वैश्वीकरण एवं निजीकरण को परिभाषित कीजिये। इन दोनों के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डालिये। (200 Words) [UPPSC 2022]
वैश्वीकरण (Globalization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से अर्थव्यवस्थाओं, संस्कृतियों, राजनीतिक व्यवस्थाओं, और सामाजिक संरचनाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय संपर्क और आदान-प्रदान बढ़ता है। इसमें आर्थिक, सूचनात्मक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक तत्व शामिल होते हैं, जो विभिन्न देशों और समाजों को आपस में जोड़तेRead more
वैश्वीकरण (Globalization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से अर्थव्यवस्थाओं, संस्कृतियों, राजनीतिक व्यवस्थाओं, और सामाजिक संरचनाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय संपर्क और आदान-प्रदान बढ़ता है। इसमें आर्थिक, सूचनात्मक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक तत्व शामिल होते हैं, जो विभिन्न देशों और समाजों को आपस में जोड़ते हैं और एक वैश्विक नेटवर्क का निर्माण करते हैं।
भारत में ग्रामीण सामाजिक संरचना पर वैश्वीकरण के प्रभाव:
- आर्थिक परिवर्तन: वैश्वीकरण ने ग्रामीण इलाकों में नौकरियों और वाणिज्यिक अवसरों का सृजन किया है। आधुनिक कृषि तकनीक और विकास योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है।
- सामाजिक परिवर्तन: संस्कृतिक आदान-प्रदान और सूचना प्रवाह ने ग्रामीण समाज में सामाजिक परिवर्तन और पारंपरिक संरचनाओं में बदलाव किया है। इससे शैक्षिक अवसर और महिला सशक्तिकरण में सुधार हुआ है।
- स्वास्थ्य और शिक्षा: वैश्विक स्वास्थ्य मानक और शैक्षिक संसाधन ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ और शिक्षा के स्तर को बेहतर बना रहे हैं, जिससे जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
- सांस्कृतिक प्रभाव: वैश्वीकरण के कारण, पारंपरिक संस्कृति और स्थानीय रीति-रिवाज पर विदेशी संस्कृतियों का प्रभाव पड़ा है। इससे संस्कृतिक विविधता और सांस्कृतिक असंतुलन भी उत्पन्न हुआ है।
निष्कर्ष: वैश्वीकरण ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास, सामाजिक बदलाव, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार, और संस्कृतिक प्रभाव के माध्यम से कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाले हैं। इससे ग्रामीण समाज में समृद्धि और आधुनिकता का संचार हुआ है, लेकिन इसके साथ पारंपरिक मूल्यों और संस्कृतियों पर भी प्रभाव पड़ा है।
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वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य वैश्वीकरण: वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधाRead more
वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य
वैश्वीकरण:
वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधा दी जाती है।
वैश्वीकरण के उद्देश्य:
निजीकरण:
निजीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें सरकार के नियंत्रण में आने वाले संसाधनों, सेवाओं या उद्यमों को निजी个ाल या संगठनों को ट्रांसफर किया जाता है।
निजीकरण के उद्देश्य:
इन दोनों प्रक्रियाओं ने एक साथ घड़ी रहतीं हैं, जिसके तहत देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और निजीकरण में बदलाव आता है।
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