OBOR के आलोक में भारत-चीन संबंधों की प्रकृति की विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
भारत-नेपाल द्वि-पक्षीय संबंधों के मुख्य तनाव बिंदु **1. सीमा विवाद सीमा विवाद मुख्य तनाव बिंदु है। सुगौली संधि (1815-16) के तहत निर्धारित सीमा पर विवाद मौजूद है, विशेष रूप से लिम्पियाधुरा, कालापानी, और लिंचुंग क्षेत्रों को लेकर। नेपाल ने भारत द्वारा नक्शे में किए गए बदलावों का विरोध किया है। **2. नदRead more
भारत-नेपाल द्वि-पक्षीय संबंधों के मुख्य तनाव बिंदु
**1. सीमा विवाद
सीमा विवाद मुख्य तनाव बिंदु है। सुगौली संधि (1815-16) के तहत निर्धारित सीमा पर विवाद मौजूद है, विशेष रूप से लिम्पियाधुरा, कालापानी, और लिंचुंग क्षेत्रों को लेकर। नेपाल ने भारत द्वारा नक्शे में किए गए बदलावों का विरोध किया है।
**2. नदी विवाद
नदी विवाद भी तनाव का कारण है। गंडक और कुसहा नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समस्याएँ बनी रहती हैं, जो बाढ़ और जलवायु परिवर्तन के कारण और जटिल हो गई हैं।
**3. सामाजिक और राजनीतिक विवाद
सामाजिक और राजनीतिक विवाद जैसे सामाजिक सहायता और आर्थिक सहायता के मुद्दे भी तनाव उत्पन्न करते हैं। हाल ही में, नेपाल के संविधान में भारतीय नागरिकों की भूमिका और अधिकारों पर उठे सवालों ने तनाव को बढ़ाया है।
**4. चिंताएँ और नकारात्मक बयान
भारत-नेपाल के बीच नकारात्मक बयान और चिंताएँ जैसे आतंकवाद और सुरक्षा मुद्दे भी रिश्तों में तनाव उत्पन्न करते हैं।
सारांश में, सीमा विवाद, नदी विवाद, सामाजिक-पॉलिटिकल मुद्दे और नकारात्मक बयान भारत-नेपाल द्वि-पक्षीय संबंधों के मुख्य तनाव बिंदु हैं।
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OBOR के आलोक में भारत-चीन संबंधों की प्रकृति 1. OBOR का अवलोकन वन बेल्ट वन रोड (OBOR), जिसे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के नाम से भी जाना जाता है, चीन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह परियोजना 2013 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच व्यापार मार्गों को सुदृढ़ करनाRead more
OBOR के आलोक में भारत-चीन संबंधों की प्रकृति
1. OBOR का अवलोकन
वन बेल्ट वन रोड (OBOR), जिसे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के नाम से भी जाना जाता है, चीन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह परियोजना 2013 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच व्यापार मार्गों को सुदृढ़ करना और बुनियादी ढांचा निर्माण के माध्यम से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
2. भारत की चिंताएँ
3. आर्थिक और व्यापारिक संबंध
4. कूटनीतिक और क्षेत्रीय सहभागिता
निष्कर्ष
OBOR के संदर्भ में भारत-चीन संबंधों में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक अवसर दोनों ही प्रमुख तत्व हैं। भारत चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रति सतर्क है, लेकिन वह कूटनीतिक और आर्थिक अवसरों को भी संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
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