नासा’ का जूनो मिशन पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास को समझने में किस प्रकार सहायता करता है ? (150 words) [UPSC 2017]
उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में स्थल रूपों को आकार प्रदान करने में हिमनदों की भूमिका हिमनद (Glaciers) उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में स्थल रूपों के निर्माण और आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1. हिमनदों की उत्पत्ति और क्रियावली: हिमनद एक विशाल, स्थिर हिम की चादर होती है जो उच्च पर्वतीय क्षेत्रों मेRead more
उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में स्थल रूपों को आकार प्रदान करने में हिमनदों की भूमिका
हिमनद (Glaciers) उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में स्थल रूपों के निर्माण और आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1. हिमनदों की उत्पत्ति और क्रियावली:
हिमनद एक विशाल, स्थिर हिम की चादर होती है जो उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में जम जाती है और प्रवाह करती है। हिमनद ग्लेशियल एरोज़न (Glacial Erosion) और ग्लेशियल डिपोजिशन (Glacial Deposition) की प्रक्रियाओं से स्थल रूपों को आकार देती है।
2. हिमनदों द्वारा बनाए गए स्थल रूप:
- उदार्ड (U-shaped Valleys): हिमनदों की गतिविधि के कारण V-आकार की घाटियाँ U-आकार की घाटियों में परिवर्तित हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, स्विट्जरलैंड के आल्प्स में मैटरहॉर्न क्षेत्र की घाटियाँ इस प्रकार की हैं।
- ग्लेशियल टॉन्स (Glacial Tarns): हिमनदों द्वारा खोदी गई गहरी घाटियों में पानी भरने से हिमनदी झीलें बनती हैं। भारत के कश्मीर घाटी में सोनमर्ग की झीलें इस प्रकार की हैं।
- हिमनदी ढलान (Glacial Cirques): यह वे गहरी, अर्धगोलाकार झीलें हैं जो हिमनदों के तले की कटाई से बनती हैं। स्विट्जरलैंड के जेराट क्षेत्र में इसका उदाहरण देखा जा सकता है।
- मोराइन (Moraine): हिमनदों के द्वारा ढोया गया मलबा मोराइन के रूप में जमा होता है। अलास्का और आल्प्स में बड़ी संख्या में मोराइन मिलती हैं।
3. वर्तमान उदाहरण:
हाल ही में, हिमालय में ग्लेशियल रिट्रीट (Glacial Retreat) के कारण नदियों के प्रवाह में बदलाव और हिमनदी झीलों के निर्माण में वृद्धि देखी जा रही है, जो लद्दाख और सिक्किम जैसे क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का संकेत है।
निष्कर्ष:
हिमनदों की गतिविधियाँ उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक और भूगर्भीय स्थल रूपों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन स्थल रूपों के अध्ययन से भूगर्भीय प्रक्रियाओं और जलवायु परिवर्तन की समझ में सहायता मिलती है।
नासा का जूनो मिशन: पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास को समझने में सहायता गृह वैज्ञानिक अध्ययन जूनो मिशन का मुख्य उद्देश्य बृहस्पति के अध्ययन पर केंद्रित है, जो सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति की संरचना, गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन कर, वैज्ञानिक पृथ्वी और अन्य ग्रहों के निर्माण की प्रRead more
नासा का जूनो मिशन: पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास को समझने में सहायता
गृह वैज्ञानिक अध्ययन
जूनो मिशन का मुख्य उद्देश्य बृहस्पति के अध्ययन पर केंद्रित है, जो सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति की संरचना, गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन कर, वैज्ञानिक पृथ्वी और अन्य ग्रहों के निर्माण की प्रक्रियाओं को समझने में सहायता प्राप्त करते हैं।
तुलनात्मक ग्रहविज्ञान
बृहस्पति की संरचना और विकास के अध्ययन से तुलनात्मक ग्रहविज्ञान में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। बृहस्पति के कोर और वायुमंडलीय गुणधर्म पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रियाओं की जानकारी देने में सहायक होते हैं।
हालिया खोजें
जूनो ने हाल ही में बृहस्पति के गहरे कोर की जटिल संरचना का खुलासा किया है, जो ग्रहों के निर्माण की प्रक्रियाओं के समझने में मदद करता है। इस मिशन से प्राप्त डेटा पृथ्वी के प्रारंभिक सौरमंडल के इतिहास को पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जूनो मिशन से मिली जानकारी सौरमंडल की उत्पत्ति और पृथ्वी के विकास की प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने में सहायक है।
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