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पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अन्तर क्या है?
पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अंतर 1. दृष्टिकोण और कार्यपद्धति: पुरातन प्रशासन मुख्य रूप से कठोर, नौकरशाही और नियम-आधारित था, जिसमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन और केंद्रीकृत नियंत्रण पर जोर दिया जाता था। यह शासन प्रणाली कानूनों और आदेशों के सख्त अनुपालन पर केंद्रित थी। इसके विपरीत, नवRead more
पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अंतर
1. दृष्टिकोण और कार्यपद्धति: पुरातन प्रशासन मुख्य रूप से कठोर, नौकरशाही और नियम-आधारित था, जिसमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन और केंद्रीकृत नियंत्रण पर जोर दिया जाता था। यह शासन प्रणाली कानूनों और आदेशों के सख्त अनुपालन पर केंद्रित थी। इसके विपरीत, नव प्रशासन अधिक लचीला, विकेंद्रीकृत और उत्तरदायी है। यह जन-केंद्रित है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहभागिता और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
2. प्रौद्योगिकी और नवाचार: नव प्रशासन का एक प्रमुख अंतर तकनीक और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग है, जो दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाता है। पुरातन प्रशासनिक प्रक्रिया मैन्युअल और कागजी कार्यों पर निर्भर थी, जिससे निर्णय लेने में विलंब होता था। उदाहरण के लिए, डिजिटल इंडिया (2015 में शुरू किया गया) ने ई-गवर्नेंस के माध्यम से सेवाओं को ऑनलाइन और त्वरित बना दिया है। इससे पारंपरिक प्रणाली से आधुनिक, तकनीक-संचालित प्रशासन में बदलाव आया है।
3. सार्वजनिक उत्तरदायित्व और पारदर्शिता: पुरातन प्रशासन को अक्सर अपारदर्शी और उत्तरदायित्वहीन माना जाता था, क्योंकि इसमें निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया केंद्रित होती थी और नागरिकों को जानकारी तक सीमित पहुंच होती थी। नव प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व पर अधिक जोर दिया गया है, जैसे कि सूचना का अधिकार अधिनियम (2005), जिसने नागरिकों को सरकारी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया है। इससे प्रशासन में जनता का विश्वास बढ़ा है।
4. सेवा वितरण और शासन: पुरातन प्रशासन का मॉडल ऊपर से नीचे (टॉप-डाउन) वाला था, जिसमें केंद्रीकृत नीति और निर्णय सभी के लिए समान रूप से लागू होते थे। इसके विपरीत, नव प्रशासन में विकेंद्रीकरण और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नीतियाँ बनती हैं। उदाहरण के लिए, स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय समस्याओं के लिए विशेष समाधान खोजने का एक उदाहरण है, जो नव प्रशासन की लचीली दृष्टिकोण को दर्शाता है।
निष्कर्ष: पुरातन प्रशासन से नव प्रशासन में बदलाव का उद्देश्य उत्तरदायी, पारदर्शी और तकनीक-संचालित प्रशासन को बढ़ावा देना है। नव प्रशासन नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी सेवा वितरण, उत्तरदायित्व और प्रशासनिक सुधार की दिशा में काम कर रहा है, जो अधिक पारदर्शिता और सहभागिता को सुनिश्चित करता है।
See lessसंगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर करें।
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर परिचय संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानRead more
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर
परिचय
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानव तत्वों पर जोर देता है।
शास्त्रीय दृष्टिकोण
आधुनिक दृष्टिकोण
तुलना
निष्कर्ष
शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण संगठन के अध्ययन में भिन्न दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। शास्त्रीय दृष्टिकोण दक्षता, संरचना, और मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन, मानव तत्व, और अनुकूलनशीलता पर जोर देता है। इन भिन्न दृष्टिकोणों को समझकर UPSC Mains उम्मीदवार संगठनात्मक सिद्धांतों की जटिलताओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और विभिन्न संदर्भों में उचित प्रथाओं को लागू कर सकते हैं।
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लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण परिचय लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण में लोक प्रशासन को एक एकीकृत और समग्र प्रणाली के रूप में देखा जाता है, जो विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर संबंधों को समझता है। यह दृष्टिकोण पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न है, जो अक्सर लोक प्रशासन को अलग-अलग कार्यों के संग्Read more
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण
परिचय
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण में लोक प्रशासन को एक एकीकृत और समग्र प्रणाली के रूप में देखा जाता है, जो विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर संबंधों को समझता है। यह दृष्टिकोण पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न है, जो अक्सर लोक प्रशासन को अलग-अलग कार्यों के संग्रह के रूप में देखता है।
समग्र दृष्टिकोण के प्रमुख तत्व
निष्कर्ष
लोक प्रशासन के समग्र दृष्टिकोण से प्रशासन को एक समेकित और गतिशील प्रणाली के रूप में समझने की आवश्यकता है जो विभिन्न कार्यों, पर्यावरणीय परिवर्तनों, हितधारकों की सहभागिता और समन्वय को शामिल करता है। इस दृष्टिकोण को समझकर UPSC Mains उम्मीदवार अधिक प्रभावी और उत्तरदायी शासन के लिए योगदान कर सकते हैं।
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