एक जनतांत्रिक व्यवस्था में लोक सेवाओं की भूमिका का भारत के विशेष संदर्भ में विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
लोकसेवा का परंपरागत गुण तटस्थता **1. परिभाषा और महत्व तटस्थता से तात्पर्य है निष्पक्षता और अराजनीतिकता जो लोक सेवकों को अपनानी चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि उनके निर्णय और क्रियाएँ केवल कानून और नीति पर आधारित हों, न कि राजनीतिक प्रभाव या व्यक्तिगत पूर्वाग्रह पर। **2. ऐतिहासिक संदर्भ भारत में ऐतिहाRead more
लोकसेवा का परंपरागत गुण तटस्थता
**1. परिभाषा और महत्व
तटस्थता से तात्पर्य है निष्पक्षता और अराजनीतिकता जो लोक सेवकों को अपनानी चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि उनके निर्णय और क्रियाएँ केवल कानून और नीति पर आधारित हों, न कि राजनीतिक प्रभाव या व्यक्तिगत पूर्वाग्रह पर।
**2. ऐतिहासिक संदर्भ
भारत में ऐतिहासिक रूप से, लोक सेवाओं ने तटस्थता को प्रशासनिक ईमानदारी और जन विश्वास बनाए रखने के लिए अपनाया है। आपातकाल (1975-77) के दौरान, लोक सेवकों को राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद निष्पक्ष रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करना पड़ा।
**3. हालिया उदाहरण
हाल के समय में, निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में तटस्थता का उदाहरण प्रस्तुत किया। 2019 के आम चुनाव के दौरान, लोक सेवकों ने चुनावी सत्यता और अनियमितताओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
**4. चुनौतियाँ
तटस्थता बनाए रखना राजनीतिक दबाव और जन सार्वजनिक ध्यान के बावजूद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सारांश में, तटस्थता लोक सेवाओं के लिए एक बुनियादी गुण है जो निष्पक्षता और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करता है।
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जनतांत्रिक व्यवस्था में लोक सेवाओं की भूमिका: भारत के विशेष संदर्भ में 1. प्रशासनिक आधारस्तंभ के रूप में (Administrative Backbone): नीतियों का कार्यान्वयन: लोक सेवाएँ सरकारी नीतियों और योजनाओं को कार्यान्वित करती हैं, जिससे लोकतांत्रिक निर्णय व्यवहार में लाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारीRead more
जनतांत्रिक व्यवस्था में लोक सेवाओं की भूमिका: भारत के विशेष संदर्भ में
1. प्रशासनिक आधारस्तंभ के रूप में (Administrative Backbone):
2. कानून और व्यवस्था बनाए रखना (Maintaining Law and Order):
3. शासन और विकास का समर्थन (Supporting Governance and Development):
4. जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देना (Promoting Accountability and Transparency):
निष्कर्ष: भारत में जनतांत्रिक व्यवस्था में लोक सेवाएँ नीतियों का कार्यान्वयन, कानून और व्यवस्था बनाए रखने, शासन और विकास का समर्थन, और जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये सेवाएँ लोकतंत्र की प्रभावशीलता और जनकल्याण के लिए आधारभूत हैं।
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