वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियार भारत की सुरक्षा प्रबंधन में किस प्रकार लाभदायक हो सकता है? इसको समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
कृत्रिम बुद्धि के संदर्भ में भारत में राष्ट्रीय नीति 1. राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धि मिशन (NITI Aayog): 2018 में भारत ने कृत्रिम बुद्धि (AI) को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति प्रस्तावित की। NITI Aayog ने "AI for All" रणनीति को लागू किया है, जिसका उद्देश्य AI के अनुसंधान, विकास, और स्वRead more
कृत्रिम बुद्धि के संदर्भ में भारत में राष्ट्रीय नीति
1. राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धि मिशन (NITI Aayog):
- 2018 में भारत ने कृत्रिम बुद्धि (AI) को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति प्रस्तावित की। NITI Aayog ने “AI for All” रणनीति को लागू किया है, जिसका उद्देश्य AI के अनुसंधान, विकास, और स्वीकृति को बढ़ावा देना है।
2. मिशन की प्रमुख पहल:
- शिक्षा और प्रशिक्षण: AI की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विशेष पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। AI विश्वविद्यालय और शोध संस्थान की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।
- शोध और विकास: AI के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग और प्रेरणा प्रदान की जा रही है। AI वर्चुअल लेबोरेटरीज और इनोवेशन हब्स की स्थापना की गई है।
3. नीति के उद्देश्य:
- व्यापार और उद्योग: AI का उपयोग व्यापार और उद्योग में समाधान और अधिक दक्षता लाने के लिए किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और ऑटोमेशन में AI का स्थापित किया जा रहा है।
- सामाजिक और सार्वजनिक सेवाएँ: AI का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, और सार्वजनिक सुरक्षा में उपलब्धताओं को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
4. चुनौतियाँ और समाधान:
- डेटा प्राइवेसी: AI की डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नियम और नीतियों का निर्माण किया जा रहा है।
- अन्याय और असमानता: AI के गैर-समावेशी उपयोग को रोकने के लिए समावेशिता पर ध्यान दिया जा रहा है।
निष्कर्ष: भारत की राष्ट्रीय नीति AI के विकास, शिक्षा, और समाज पर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए समन्वित दृष्टिकोण अपनाती है, जिसमें शोध, उद्योग, और सामाजिक लाभ पर जोर दिया जाता है।
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वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका 1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनRead more
वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका
1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं।
2. सुरक्षा संतुलन: नाभिकीय हथियार सार्वभौम शक्ति संतुलन बनाए रखते हैं, विशेषकर जब पड़ोसी देशों के पास भी नाभिकीय हथियार हों। भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के संदर्भ में, इन हथियारों ने सामरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद की है।
3. संघर्ष में स्थिरता: नाभिकीय हथियारों की उपस्थिति युद्ध के जोखिम को कम करती है, क्योंकि नाभिकीय युद्ध की संभावना अत्यधिक विनाशकारी होती है। इससे संघर्ष की संभावना कम होती है और आंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता है।
4. रोकथाम क्षमता: नाभिकीय हथियार शक्तिशाली निवारक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे संसाधन संलयन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी में मदद मिलती है।
निष्कर्ष: नाभिकीय हथियार भारत की सुरक्षा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे निरोधात्मक सुरक्षा, सुरक्षा संतुलन, संघर्ष में स्थिरता, और रोकथाम क्षमता के माध्यम से उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना करने में सहायक हैं।
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