भारतीय संसद के ‘सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून’ की आलोचना राज्यों द्वारा इसकी कठोरता एवं कभी-कभी असंवैधानिकता के लिये की जाती रही है। विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
भारत के उच्चतर रक्षा संगठन 1. परिभाषा और संरचना: परिभाषा: भारत का उच्चतर रक्षा संगठन वह ढाँचा है जो देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, जिसमें विभिन्न संस्थाएँ और निकाय शामिल हैं जो रक्षा नीतियों और रणनीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करते हैं। 2. प्रमुख घटक: राष्ट्रपति: भूमिका: राष्ट्रपतिRead more
भारत के उच्चतर रक्षा संगठन
1. परिभाषा और संरचना:
- परिभाषा: भारत का उच्चतर रक्षा संगठन वह ढाँचा है जो देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, जिसमें विभिन्न संस्थाएँ और निकाय शामिल हैं जो रक्षा नीतियों और रणनीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करते हैं।
2. प्रमुख घटक:
- राष्ट्रपति:
- भूमिका: राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। यह भूमिका राष्ट्रपति को सैन्य कमांड और रणनीतिक दिशा पर निगरानी रखने की अनुमति देती है।
- रक्षा मंत्री:
- भूमिका: रक्षा मंत्री, संघ कैबिनेट का हिस्सा होते हुए, रक्षा नीति, बजट आवंटन और सशस्त्र बलों और सरकार के बीच समन्वय के लिए जिम्मेदार होते हैं। रक्षा मंत्री के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय कार्य करता है और रक्षा नीतियों और योजनाओं को लागू करता है।
- रक्षा प्रमुख (Chief of Defence Staff – CDS):
- भूमिका: 2019 में स्थापित, CDS सरकार को प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करता है और सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच समन्वय करता है। जनरल बिपिन रावत पहले CDS थे, जिनका कार्य रक्षा खरीद और सेवा एकीकरण को सुव्यवस्थित करना था।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC):
- भूमिका: NSC, प्रधान मंत्री द्वारा अध्यक्षित, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नीतियों का निर्माण करता है, जिसमें रक्षा रणनीतियाँ, खुफिया और आतंकवाद-रोधी उपाय शामिल हैं। हाल के फोकस क्षेत्रों में साइबर हमलों और सीमा सुरक्षा को संभालना शामिल है।
- इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS):
- भूमिका: IDS, CDS के अधीन, विभिन्न रक्षा सेवाओं को एकीकृत करता है ताकि संयुक्त संचालन और संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित हो सके। IDS CDS को संयुक्त संचालन और रणनीतिक योजना में समर्थन प्रदान करता है।
3. हालिया विकास:
- CDS की नियुक्ति: CDS की नियुक्ति से सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच रणनीतिक एकीकरण और समन्वय को बेहतर बनाया गया है।
- आधुनिकीकरण पहल: रक्षा मंत्रालय ने उन्नत हथियार प्रणाली और साइबर सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए कई आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरू किए हैं।
निष्कर्ष:
- भारत के उच्चतर रक्षा संगठन एक सुव्यवस्थित कमान और समन्वय ढाँचा प्रदान करता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन को सुनिश्चित करता है। हाल की सुधार और रणनीतिक विकास भारत की रक्षा क्षमताओं और प्रतिक्रिया तंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA) की आलोचना: विवेचना **1. AFSPA का अवलोकन: सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA), भारतीय संसद द्वारा पारित, विशेष शक्तियों को सशस्त्र बलों को प्रदान करता है जब कोई क्षेत्र “व disturbed” घोषित किया जाता है। यह बल प्रयोग, बिना मुकदमे के हिरासत, और कार्यवाही से छूटRead more
सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA) की आलोचना: विवेचना
**1. AFSPA का अवलोकन: सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA), भारतीय संसद द्वारा पारित, विशेष शक्तियों को सशस्त्र बलों को प्रदान करता है जब कोई क्षेत्र “व disturbed” घोषित किया जाता है। यह बल प्रयोग, बिना मुकदमे के हिरासत, और कार्यवाही से छूट की अनुमति देता है।
**2. आलोचना:
**3. हालिया घटनाक्रम: सुप्रीम कोर्ट ने AFSPA के अंतर्गत जिम्मेदारी और मानवाधिकार सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुधारों की सिफारिश की है।
निष्कर्ष: AFSPA को उग्रवाद और अशांति से निपटने के लिए लागू किया गया है, लेकिन इसकी विवादास्पद प्रावधानों और ऐतिहासिक दुरुपयोग ने मानवाधिकार और संवैधानिक स्वतंत्रताओं पर प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण आलोचना उत्पन्न की है।
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