महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत क्या है? इसका समर्थन करने वाले साक्ष्यों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ: सहायक सीमाएँ (Divergent Boundaries): विवरण: ये सीमाएँ तब बनती हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं। विशेषताएँ: इस प्रक्रिया में एक नई क्रस्ट का निर्माण होता है। इस प्रकार की सीमाओं पर आमतौर पर मिड-आट्लांटिक रिज जैसे महासागर के बीच रिफ्ट जोन और लावा के विस्फोटRead more
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ:
- सहायक सीमाएँ (Divergent Boundaries):
- विवरण: ये सीमाएँ तब बनती हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं।
- विशेषताएँ: इस प्रक्रिया में एक नई क्रस्ट का निर्माण होता है। इस प्रकार की सीमाओं पर आमतौर पर मिड-आट्लांटिक रिज जैसे महासागर के बीच रिफ्ट जोन और लावा के विस्फोट होते हैं।
- उदाहरण: मिड-आट्लांटिक रिज, ईस्ट अफ्रीकी रिफ्ट।
- सहगामी सीमाएँ (Convergent Boundaries):
- विवरण: जब दो प्लेटें एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं और टकराती हैं तो ये सीमाएँ बनती हैं।
- विशेषताएँ: यह एक प्लेट के दूसरे के नीचे खिसकने (subduction) का कारण बनता है, जिससे पर्वत निर्माण, भूकंप, और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं।
- उदाहरण: हिमालय, पेरू-चिली ट्रेंच, और जापान का तटीय क्षेत्र।
- पार्श्व सीमाएँ (Transform Boundaries):
- विवरण: इन सीमाओं पर, दो प्लेटें एक-दूसरे के सापेक्ष क्षैतिज दिशा में गति करती हैं।
- विशेषताएँ: इस प्रकार की सीमाओं पर भूकंप आम हैं, लेकिन नई क्रस्ट का निर्माण या विनाश नहीं होता।
- उदाहरण: सैन एंड्रियास फॉल्ट (अमेरिका), अल्पाइन फॉल्ट (न्यूजीलैंड)।
प्लेट विवर्तनिकी की ये सीमाएँ पृथ्वी की सतह की गतिशीलता और भूगर्भीय घटनाओं को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
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महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्Read more
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory)
सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्माण हुआ और ये धीरे-धीरे वर्तमान स्थानों पर पहुँचे।
साक्ष्य:
इन साक्ष्यों ने महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत को समर्थन दिया, हालांकि इसे अधिक व्यापक रूप से समझाने के लिए प्लेट टेक्टॉनिक्स के सिद्धांत का विकास हुआ, जिसने महाद्वीपीय प्रवाह और अन्य भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को एक एकीकृत ढांचे में समझाया।
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