प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना क्या है?
आग्नेय शैल: एक अवलोकन परिभाषा आग्नेय शैल (Igneous Rock) उन चट्टानों का समूह है जो मैग्मा या लावा के ठोस होने और ठंडा होने के परिणामस्वरूप बनती हैं। ये शैलें पृथ्वी के आंतरिक अंगों से उत्पन्न होती हैं और इनकी विशेषता उनकी खनिज संरचना और ठंडा होने की प्रक्रिया पर निर्भर करती है। 'आग्नेय' शब्द लैटिन शबRead more
आग्नेय शैल: एक अवलोकन
परिभाषा आग्नेय शैल (Igneous Rock) उन चट्टानों का समूह है जो मैग्मा या लावा के ठोस होने और ठंडा होने के परिणामस्वरूप बनती हैं। ये शैलें पृथ्वी के आंतरिक अंगों से उत्पन्न होती हैं और इनकी विशेषता उनकी खनिज संरचना और ठंडा होने की प्रक्रिया पर निर्भर करती है। ‘आग्नेय’ शब्द लैटिन शब्द ignis से आया है, जिसका अर्थ ‘आग’ होता है, जो इनकी अग्नि से उत्पन्न होने की प्रक्रिया को दर्शाता है।
आग्नेय शैल के प्रकार
- आंतरिक (प्लूटोनिक) शैल:
- निर्माण: ये शैलें तब बनती हैं जब मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे ठंडा और ठोस होता है। धीमी ठंडाई की प्रक्रिया से बड़ी और स्पष्ट क्रिस्टल बनते हैं।
- उदाहरण: ग्रेनाइट, डायोराइट।
- हाल का उदाहरण: कैलिफोर्निया का सिएरा नेवाडा बैथोलिथ, जिसमें प्रसिद्ध योसेमाइट नेशनल पार्क शामिल है, मुख्य रूप से ग्रेनाइट से बना है जो भूमिगत ठंडा हुआ मैग्मा है।
- बाहरी (वोल्कैनिक) शैल:
- निर्माण: ये शैलें तब बनती हैं जब लावा पृथ्वी की सतह पर फूटता है और तेजी से ठंडा होता है। तेजी से ठंडा होने से छोटे क्रिस्टल या काच की बनावट हो सकती है।
- उदाहरण: बासाल्ट, प्यूमिस, ओब्सीडियन।
- हाल का उदाहरण: 2010 आयाफ़जल्लाजोकुल (Eyjafjallajökull) विस्फोट ने आइसलैंड में बासाल्टिक लावा प्रवाह उत्पन्न किया, जो तेजी से ठंडा होकर बासाल्टिक शैल में परिवर्तित हो गया।
मुख्य विशेषताएँ
- खनिज संरचना:
- सिलिका सामग्री: आग्नेय शैलें उनकी सिलिका सामग्री के आधार पर वर्गीकृत की जाती हैं, जैसे कि फेल्सिक (उच्च सिलिका), मध्यवर्ती, मैफिक (कम सिलिका), और अल्ट्रा-मैफिक (बहुत कम सिलिका)।
- उदाहरण: ग्रेनाइट फेल्सिक है जिसमें उच्च सिलिका सामग्री होती है, जबकि बासाल्ट मैफिक है जिसमें कम सिलिका सामग्री होती है।
- संरचना:
- क्रिस्टलीय संरचना: आंतरिक आग्नेय शैलें आमतौर पर मोटी-ग्रेनी संरचना रखती हैं, क्योंकि ठंडा होने की धीमी प्रक्रिया से बड़े क्रिस्टल बनते हैं।
- काच की संरचना: बाहरी आग्नेय शैलें काच की संरचना की हो सकती हैं, जैसे कि ओब्सीडियन, यदि लावा बहुत तेजी से ठंडा हो जाए तो।
हाल के उदाहरण और प्रभाव
- वोल्कैनिक विस्फोट और शैल निर्माण:
- उदाहरण: 2018 किलुआ (Kilauea) विस्फोट ने हवाई में बासाल्टिक लावा के बड़े प्रवाह का निर्माण किया, जिससे नए बासाल्टिक भूमि रूपों का निर्माण हुआ और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ा।
- भौगोलिक अध्ययन और संसाधन:
- उदाहरण: डेक्कन ट्रैप्स (Deccan Traps) का अध्ययन, जो विश्व के सबसे बड़े वोल्कैनिक प्रांतों में से एक है, बड़े पैमाने पर वोल्कैनिक घटनाओं और उनके जलवायु और जैव विविधता पर प्रभाव को समझने में सहायक है।
- आर्थिक महत्व:
- उदाहरण: ग्रेनाइट का उपयोग निर्माण और स्मारकों में किया जाता है, इसकी मजबूती और सौंदर्य के कारण। हाल के उत्खनन कार्यों, जैसे कि भारत और ब्राज़ील में, ने आग्नेय शैल के आर्थिक महत्व को उजागर किया है।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
- पर्यावरणीय प्रभाव:
- समस्या: ग्रेनाइट जैसे आग्नेय शैल के उत्खनन और खनन से पर्यावरणीय क्षति हो सकती है, जिसमें आवास का विनाश और प्रदूषण शामिल है।
- प्राकृतिक खतरें:
- समस्या: वोल्कैनिक विस्फोट, जो बाहरी आग्नेय शैल उत्पन्न करते हैं, जैसे लावा प्रवाह, राख के झरने, और पायरोक्लास्टिक प्रवाह, मानव बस्तियों और प्राकृतिक परिदृश्यों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
निष्कर्ष आग्नेय शैलें पृथ्वी की भूगोल की समझ के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये ज्वालामुखीय गतिविधियों और पृथ्वी की सतह की संरचना के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। इनकी निर्माण प्रक्रिया, वर्गीकरण, और विशेषताएँ विभिन्न वैज्ञानिक और व्यावहारिक अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण हैं। हाल के ज्वालामुखीय घटनाएँ और ongoing भूगोलिक अध्ययन आग्नेय शैल के प्राकृतिक प्रक्रियाओं और मानव गतिविधियों पर प्रभाव को उजागर करते हैं।
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उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना परिचय: उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी (Continental Crust) पृथ्वी की बाहरी परत का हिस्सा है जो महाद्वीपों के नीचे स्थित होती है। इसकी संरचना और गुणधर्म महाद्वीपीय भूपर्पटी की रचना और भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी कीRead more
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना
परिचय:
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी (Continental Crust) पृथ्वी की बाहरी परत का हिस्सा है जो महाद्वीपों के नीचे स्थित होती है। इसकी संरचना और गुणधर्म महाद्वीपीय भूपर्पटी की रचना और भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की प्रमुख विशेषताएँ:
हाल के उदाहरण और अनुसंधान:
निष्कर्ष:
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना एक जटिल और विविधतापूर्ण प्रणाली है जिसमें विभिन्न प्रकार की चट्टानें और भूगर्भीय प्रक्रियाएँ शामिल हैं। इसके अध्ययन से हमें पृथ्वी की भूगर्भीय विकास प्रक्रिया, महाद्वीपीय निर्माण, और विभिन्न भूगर्भीय गतिविधियों की गहरी समझ प्राप्त होती है।
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