भारत में निर्धनता की माप कैसे की जाती है? भारत में ग्रामीण निर्धनता दूर करने के लिए उठाये गये कदमों का वर्णन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
वित्तीय समावेशन और सामाजिक न्याय टिप्पणी: वित्तीय समावेशन, विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो सामाजिक न्याय प्राप्त करने में सहायक है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी सामाजिक और आर्थिक वर्गों को बैंकिंग सेवाओं, क्रेडिट, बीमा और निवेश अवसरों की पहुंच हो, विशेषकर गरीब और हाशिए पर रहने वRead more
वित्तीय समावेशन और सामाजिक न्याय
टिप्पणी:
वित्तीय समावेशन, विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो सामाजिक न्याय प्राप्त करने में सहायक है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी सामाजिक और आर्थिक वर्गों को बैंकिंग सेवाओं, क्रेडिट, बीमा और निवेश अवसरों की पहुंच हो, विशेषकर गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को।
लाभ:
- आर्थिक सशक्तिकरण: गरीब और अल्पसंख्यक समूहों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, जिससे गरीबी में कमी आती है।
- समावेशी विकास: यह समग्र विकास को बढ़ावा देता है और सभी वर्गों के लोगों को विकास की प्रक्रिया में शामिल करता है।
- सामाजिक समानता: वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता से सामाजिक समानता बढ़ती है, क्योंकि यह आर्थिक अवसरों की समानता सुनिश्चित करता है।
इस प्रकार, वित्तीय समावेशन सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे समग्र विकास और समाज में समानता सुनिश्चित होती है।
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भारत में निर्धनता की माप और ग्रामीण निर्धनता दूर करने के कदम 1. निर्धनता की माप: निर्धनता रेखा: भारत में निर्धनता की माप आय और उपभोग के आधार पर की जाती है। तेंदुलकर समिति (2009) और रंगराजन समिति (2014) ने निर्धनता रेखा को अद्यतन किया है, जो यह निर्धारित करती है कि व्यक्ति या परिवार कितनी आय पर निर्धRead more
भारत में निर्धनता की माप और ग्रामीण निर्धनता दूर करने के कदम
1. निर्धनता की माप:
2. ग्रामीण निर्धनता दूर करने के कदम:
निष्कर्ष: भारत निर्धनता को आय-आधारित मापदंडों और सर्वेक्षणों के माध्यम से मापता है। ग्रामीण निर्धनता दूर करने के लिए रोजगार गारंटी, आवास योजनाएँ और आत्मनिर्भरता कार्यक्रम जैसे उपाय उठाए गए हैं।
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