प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य क्या है?
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे और नियंत्रण तंत्र नाभिकीय प्रसार के मुद्दे: वैश्विक सुरक्षा संकट: नाभिकीय प्रसार का मतलब है नाभिकीय हथियार और प्रौद्योगिकी का फैलाव। यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि अधिक देशों या गैर-राज्य अभिनेताओं के पास ऐसे हथियार होने से नाभिकीय संघर्ष की संभावना बढ़ जRead more
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे और नियंत्रण तंत्र
नाभिकीय प्रसार के मुद्दे:
- वैश्विक सुरक्षा संकट: नाभिकीय प्रसार का मतलब है नाभिकीय हथियार और प्रौद्योगिकी का फैलाव। यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि अधिक देशों या गैर-राज्य अभिनेताओं के पास ऐसे हथियार होने से नाभिकीय संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है। हाल ही में, उत्तर कोरिया के नाभिकीय परीक्षण और मिसाइल विकास ने वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।
- क्षेत्रीय अस्थिरता: नाभिकीय हथियारों का प्रसार क्षेत्रीय हथियारों की दौड़ को प्रेरित कर सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच नाभिकीय प्रतिद्वंद्विता ने दक्षिण एशिया में बढ़ती सैन्य तनाव और अस्थिरता को जन्म दिया है।
- आतंकवाद का खतरा: प्रसार के कारण नाभिकीय आतंकवाद का जोखिम भी बढ़ जाता है। नाभिकीय सामग्री के आतंकवादी संगठनों के हाथों में जाने की संभावना एक महत्वपूर्ण चिंता है, जैसे कि 2016 की ब्रुसेल्स बमबारी के बाद नाभिकीय सामग्री की तस्करी के डर ने बढ़ा दिया।
विद्यमान नियंत्रण तंत्र:
- नाभिकीय अप्रसार संधि (NPT): NPT, 1970 से प्रभावी, का उद्देश्य नाभिकीय हथियारों का प्रसार रोकना और शांतिपूर्ण नाभिकीय सहयोग को बढ़ावा देना है। हालांकि, इसकी प्रवर्तन में चुनौतियाँ बनी रहती हैं, फिर भी यह सफल रही है और केवल नौ देशों के पास नाभिकीय हथियार हैं।
- सम्पूर्ण नाभिकीय-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT): CTBT, 1996 में अपनाई गई, सभी नाभिकीय विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करती है। हालांकि प्रमुख देशों द्वारा अनुमोदन की कमी के कारण यह प्रभावी नहीं है, फिर भी इसने वैश्विक नाभिकीय परीक्षणों की कमी में योगदान किया है।
- अंतर्राष्ट्रीय नाभिकीय ऊर्जा एजेंसी (IAEA): IAEA नाभिकीय कार्यक्रमों की निगरानी करती है ताकि अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इसके निरीक्षण यह सुनिश्चित करते हैं कि नाभिकीय प्रौद्योगिकी का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाए।
निष्कर्ष: इन तंत्रों के बावजूद, नाभिकीय प्रसार की चुनौतियाँ महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सतर्कता के साथ निरंतर संबोधित करने की आवश्यकता है।
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शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्Read more
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, जिसे CSIR (काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) द्वारा 1958 में स्थापित किया गया था, भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उनकी उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित करता है। यहाँ शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है, हाल के उदाहरणों के साथ:
1. उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता
2. वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित और बढ़ावा देना
3. वैज्ञानिक करियर का समर्थन और उन्नति
4. राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना
5. सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना
6. वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना
निष्कर्ष
शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का उद्देश्य उत्कृष्ट वैज्ञानिक उपलब्धियों की मान्यता देना, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, वैज्ञानिक करियर का समर्थन करना, राष्ट्रीय वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना, सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना, और वैज्ञानिक संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए एक सम्मानित मानक स्थापित करता है।
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