदाहरण के लिए, लोक लेखा समिति (PAC) ने कोविड-19 वैक्सीन खरीद की प्रक्रिया की जांच की, जिससे सरकारी खर्चों की पारदर्शिता सुनिश्चित की गई। 2. निगरानी और जवाबदेRead more
भारतीय संसद की कार्यप्रणाली में संसदीय समितियों की भूमिका
1. विस्तृत समीक्षा: संसदीय समितियाँ विधेयकों और नीतियों की विस्तृत समीक्षा करती हैं। उदाहरण के लिए, लोक लेखा समिति (PAC) ने कोविड-19 वैक्सीन खरीद की प्रक्रिया की जांच की, जिससे सरकारी खर्चों की पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।
2. निगरानी और जवाबदेही: ये समितियाँ कार्यकारी कार्यों और कानूनों के अनुपालन पर निगरानी रखती हैं। गृह मामलों की स्थायी समिति आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित नीतियों की निगरानी करती है, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
3. नीति सिफारिशें: संसदीय समितियाँ विभिन्न मुद्दों पर नीति सिफारिशें प्रदान करती हैं। व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बिल पर संयुक्त समिति ने डेटा गोपनीयता को मजबूत करने के लिए सिफारिशें कीं।
4. विशेषज्ञ इनपुट: समितियाँ विशेषज्ञों और जनता से इनपुट प्राप्त करती हैं। कृषि कानूनों पर चयनित समिति ने विविध दृष्टिकोणों को शामिल करके सिफारिशें प्रस्तुत कीं।
निष्कर्ष: संसदीय समितियाँ भारतीय संसद की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विधायी प्रभावशीलता को बढ़ावा देती हैं, निगरानी सुनिश्चित करती हैं, और सूचित निर्णय लेने में सहायता करती हैं।
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समितियों की उपयोगिता: समितियाँ संसदीय कार्यों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये समितियाँ विस्तृत विचार-विमर्श, विश्लेषण, और विशेषज्ञों से साक्षात्कार के माध्यम से जटिल मुद्दों की गहराई से जांच करती हैं, जिससे निर्णय प्रक्रिया अधिक सूचित और संतुलित होती है। उदाहरRead more
समितियों की उपयोगिता: समितियाँ संसदीय कार्यों की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये समितियाँ विस्तृत विचार-विमर्श, विश्लेषण, और विशेषज्ञों से साक्षात्कार के माध्यम से जटिल मुद्दों की गहराई से जांच करती हैं, जिससे निर्णय प्रक्रिया अधिक सूचित और संतुलित होती है। उदाहरण के लिए, लोकसभा की सार्वजनिक क्षेत्र समिति ने 2023 में कई सार्वजनिक उपक्रमों की स्थिति की समीक्षा की और सुधार सुझाव दिए, जो उनके प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार को बढ़ावा देते हैं।
प्राक्कलन समिति की भूमिका:
निष्कर्ष: समितियाँ संसदीय कार्यों के लिए अत्यधिक उपयोगी होती हैं, और प्राक्कलन समिति का बजट समीक्षा और सुधार में केंद्रीय योगदान है, जो संसदीय प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
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