ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी आपस में कैसी संबंधित हैं? ज्वालामुखी उद्गार के संभावित सभी कारणों पर प्रकाश डालिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes): परिभाषा: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के अंदर की ताकतों द्वारा संचालित होती हैं। ये आमतौर पर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से संबंधित होती हैं। उदाहरण: भूकंप: जब पृथ्वी की सतह पर तनाव औरRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ
- अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes):
- परिभाषा: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के अंदर की ताकतों द्वारा संचालित होती हैं। ये आमतौर पर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से संबंधित होती हैं।
- उदाहरण:
- भूकंप: जब पृथ्वी की सतह पर तनाव और दबाव संचित होते हैं, तो अचानक उनका विस्फोट भूकंप का कारण बनता है।
- ज्वालामुखी विस्फोट: मैग्मा का पृथ्वी की सतह पर उभार और विस्फोट अंतर्जनित प्रक्रिया का परिणाम है।
- बहिर्जनित प्रक्रियाएँ (Exogenic Processes):
- परिभाषा: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह पर बाहरी ताकतों जैसे जल, वायु, और तापमान परिवर्तन से होती हैं। ये सतही परिवर्तनों और अपक्षय से संबंधित होती हैं।
- उदाहरण:
- अपक्षय (Weathering): चट्टानों का टूटना और विघटन बाहरी तत्वों जैसे हवा और पानी के प्रभाव से होता है।
- गलीकरण (Erosion): जल, वायु, और बर्फ के द्वारा चट्टानों और मिट्टी की स移动 होती है।
अपक्षय का महत्व:
- मृदा निर्माण: अपक्षय से चट्टानों का विघटन होकर मिट्टी का निर्माण होता है, जो कृषि और वनस्पति के लिए आवश्यक है।
- परिस्थितिक तंत्र में भूमिका: अपक्षय विभिन्न जलीय और स्थलाकृति प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है, जो पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।
- भू-आकृतिक परिवर्तन: यह सतह पर भू-आकृतिक परिवर्तनों का कारण बनता है, जैसे कि घाटियों का निर्माण और पहाड़ी क्षेत्र की विशेषताएँ।
इस प्रकार, अंतर्जनित और बहिर्जनित प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह और आंतरिक संरचना को विभिन्न तरीकों से आकार देती हैं, और अपक्षय की प्रक्रियाएँ इन परिवर्तनों के साथ-साथ पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करती हैं।
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ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी आपस में कैसी संबंधित हैं? ज्वालामुखी उद्गार के संभावित सभी कारणों पर प्रकाश डालिये ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी का आपसी संबंध: 1. भौगोलिक संबंध: ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी सभी भूगर्भीय गतिविधियों के परिणाम हैं। भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ अक्सर टेकटोनिक प्लेटों की गतिRead more
ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी आपस में कैसी संबंधित हैं? ज्वालामुखी उद्गार के संभावित सभी कारणों पर प्रकाश डालिये
ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी का आपसी संबंध:
1. भौगोलिक संबंध: ज्वालामुखी, भूकंप और सुनामी सभी भूगर्भीय गतिविधियों के परिणाम हैं। भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ अक्सर टेकटोनिक प्लेटों की गतिविधियों से संबंधित होती हैं, जहाँ प्लेटों की टकराहट या घिसाई से तनाव उत्पन्न होता है। जब यह तनाव अत्यधिक हो जाता है, तो यह भूकंप का कारण बनता है और ज्वालामुखी में लावा का उद्गार होता है।
2. ज्वालामुखी और भूकंप: ज्वालामुखी उद्गार और भूकंप एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। ज्वालामुखी के भीतर मग्मा का संचित होना और दबाव में वृद्धि से भूकंप उत्पन्न हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2010 में आइसलैंड का एयाफजाल्लाजोकुल ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान कई भूकंपों का कारण बना।
3. ज्वालामुखी और सुनामी: सुनामी ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद उत्पन्न हो सकती है, विशेषकर जब ज्वालामुखी समुद्र में होता है और इसके विस्फोट से मासिक तरंगें उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, 1883 का क्राकाटोआ विस्फोट ने एक विशाल सुनामी उत्पन्न की थी, जिससे आसपास के तटों पर भारी तबाही हुई।
ज्वालामुखी उद्गार के संभावित कारण:
1. मग्मा का संचित होना: जब मग्मा (पिघला हुआ चट्टान) पृथ्वी की आंतरिक परतों में संचित होता है, तो इसका दबाव बढ़ता है और ज्वालामुखी उद्गार हो सकता है।
2. टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियाँ: टेक्टोनिक प्लेटों की टकराहट और उनके रिड़ना से मग्मा की रचना और उसकी सतह पर चढ़ाई होती है, जो ज्वालामुखी के उद्गार का कारण बनती है।
3. गैस का संचित होना: ज्वालामुखी के भीतर गैसों का संचित होना (जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड) भी दबाव उत्पन्न करता है, जो अंततः विस्फोट का कारण बनता है।
4. पृथ्वी की आंतरिक संरचना में परिवर्तन: आंतरिक दबाव और संरचनात्मक परिवर्तन भी ज्वालामुखी विस्फोट को प्रेरित कर सकते हैं, जैसे कि सुपरवॉल्कानो विस्फोट जो अत्यधिक प्रभावशाली होते हैं।
निष्कर्ष: ज्वालामुखी, भूकंप, और सुनामी भूगर्भीय प्रक्रियाओं के परिणाम हैं और आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। ज्वालामुखी उद्गार के लिए मग्मा का संचित होना, टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियाँ, गैस संचित होना, और आंतरिक संरचनात्मक परिवर्तन प्रमुख कारण हैं। इन प्रक्रियाओं की समझ प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में सहायक होती है।
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