हिन्दू विकास दर’ क्या है? यह अवधारणा किसने दी है? [उत्तर सीमाः 20 शब्द] [UKPSC 2012]
मानव विकास सूचकांक (HDI) के प्रमुख निर्धारक मानव विकास सूचकांक (HDI) एक समग्र सूचकांक है जो मानव विकास को मापने के लिए तीन प्रमुख तत्वों पर आधारित है: जीवन प्रत्याशा: एक व्यक्ति के जीवनकाल का औसत अनुमान, जो स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता को दर्शाता है। शैक्षिक उपलब्धि: यह सूचकांक प्रारंभिRead more
मानव विकास सूचकांक (HDI) के प्रमुख निर्धारक
मानव विकास सूचकांक (HDI) एक समग्र सूचकांक है जो मानव विकास को मापने के लिए तीन प्रमुख तत्वों पर आधारित है:
- जीवन प्रत्याशा: एक व्यक्ति के जीवनकाल का औसत अनुमान, जो स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता को दर्शाता है।
- शैक्षिक उपलब्धि: यह सूचकांक प्रारंभिक शिक्षा (साक्षरता दर) और उच्च शिक्षा (विद्यालयों में नामांकन) से जुड़ा है।
- प्रति व्यक्ति आय: यह आर्थिक सम्पन्नता को मापता है, जिसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर मापा जाता है।
भारत के संदर्भ में प्रमुख निर्धारक
भारत के संदर्भ में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक है। शिक्षा का स्तर और स्कूलों की पहुँच राष्ट्रीय विकास के लिए बुनियादी हैं। भारत में शिक्षा का विस्तार (जैसे सार्वभौमिक शिक्षा अभियान) और साक्षरता दर में वृद्धि ने विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि, भारत में शिक्षा प्रणाली को लेकर अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जैसे शिक्षक-छात्र अनुपात, गुणवत्ता और आधुनिक शिक्षा सुविधाओं की कमी। 2021 में, भारत का HDI 0.645 था, जो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के साथ HDI में सुधार हो सकता है, जिससे समग्र जीवन गुणवत्ता में वृद्धि हो।
'हिन्दू विकास दर' आर्थिक विकास की उस दर को दर्शाता है, जो हिन्दू जनसंख्या के बीच हुई है। इसे पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रचलित किया।
‘हिन्दू विकास दर’ आर्थिक विकास की उस दर को दर्शाता है, जो हिन्दू जनसंख्या के बीच हुई है। इसे पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रचलित किया।
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