सैन्य तथा असैन्य क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धि की भूमिका और प्रभावों की तार्किक व्याख्या कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2022]
वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका 1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनRead more
वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका
1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं।
2. सुरक्षा संतुलन: नाभिकीय हथियार सार्वभौम शक्ति संतुलन बनाए रखते हैं, विशेषकर जब पड़ोसी देशों के पास भी नाभिकीय हथियार हों। भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के संदर्भ में, इन हथियारों ने सामरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद की है।
3. संघर्ष में स्थिरता: नाभिकीय हथियारों की उपस्थिति युद्ध के जोखिम को कम करती है, क्योंकि नाभिकीय युद्ध की संभावना अत्यधिक विनाशकारी होती है। इससे संघर्ष की संभावना कम होती है और आंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता है।
4. रोकथाम क्षमता: नाभिकीय हथियार शक्तिशाली निवारक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे संसाधन संलयन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी में मदद मिलती है।
निष्कर्ष: नाभिकीय हथियार भारत की सुरक्षा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे निरोधात्मक सुरक्षा, सुरक्षा संतुलन, संघर्ष में स्थिरता, और रोकथाम क्षमता के माध्यम से उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना करने में सहायक हैं।
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सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धि (AI) की भूमिका और प्रभाव 1. सैन्य क्षेत्र में भूमिका: ड्रोन और स्वायत्त सिस्टम: AI का उपयोग ड्रोन और स्वायत्त यंत्रों में होता है, जो सुरक्षा और खुफिया मिशनों को अधिक प्रभावी बनाते हैं। ये उपकरण मिशन को अधिक सटीकता और दक्षता से निष्पादित करते हैं। साइबर सRead more
सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धि (AI) की भूमिका और प्रभाव
1. सैन्य क्षेत्र में भूमिका:
2. असैन्य क्षेत्र में भूमिका:
3. प्रभाव:
निष्कर्ष: AI सैन्य और असैन्य दोनों क्षेत्रों में प्रभावी भूमिका निभाता है, जिससे दक्षता और सुरक्षा में सुधार होता है। हालांकि, इसके उपयोग के साथ नैतिक और सुरक्षा चुनौतियों को भी संबोधित करना आवश्यक है।
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