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'महासागर संसाधनों का भंडार है।' संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
महासागर संसाधनों का भंडार: संक्षिप्त टिप्पणी 1. मौद्रिक संसाधन: महासागर मूल्यवान खनिजों और उत्पादों का भंडार हैं, जैसे कि तांबा, निकल, और कोबाल्ट। अग्नीय और भौतिक संसाधनों की खोज और दोहन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। 2. मत्स्य संसाधन: महासागर प्राकृतिक मत्स्य संसाधनों का प्रमुख स्रोत हैं।Read more
महासागर संसाधनों का भंडार: संक्षिप्त टिप्पणी
1. मौद्रिक संसाधन: महासागर मूल्यवान खनिजों और उत्पादों का भंडार हैं, जैसे कि तांबा, निकल, और कोबाल्ट। अग्नीय और भौतिक संसाधनों की खोज और दोहन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।
2. मत्स्य संसाधन: महासागर प्राकृतिक मत्स्य संसाधनों का प्रमुख स्रोत हैं। मत्स्य पालन विश्व की प्रोटीन की ज़रूरतों को पूरा करता है और आय का स्रोत भी है।
3. ऊर्जा संसाधन: महासागर तटीय लहर ऊर्जा, हवा की ऊर्जा, और थर्मल ऊर्जा जैसे पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा संसाधनों का स्रोत हैं।
4. पर्यावरणीय सेवाएँ: महासागर जलवायु नियंत्रण, कार्बन अवशोषण, और तटीय संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष: महासागर प्राकृतिक संसाधनों का एक विशाल भंडार हैं, जो आर्थिक, ऊर्जा, और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन संसाधनों का सतत और जिम्मेदार उपयोग वैश्विक विकास के लिए आवश्यक है।
See lessमहासागर धाराएँ और जल राशियाँ समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर अपने प्रभावों में किस-किस प्रकार परस्पर भिन्न हैं ? उपयुक्त उदाहरण दीजिए। (250 words) [UPSC 2019]
महासागर धाराएँ और जल राशियाँ: समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर प्रभाव परिचय: महासागर धाराएँ और जल राशियाँ (ocean currents and water masses) समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। ये धाराएँ और जल राशियाँ पृथ्वी की जलवायु, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र, और तटीय पर्यावरण को प्रभावितRead more
महासागर धाराएँ और जल राशियाँ: समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर प्रभाव
परिचय: महासागर धाराएँ और जल राशियाँ (ocean currents and water masses) समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। ये धाराएँ और जल राशियाँ पृथ्वी की जलवायु, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र, और तटीय पर्यावरण को प्रभावित करती हैं, लेकिन उनके प्रभाव में विभिन्न प्रकार की परस्पर भिन्नताएँ होती हैं।
महासागर धाराओं के प्रभाव:
जल राशियों के प्रभाव:
हाल की घटनाएँ: हाल ही में, “प्रशांत ओसियन में एलेनिन” (El Niño) और “लॉस नीños” जैसी जलवायु घटनाओं ने महासागर धाराओं और जल राशियों के प्रभाव को बदल दिया है, जिससे वैश्विक मौसम और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र में व्यापक परिवर्तन हुए हैं।
निष्कर्ष: महासागर धाराएँ और जल राशियाँ समुद्री जीवन और तटीय पर्यावरण पर भिन्न-भिन्न प्रभाव डालती हैं। ये प्रभाव पारिस्थितिक तंत्र की संरचना, जलवायु, और आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। इसलिए, इनकी गतिशीलता और परिवर्तनशीलता को समझना आवश्यक है ताकि समुद्री और तटीय प्रबंधन नीतियों को उचित तरीके से लागू किया जा सके।
See lessमहासागरीय जल धाराएं जलवायु को नियंत्रित करने और पृथ्वी पर समुद्री जीवन को समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
महासागरीय जल धाराएं पृथ्वी के जलवायु और समुद्री जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये धाराएं गर्म और ठंडे पानी को भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक और ध्रुवों से भूमध्य रेखा की ओर ले जाती हैं, जिससे वैश्विक तापमान का संतुलन बना रहता है। उदाहरण के लिए, गल्फ स्ट्रीम उत्तर-पश्चिमी यूरोप को अपेक्षाकृत गर्म रखतीRead more
महासागरीय जल धाराएं पृथ्वी के जलवायु और समुद्री जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये धाराएं गर्म और ठंडे पानी को भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक और ध्रुवों से भूमध्य रेखा की ओर ले जाती हैं, जिससे वैश्विक तापमान का संतुलन बना रहता है। उदाहरण के लिए, गल्फ स्ट्रीम उत्तर-पश्चिमी यूरोप को अपेक्षाकृत गर्म रखती है, जबकि कैलिफोर्निया धारा पश्चिमी अमेरिका को ठंडा करती है।
जल धाराएं महासागरीय पोषक तत्वों का वितरण भी सुनिश्चित करती हैं, जिससे समुद्री जीवन को आवश्यक पोषण मिलता है। ये धाराएं प्लवक, मछलियों और अन्य समुद्री जीवों के आवास क्षेत्रों में पोषक तत्वों की आपूर्ति करती हैं, जिससे मछली पालन और जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, महासागरीय धाराएं कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण में भी सहायक होती हैं, जो वैश्विक जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इस प्रकार, महासागरीय जल धाराएं पृथ्वी के पर्यावरण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See lessपरि-प्रशान्त क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षणों का विवेचन कीजिए। (150 words)[UPSC 2020]
परि-प्रशान्त क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षण भौगोलिक स्थिति और सीमा: परि-प्रशान्त क्षेत्र (Pacific Ring of Fire) एक भूगर्भीय क्षेत्र है जो प्रशान्त महासागर के चारों ओर स्थित है। यह क्षेत्र ध्रुवीय आर्कटिक से लेकर दक्षिणी अमेरिका तक फैला हुआ है और इसे विवर्तनशील भू-गर्भीय गतिविधियाँ के लिए जाना जाता हRead more
परि-प्रशान्त क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षण
भौगोलिक स्थिति और सीमा: परि-प्रशान्त क्षेत्र (Pacific Ring of Fire) एक भूगर्भीय क्षेत्र है जो प्रशान्त महासागर के चारों ओर स्थित है। यह क्षेत्र ध्रुवीय आर्कटिक से लेकर दक्षिणी अमेरिका तक फैला हुआ है और इसे विवर्तनशील भू-गर्भीय गतिविधियाँ के लिए जाना जाता है।
भू-भौतिकीय अभिलक्षण:
हाल के उदाहरण:
निष्कर्ष:
परि-प्रशान्त क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षण, जैसे कि भूकंप क्षेत्रों, ज्वालामुखीय गतिविधियाँ, और सुनामी उत्पत्ति, इस क्षेत्र की भौगोलिक और भूकंपीय प्रकृति को स्पष्ट करते हैं। ये अभिलक्षण वैश्विक भू-गर्भीय प्रक्रियाओं और प्राकृतिक आपदाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
See lessसमुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ कौन सी हैं? विश्व के मत्स्य उद्योग में इनके योगदान का वर्णन करें। (250 words) [UPSC 2022]
समुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ और विश्व के मत्स्य उद्योग में उनके योगदान समुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ: पारंपरिक और कोरियोलिस प्रभाव: समुद्री धाराओं की दिशा पर पारंपरिक और कोरियोलिस प्रभाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण, उत्तरी गोलार्ध में धRead more
समुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ और विश्व के मत्स्य उद्योग में उनके योगदान
समुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ:
विश्व के मत्स्य उद्योग में योगदान:
निष्कर्ष: समुद्री धाराएँ विभिन्न प्राकृतिक शक्तियों द्वारा प्रभावित होती हैं, जो मत्स्य जीवन और विश्व मत्स्य उद्योग पर गहरा असर डालती हैं। धाराओं की दिशा और विशेषताएँ मत्स्य विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, और आर्थिक योगदान को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं।
See lessमहासागरीय लवणता को निर्धारित करने वाले कारकों पर प्रकाश डालते हुए, विश्व भर में इसके स्थानिक वितरण पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
महासागरीय लवणता एक महत्वपूर्ण भौतिक गुण है जो पानी में विभिन्न धातु, जैव तत्व और अन्य योगिक पदार्थों के साथ मिलकर विषाणुकों को नियंत्रित करता है। इसके स्तर को निरंतर नियंत्रित रखना जरूरी है क्योंकि यह पानी के जीवों के लिए महत्वपूर्ण है। महासागरीय लवणता को निर्धारित करने वाले कारकों में मुख्य रूप सेRead more
महासागरीय लवणता एक महत्वपूर्ण भौतिक गुण है जो पानी में विभिन्न धातु, जैव तत्व और अन्य योगिक पदार्थों के साथ मिलकर विषाणुकों को नियंत्रित करता है। इसके स्तर को निरंतर नियंत्रित रखना जरूरी है क्योंकि यह पानी के जीवों के लिए महत्वपूर्ण है।
महासागरीय लवणता को निर्धारित करने वाले कारकों में मुख्य रूप से जल, पानी का तापमान, पानी में उपस्थित अन्य योगिक पदार्थ और जीवों की गतिविधियों का प्रभाव शामिल होता है।
विश्व भर में महासागरीय लवणता का स्थानिक वितरण महासागरों के जल के स्रोत, जलमार्ग, हवाई जहाजों द्वारा हुए परिवहन, और पानी की गतिविधियों पर निर्भर करता है।
जिस प्रकार से जल संकट, जल उपचार, और जल संवर्धन के मामले विविधता दिखाते हैं, उसी तरह से महासागरीय लवणता के वितरण में भी स्थानीय सांस्कृतिक, आर्थिक और जैविक प्रक्रियाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
See lessयह देखा गया है कि 1948 में रिकॉर्ड रखने के बाद से ग्रीनलैंड आइस शीट (GriS) अपने "सतही द्रव्यमान" में सबसे बड़ी गिरावट के चरण से गुजर रही है। इस गिरावट के लिए उत्तरदायी कारणों और इसके संभावित परिणामों का परीक्षण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
1948 में रिकॉर्ड रखने के बाद से ग्रीनलैंड आइस शीट (GriS) में गतिविधि की गिरावट चिंताजनक है। इसके कारण शामिल हैं जलवायु परिवर्तन और उच्चतम तापमान की बढ़त। उत्तरदायी कारण: ऊष्माग्रीणी: ऊष्माग्रीणी के कारण ग्रीनलैंड की गर्मी बढ़ रही है और आइस शीट पर गिरावट का कारण बन रही है। जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिRead more
1948 में रिकॉर्ड रखने के बाद से ग्रीनलैंड आइस शीट (GriS) में गतिविधि की गिरावट चिंताजनक है। इसके कारण शामिल हैं जलवायु परिवर्तन और उच्चतम तापमान की बढ़त।
इससे समुद्र स्तर, मौसम और जलवायु परिवर्तन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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