Describe the difficulties India faces with food security. How are they going to be eliminated? Describe. (200 Words) [UPPSC 2019]
भारत में समानता के साथ आर्थिक संवृद्धि एवं न्यायपूर्ण वितरण की नीति का समावेशी विकास पर प्रभाव समावेशी विकास के उद्देश्य: समानता के साथ आर्थिक संवृद्धि: इस नीति का उद्देश्य उच्च आर्थिक विकास प्राप्त करना है, जबकि यह सुनिश्चित करना है कि विकास के लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँचें। न्यायपूर्ण वितरण: इRead more
भारत में समानता के साथ आर्थिक संवृद्धि एवं न्यायपूर्ण वितरण की नीति का समावेशी विकास पर प्रभाव
समावेशी विकास के उद्देश्य:
- समानता के साथ आर्थिक संवृद्धि: इस नीति का उद्देश्य उच्च आर्थिक विकास प्राप्त करना है, जबकि यह सुनिश्चित करना है कि विकास के लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँचें।
- न्यायपूर्ण वितरण: इसका तात्पर्य संसाधनों और अवसरों की समान और न्यायपूर्ण वितरण से है, जिससे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच असमानता कम हो सके।
नीति की सफलताएँ:
- आर्थिक वृद्धि: भारत ने पिछले दशकों में महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि देखी है। मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान किया है।
- गरीबी में कमी: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) जैसी योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान किए, जिससे गरीबी में कमी आई है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार: राइट टू एजुकेशन एक्ट और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बढ़ाया है, जो समावेशी विकास के लिए आवश्यक हैं।
चुनौतियाँ और सीमाएँ:
- असमानता की स्थिरता: आर्थिक विकास के बावजूद, आय असमानता बनी रही है। Oxfam रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में सबसे अमीर 1% के पास देश की कुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा है।
- क्षेत्रीय असमानताएँ: विकास असमान रहा है, जैसे कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में विकास दर अधिक समृद्ध राज्यों की तुलना में कम रही है।
- नौकरी की गुणवत्ता: कई नौकरियाँ असंगठित क्षेत्र में हैं, जिनमें सुरक्षा और वेतन की कमी है। COVID-19 महामारी के दौरान इन असंगठित श्रमिकों को विशेष रूप से नुकसान हुआ।
हालिया उदाहरण:
- किसान आंदोलन (2020-21): कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन ने छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों को उजागर किया, जिससे स्पष्ट हुआ कि नीति निर्माण में किसानों की चिंताओं को ठीक से संबोधित करने की आवश्यकता है।
- COVID-19 प्रभाव: महामारी ने असमानताओं को बढ़ाया, और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जैसे राहत प्रयासों के बावजूद, कार्यान्वयन में चुनौतियाँ सामने आईं।
निष्कर्ष: भारत ने समानता के साथ आर्थिक संवृद्धि और न्यायपूर्ण वितरण की नीति के माध्यम से कुछ उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, लेकिन समावेशी विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए नीति के कार्यान्वयन में सुधार और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करने की आवश्यकता है।
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Challenges of Food Security in India and Their Solutions Challenges: Population Growth: Rapid population growth has increased the demand for food, putting pressure on existing agricultural resources. By 2030, India’s population is expected to reach 1.5 billion, further straining food security. ClimaRead more
Challenges of Food Security in India and Their Solutions
Challenges:
Solutions:
Conclusion: Addressing food security challenges in India requires a multi-faceted approach involving technological innovation, climate adaptation, infrastructure development, and effective social welfare programs. Implementing these measures can significantly enhance food security and ensure that all citizens have access to sufficient and nutritious food.
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