प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था?
भू-तापीय ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे संग्रहीत गर्मी से प्राप्त की जाती है। इस गर्मी को विभिन्न विधियों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण और प्रौद्योगिकियाँ शामिल होती हैं। मुख्य बिंदु: भू-तापीय ऊर्जा की समझ भू-तRead more
भू-तापीय ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे संग्रहीत गर्मी से प्राप्त की जाती है। इस गर्मी को विभिन्न विधियों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण और प्रौद्योगिकियाँ शामिल होती हैं।
मुख्य बिंदु:
- भू-तापीय ऊर्जा की समझ
- भू-तापीय ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे गर्मी से उत्पन्न होती है, जो ग्रह के निर्माण और खनिजों के रेडियोधर्मी विघटन से आती है। यह गर्मी गर्म पानी, भाप या गर्म चट्टानों के रूप में मिलती है।
- बिजली उत्पन्न करने के तरीके
- भू-तापीय पावर प्लांट इस गर्मी का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए करते हैं। प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं:
- ड्राई स्टीम प्लांट्स: ये प्लांट सीधे भू-तापीय भाप का उपयोग करते हैं, जो एक टरबाइन को घुमाकर जनरेटर को शक्ति प्रदान करती है। यह तरीका सबसे सरल और पुराना है।
- फ्लैश स्टीम प्लांट्स: इनमें, उच्च दबाव वाले गर्म पानी को कम दबाव वाले टैंक में प्रवाहित किया जाता है, जिससे यह “फ्लैश” होकर भाप में बदल जाता है। यह भाप टरबाइन को घुमाकर जनरेटर को शक्ति देती है।
- बाइनरी साइकिल प्लांट्स: ये प्लांट भू-तापीय गर्म पानी से एक द्वितीयक तरल को गर्म करते हैं, जिसकी उबाल बिंदु कम होता है। द्वितीयक तरल भाप में बदलता है और टरबाइन को घुमाकर जनरेटर को शक्ति प्रदान करता है, जबकि भू-तापीय पानी को पुनः जलाशय में लौटाया जाता है।
- भू-तापीय पावर प्लांट इस गर्मी का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए करते हैं। प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं:
- हाल के उदाहरण:
- गिज़र पावर प्लांट (USA): कैलिफोर्निया में स्थित गिज़र पावर प्लांट विश्व का सबसे बड़ा भू-तापीय पावर कॉम्प्लेक्स है। यह प्राकृतिक भू-तापीय स्रोतों से भाप का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है, और क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा पूरा करता है।
- हेलिसेइड़ी पावर स्टेशन (आइसलैंड): हेलिसेइड़ी पावर स्टेशन आइसलैंड में एक प्रमुख भू-तापीय पावर प्लांट है। यह भाप और गर्म पानी दोनों का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है और जिला हीटिंग भी प्रदान करता है। आइसलैंड की भू-तापीय संसाधनों की प्रचुरता इसे भू-तापीय ऊर्जा के उपयोग में अग्रणी बनाती है।
- क्राफला भू-तापीय पावर प्लांट (आइसलैंड): आइसलैंड में एक अन्य प्रमुख संयंत्र, क्राफला, उच्च तापमान वाले भू-तापीय द्रवों का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है। यह संयंत्र अपनी दक्षता के लिए जाना जाता है और आइसलैंड की नवीनीकृत ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- भू-तापीय ऊर्जा के लाभ
- सततता: भू-तापीय ऊर्जा एक नवीकरणीय संसाधन है, बशर्ते कि पृथ्वी की गर्मी उपलब्ध रहे। यह एक स्थिर और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करता है।
- कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: भू-तापीय पावर प्लांट्स की कार्बन पदचिह्न fossil fuel-based पावर जनरेशन की तुलना में न्यूनतम होती है।
- बेसलोड पावर: भू-तापीय ऊर्जा स्थिर और निरंतर बिजली आपूर्ति प्रदान करती है, क्योंकि यह मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर नहीं होती।
- चुनौतियाँ और विचार
- स्थान विशेष: भू-तापीय संसाधन समान रूप से वितरित नहीं होते। भू-तापीय गतिविधि वाले क्षेत्रों, जैसे टेक्टोनिक प्लेट सीमाओं, में भू-तापीय पावर प्लांट्स अधिक उपयुक्त होते हैं।
- उच्च प्रारंभिक लागत: भू-तापीय कुओं और पावर प्लांट्स का प्रारंभिक निर्माण लागत उच्च हो सकती है, हालांकि दीर्घकालिक परिचालन लागत अपेक्षाकृत कम होती है।
- प्रेरित सिस्मिकिटी: कुछ मामलों में, भू-तापीय ऊर्जा निष्कर्षण प्रेरित भूकंपीय गतिविधि का कारण बन सकता है, विशेषकर यदि इसमें महत्वपूर्ण तरल इंजेक्शन या निष्कर्षण शामिल होता है।
निष्कर्ष
भू-तापीय ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने की प्रक्रिया में पृथ्वी की सतह के नीचे की गर्मी का उपयोग करके बिजली उत्पन्न की जाती है। ड्राई स्टीम, फ्लैश स्टीम, और बाइनरी साइकिल प्लांट्स जैसे विभिन्न विधियाँ इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। हाल के उदाहरण जैसे गिज़र, हेलिसेइड़ी पावर स्टेशन, और क्राफला प्लांट भू-तापीय ऊर्जा के व्यावहारिक अनुप्रयोग और लाभों को प्रदर्शित करते हैं। जबकि भू-तापीय ऊर्जा स्थिरता और कम उत्सर्जन जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, यह स्थान, लागत और संभावित सिस्मिक प्रभावों से संबंधित चुनौतियों का सामना करती है। कुल मिलाकर, भू-तापीय ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर वैश्विक शिफ्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और एक स्थिर और सस्टेनेबल ऊर्जा आपूर्ति में योगदान करती है।
See less
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था? परिचय जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लRead more
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था?
परिचय
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
JNNSM की शुरुआत
1. प्रारंभिक तारीख: जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) की शुरुआत 11 जनवरी 2010 को की गई थी। इसे भारत सरकार ने सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया।
2. उद्देश्य: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2022 तक सौर ऊर्जा से 20,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करना है। इसमें सौर ऊर्जा को एक प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
3. प्रमुख पहल:
4. हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) की शुरुआत 11 जनवरी 2010 को की गई थी। इस मिशन ने भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करने में सक्षम बनाया है और ऊर्जा सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
See less