प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2023] लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण को संक्षेप में समझाइये।
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर परिचय संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानRead more
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर
परिचय
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानव तत्वों पर जोर देता है।
शास्त्रीय दृष्टिकोण
- वैज्ञानिक प्रबंधन
- फोकस: कार्य प्रक्रियाओं की वैज्ञानिक विश्लेषण के माध्यम से दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाना।
- मुख्य विशेषताएँ:
- मानकीकरण: कार्य प्रक्रियाओं और कार्यों के मानकीकरण पर ध्यान।
- विशेषीकरण: श्रम का विभाजन विशेष कार्यों में।
- उदाहरण: हेनरी फोर्ड की असेंबली लाइन ने निर्माण में मानकीकरण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाई और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया।
- प्रशासनिक प्रबंधन
- फोकस: प्रशासन और संगठनात्मक संरचना के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित।
- मुख्य विशेषताएँ:
- स्तरीकृत संरचना: स्पष्ट आदेश और अधिकार की श्रृंखला।
- औपचारिक नियम: औपचारिक नियम और प्रक्रियाओं पर जोर।
- उदाहरण: मैक्स वेबर का ब्योरोक्रेसी सिद्धांत एक संगठित ढांचे का समर्थन करता है जिसमें स्पष्ट भूमिकाएँ, जिम्मेदारियाँ, और नियम होते हैं।
- ब्योरोक्रेटिक प्रबंधन
- फोकस: एक संरचित और तार्किक प्रबंधन दृष्टिकोण।
- मुख्य विशेषताएँ:
- औपचारिक प्रक्रियाएँ: नियमों और प्रक्रियाओं की कठोर अनुपालना।
- निरपेक्षता: निर्णय नियमों पर आधारित होते हैं, व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं।
- उदाहरण: सरकारी प्रशासनिक प्रणालियाँ अक्सर ब्योरोक्रेटिक सिद्धांतों का पालन करती हैं ताकि सार्वजनिक सेवाओं की समान और निरपेक्ष प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
आधुनिक दृष्टिकोण
- मानव संबंध दृष्टिकोण
- फोकस: मानव तत्वों और कर्मचारी संतोष की महत्वपूर्णता पर जोर।
- मुख्य विशेषताएँ:
- प्रेरणा और मनोबल: कर्मचारियों की प्रेरणा और मनोबल को सुधारना।
- भागीदारी प्रबंधन: निर्णय-निर्माण प्रक्रियाओं में कर्मचारियों की भागीदारी।
- उदाहरण: हॉथोर्न अध्ययन ने दिखाया कि जब कर्मचारी मूल्यवान महसूस करते हैं और संगठनात्मक निर्णयों में शामिल होते हैं, तो उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है।
- सिस्टम दृष्टिकोण
- फोकस: संगठनों को खुले सिस्टम के रूप में देखना जो अपने पर्यावरण के साथ इंटरैक्ट करते हैं।
- मुख्य विशेषताएँ:
- आपसी निर्भरता: विभिन्न संगठनात्मक घटकों की आपसी निर्भरता की मान्यता।
- लचीलापन: पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति लचीलापन और अनुकूलता पर जोर।
- उदाहरण: टोयोटा प्रोडक्शन सिस्टम एक सिस्टम दृष्टिकोण का उपयोग करता है जो निर्माण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए निरंतर सुधार और लचीलापन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- संदर्भ दृष्टिकोण
- फोकस: सुझाव देता है कि संगठनात्मक रणनीतियाँ और संरचनाएँ बाहरी और आंतरिक परिस्थितियों के आधार पर बदलनी चाहिए।
- मुख्य विशेषताएँ:
- लचीलापन: प्रबंधन प्रथाओं को विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर अनुकूलित किया जाना चाहिए।
- परिस्थितिजन्य विश्लेषण: सर्वोत्तम प्रबंधन दृष्टिकोण निर्धारित करने के लिए परिस्थितिजन्य विश्लेषण पर जोर।
- उदाहरण: एजाइल प्रबंधन तकनीकें तकनीकी कंपनियों में संदर्भ दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जहाँ परियोजना की विशिष्ट आवश्यकताओं और चुनौतियों के आधार पर प्रबंधन तकनीकों को अनुकूलित किया जाता है।
तुलना
- संरचना के प्रति दृष्टिकोण:
- शास्त्रीय: कठोर, स्तरबद्ध संरचनाओं पर जोर।
- आधुनिक: लचीले, अनुकूलनशील संरचनाओं पर ध्यान।
- मानव तत्वों पर ध्यान:
- शास्त्रीय: मानव तत्वों पर सीमित ध्यान, मुख्य रूप से दक्षता और नियमों पर ध्यान।
- आधुनिक: कर्मचारी संतोष, प्रेरणा, और भागीदारी पर जोर।
- संगठन की दृष्टि:
- शास्त्रीय: संगठनों को बंद प्रणालियों के रूप में देखा जाता है जिनकी निश्चित भूमिकाएँ और प्रक्रियाएँ होती हैं।
- आधुनिक: संगठनों को खुले प्रणालियों के रूप में देखा जाता है जो अपने पर्यावरण के साथ इंटरैक्ट करते हैं और अनुकूलित होते हैं।
निष्कर्ष
शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण संगठन के अध्ययन में भिन्न दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। शास्त्रीय दृष्टिकोण दक्षता, संरचना, और मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन, मानव तत्व, और अनुकूलनशीलता पर जोर देता है। इन भिन्न दृष्टिकोणों को समझकर UPSC Mains उम्मीदवार संगठनात्मक सिद्धांतों की जटिलताओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और विभिन्न संदर्भों में उचित प्रथाओं को लागू कर सकते हैं।
See less
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण परिचय लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण में लोक प्रशासन को एक एकीकृत और समग्र प्रणाली के रूप में देखा जाता है, जो विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर संबंधों को समझता है। यह दृष्टिकोण पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न है, जो अक्सर लोक प्रशासन को अलग-अलग कार्यों के संग्Read more
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण
परिचय
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण में लोक प्रशासन को एक एकीकृत और समग्र प्रणाली के रूप में देखा जाता है, जो विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर संबंधों को समझता है। यह दृष्टिकोण पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न है, जो अक्सर लोक प्रशासन को अलग-अलग कार्यों के संग्रह के रूप में देखता है।
समग्र दृष्टिकोण के प्रमुख तत्व
निष्कर्ष
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण से प्रशासन को एक समेकित और गतिशील प्रणाली के रूप में समझने की आवश्यकता है जो विभिन्न कार्यों, पर्यावरणीय परिवर्तनों, हितधारकों की सहभागिता और समन्वय को शामिल करता है। इस दृष्टिकोण को समझकर UPSC Mains उम्मीदवार अधिक प्रभावी और उत्तरदायी शासन के लिए योगदान कर सकते हैं।
See less