महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति के लिये उत्तरदायी कारकों का उल्लेख कीजिये और अंध महासागर की जल धाराओं का नाम बताइये। (200 Words) [UPPSC 2018]
महासागर संसाधनों का भंडार: संक्षिप्त टिप्पणी 1. मौद्रिक संसाधन: महासागर मूल्यवान खनिजों और उत्पादों का भंडार हैं, जैसे कि तांबा, निकल, और कोबाल्ट। अग्नीय और भौतिक संसाधनों की खोज और दोहन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। 2. मत्स्य संसाधन: महासागर प्राकृतिक मत्स्य संसाधनों का प्रमुख स्रोत हैं।Read more
महासागर संसाधनों का भंडार: संक्षिप्त टिप्पणी
1. मौद्रिक संसाधन: महासागर मूल्यवान खनिजों और उत्पादों का भंडार हैं, जैसे कि तांबा, निकल, और कोबाल्ट। अग्नीय और भौतिक संसाधनों की खोज और दोहन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।
2. मत्स्य संसाधन: महासागर प्राकृतिक मत्स्य संसाधनों का प्रमुख स्रोत हैं। मत्स्य पालन विश्व की प्रोटीन की ज़रूरतों को पूरा करता है और आय का स्रोत भी है।
3. ऊर्जा संसाधन: महासागर तटीय लहर ऊर्जा, हवा की ऊर्जा, और थर्मल ऊर्जा जैसे पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा संसाधनों का स्रोत हैं।
4. पर्यावरणीय सेवाएँ: महासागर जलवायु नियंत्रण, कार्बन अवशोषण, और तटीय संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष: महासागर प्राकृतिक संसाधनों का एक विशाल भंडार हैं, जो आर्थिक, ऊर्जा, और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन संसाधनों का सतत और जिम्मेदार उपयोग वैश्विक विकास के लिए आवश्यक है।
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महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति के लिये उत्तरदायी कारक और अंध महासागर की जल धाराएँ महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति के लिये उत्तरदायी कारक: 1. वायु प्रवाह (Wind Patterns): महासागरीय धाराएँ मुख्यतः वायु प्रवाह द्वारा संचालित होती हैं। वह हवा जो त्रैतीयक क्षेत्रों में बहती है, जैसे ट्रेड विंड्स और वेस्टर्स,Read more
महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति के लिये उत्तरदायी कारक और अंध महासागर की जल धाराएँ
महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति के लिये उत्तरदायी कारक:
1. वायु प्रवाह (Wind Patterns): महासागरीय धाराएँ मुख्यतः वायु प्रवाह द्वारा संचालित होती हैं। वह हवा जो त्रैतीयक क्षेत्रों में बहती है, जैसे ट्रेड विंड्स और वेस्टर्स, सतह के जल को धक्का देती हैं, जिससे महासागरीय धाराएँ उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, गाल्फ स्ट्रीम वेस्टर्स द्वारा प्रभावित होती है।
2. पृथ्वी की घूर्णन गति (Coriolis Effect): कोरियोलिस प्रभाव, जो पृथ्वी के घूर्णन के कारण होता है, जल के प्रवाह को मोड़ता है। यह उत्तरी गोलार्ध में दायें और दक्षिणी गोलार्ध में बायें मोड़ता है, जिससे समुद्री धाराओं में घुमाव आता है।
3. तापमान और लवणता के अंतर (Temperature and Salinity Differences): जल के तापमान और लवणता में भिन्नता महासागरीय धाराओं को संचालित करती है। ठंडे और घने पानी के ध्वस्त होने से थर्मोहालाइन परिपथ उत्पन्न होता है। जैसे, उत्तर अटलांटिक डीप वाटर (NADW) वैश्विक थर्मोहालाइन परिपथ का एक प्रमुख हिस्सा है।
4. तटीय और भूगर्भीय विशेषताएँ (Coastal and Topographical Features): तटीय आकृतियाँ और समुद्री भूगर्भीय विशेषताएँ (जैसे रिड्ज़, वैलीज़, और महाद्वीपीय शेल्फ) धाराओं की दिशा और प्रवाह को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, बेयरिंग स्ट्रेट अलास्का धाराओं को प्रभावित करता है।
अंध महासागर की जल धाराएँ:
**1. अधवा की धारा (Antarctic Circumpolar Current): यह सबसे महत्वपूर्ण धारा है जो अंध महासागर के चारों ओर बहती है और साउथ पॉल की ठंडी धाराओं को वितरित करती है।
2. पश्चिमी अंध महासागर धारा (West Wind Drift): यह धारा पश्चिमी अंध महासागर में दक्षिण की ओर बहती है और दक्षिणी ध्रुव के चारों ओर घूमती है।
3. दक्षिणी समुद्री धारा (South Indian Ocean Current): यह धारा दक्षिणी अंध महासागर में बहती है और भारतीय महासागर के दक्षिणी हिस्से को प्रभावित करती है।
4. अंध महासागर की पूर्वी धारा (East Australian Current): यह धारा पूर्वी अंध महासागर में बहती है और ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर प्रभाव डालती है।
निष्कर्ष: महासागरीय धाराओं की उत्पत्ति वायु प्रवाह, पृथ्वी की घूर्णन गति, तापमान और लवणता के अंतर, और तटीय विशेषताओं पर निर्भर करती है। अंध महासागर में महत्वपूर्ण जल धाराएँ जैसे अधवा की धारा, पश्चिमी अंध महासागर धारा, दक्षिणी समुद्री धारा, और पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा हैं, जो वैश्विक जलवायु और समुद्री पारिस्थितिकी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं।
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